अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। बात चाहे पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, बेचैनी की हो या फिर मूड स्विंग की। महिलाएं अपनी ज्यादातर परेशानियों को इग्नोर कर देती हैं। कई बार महिलाओं को बिना पीरियड्स के भी पेट में दर्द या पेट के निचले हिस्से में बेचैनी महसूस होती है। अगर आप भी पेट में होने वाली परेशानियों को नजरअंदाज करती हैं, तो सावधान हो जाइए। पेट में दर्द या बेचैनी होने का कारण सिर्फ पाचन संबंधी समस्याएं नहीं बल्कि ओवेरियन सिस्ट भी हो सकती है। ओवेरियन सिस्ट यानी की महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट हो जाते हैं। ये गांठ दिखने में छोटी थैली की जैसी लगती हैं जो कई तरह के तरल पदार्थों से भरी हुई होती है। गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि ओवरी में सिस्ट के लक्षण तब तक सामने नहीं आते हैं, जब तक की गांठ (सिस्ट) बड़ी न हो जाए या फिर महिलाओं को पेट में दर्द जैसे लक्षण महसूस न हों।
हालांकि जब बात ओवरी में सिस्ट की बात होती है, तो लोग सिर्फ इसके लक्षण और इलाज के बारे में बात करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि ओवरी में सिस्ट किस पोषक तत्व की कमी की वजह से होती है? जी हां, तमाम हार्मोनल परेशानियों की तरह ही ओवरी में सिस्ट की समस्या भी पोषक तत्वों के कारण होती है। आज इस लेख में हम आपको इसी विषय पर जानकारी देने वाले हैं। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
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किन पोषक तत्वों की कमी से हो सकती है ओवेरियन सिस्ट की समस्या?- Deficiency of which nutrients can cause ovarian cyst problem?
डॉक्टर के अनुसार, महिलाओं को ओवरी में सिस्ट की समस्या विटामिन डी और कैल्शियम की कमी की वजह से होती है। जो महिलाएं अपनी रोजमर्रा की जीवनशैली में खानपान का ध्यान नहीं रखती हैं उनमें कैल्शियम की कमी देखी जाती है। साथ ही, जो महिलाएं धूप में बहुत कम समय बिताती हैं, उनमें विटामिन डी की कमी होती है। जब महिलाओं के शरीर में इन दोनों पोषक तत्वों का असंतुलन होता है, तब ओवरी में सिस्ट की समस्या होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन पोषक तत्वों की कमी के कारण महिलाओं के अंडाशय से निकलने वाला फॉलिकल अंडा जारी नहीं कर पाता है, जिसके कारण सिस्ट का निर्माण होता है। डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि ओवरी में सिस्ट की समस्या से बचाव करने के लिए महिलाओं को रोजाना 842 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। उम्र और स्वास्थ्य के लिहाज से आपको कितने मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत है, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
ओवरी में सिस्ट कितने प्रकार के होते हैं?- How many types of ovarian cysts are there?
डॉ. आस्था का कहना है कि महिलाओं के ओवरी में सिस्ट मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं। आइए जानते हैं इसका बारे में...
1. फंक्शनल सिस्ट
2. पैथोलॉजिकल सिस्ट
ओवरी में बनने वाले फंक्शनल सिस्ट ज्यादातर प्राकृतिक तरीके से ही बनते हैं। फंक्शनल सिस्ट की वजह से कोई गंभीर बीमारी महिलाओं को नहीं होती है। लेकिन जब बात पैथोलॉजिकल सिस्ट की आती है, तो यह कैंसर का कारण बन सकता है।
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ओवरी में सिस्ट से बचाव के उपाय- Ways to prevent ovarian cysts
डॉक्टर के अनुसार, अपनी जीवनशैली में बदलाव करके ओवरियन सिस्ट से बचा जा सकता है।
- रोजाना की डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें
- प्रतिदिन 3 लीटर पानी जरूर पिएं।
- प्राणायाम और योगाभ्यास करें।
- बाहर खाना खाने से बचें।
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