Can Ovarian Cysts Affect Chances of Becoming Pregnant : मां बनना हर महिला का सपना होता है। लेकिन आज की जीवनशैली में खानपान, प्रदूषण, केमिकल्स और कई मेडिकल कारणों से महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी आती है। पीसीओएस, पीसीओडी और कई तरह की मेडिकल कंडीशन की वजह से भी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। इन्हीं परेशानियों में से एक है ओवरी में सिस्ट होना। किसी भी महिला को ओवरी में सिस्ट की समस्या तब होती है जब अंडाशय से निकलने वाला फॉलिकल या तो अंडा रिलीज नहीं कर पाता है या फिर अंडा रिलीज होने के बाद सिकुड़ता नहीं है। इसकी वजह से महिलाओं की ओवरी में एक गांठ बन जाती है। इस गांठ को सिस्ट कहा जाता है। ओवरी में सिस्ट होने पर महिलाओं को पेट में दर्द, ऐंठन और कई तरह की परेशानियां होती हैं। ओवरी में सिस्ट की समस्या झेल रहीं ज्यादातर महिलाओं के मन में एक ही सवाल आता है कि क्या वह इसकी वजह से मां पाएंगी? दरअसल, कुछ लोगों का मानना होता है कि ओवरी में सिस्ट की समस्या से जूझ रही महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से।
ओवरी में सिस्ट होने के लक्षण?- Symptoms of ovarian cyst?
ओवरी में सिस्ट होने की संभावना तभी होती है जब यह फट जाती है या फिर अंडाशय में खून की आपूर्ति सही तरीके से नहीं हो पाती है। डॉक्टर के अनुसार, ज्यादातर मामलों में जब तक यह गांठ (Cyst) बड़ी न हो जाए तब तक इस गांठ (Cyst) के न तो कोई लक्षण देखने को मिलते हैं और न ही इसमें दर्द जैसी कोई तकलीफ होती है। यह ओवेरियन सिस्ट कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती हैं। किसी महिला को ओवरी में सिस्ट है या नहीं वह नीचे बताए गए लक्षणों से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकती है।
- पेल्विक में दर्द महसूस होना
- सेक्स के दौरान दर्द
- मल त्याग करने में परेशानी होना
- बार-बार पेशाब आना
- पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना, पीरियड मिस होना
- पेट फूलना और सूजा हुआ होना
- थोड़ा सा खाने के बाद ही बहुत भरा हुआ महसूस होना।
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ओवरी में सिस्ट होने का कारण क्या है?- What causes ovarian cysts?
डॉ. आस्था के अनुसार, महिलाओं की ओवरी में सिस्ट होने के कई कारण हो सकते हैं।
1. एंडोमेट्रियोसिस: एंडोमेट्रियोसिस के कारण ओवरी में सिस्ट बनने की समस्या सबसे आम मानी जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भाशय के अंदर की परत के समान ऊतक इसके बाहर बढ़ता है। यह अंडाशय से जुड़कर सिस्ट का कारण बनता है।
2. पीसीओएस : पीसीओएस की समस्या आज महिलाओं में बहुत ही आम हो चुकी है। इसमें अंडाशय हार्मोन उत्पन्न करते हैं, जिससे कई छोटे सिस्ट बनते हैं।
3. प्रजनन अंगों में संक्रमण : प्रजनन अंगों में संक्रमण के कारण भी ओवरी में सिस्ट की समस्या होती है। दरअसल, योनी में संक्रमण होने के कारण यह अंडाशय तक फैल जाता है और सिस्ट का कारण बनता है।
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क्या ओवरी में सिस्ट होने पर महिला प्रेग्नेंट नहीं हो सकती है?- Can Ovarian Cysts Affect Chances of Becoming Pregnant
डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि अगर किसी महिला को ओवरी में सिस्ट की समस्या है, तो उसकी फर्टिलिटी प्रभावित होती है। लेकिन जो महिला पहले एक बार मां चुकी है और उसकी ओवरी में सिस्ट है तो यह प्रेग्नेंसी की संभावना को नहीं घटा सकती है। डॉक्टर के अनुसार, ओवरी में सिस्ट होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। सिस्ट की समस्या अगर शुरुआती चरण में है तो इसे दवाओं और जीवनशैली के जरिए ठीक किया जा सकता है। वहीं, गंभीर मामलों में ओवरी से सिस्ट हटाने के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है। डॉक्टर का कहना है कि ओवरी से सिस्ट निकलवाने के 5 से 6 सप्ताह बाद जब महिला को दर्द और टांकों से राहत मिल जाए, तब वह गर्भधारण के बारे में सोच सकती है।
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