Benign Ovarian Cyst symptoms In Hindi: ओवेरियन सिस्ट एक तरह का तरल पदार्थ से भरी थेली होती है, जो कि ओवरी में बनती है। महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट होना आम समस्या है। ज्यादातर मामलो में यह बिनाइन होती हैं। बिनाइन का अर्थ होता है गैर-कैंसरयुक्त। कहने का मतलब है कि ज्यादातर ओवेरियन सिस्ट कैंसर कैंसर का कारण नहीं बनते हैं। ओवेरियन सिस्ट तब होता है, जब एक प्रोड्यूसिंग फोलिसाइल एग रिलीज नहीं करतीं। इसके बजाय, वहां फ्लूइड बनने लगता है। यही एक समय में ओवरियन सिस्ट बन जाता है। शायद आपको यह पता न हो कि कई मामलो में ओवेरियन सिस्ट अपने आप यानी बिना ट्रीटमेंट के ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ती है। कुछ मामलों में यह भी देखने में आता है कि ओवेरियन सिस्ट ट्विस्ट हो जाती है, जिस वजह से स्थिति जटिल हो सकती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि ओवेरियन सिस्ट होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं और इसका निदान कैसे हो सकता है।
बिनाइन ओवेरियन सिस्ट के लक्षण- Symptoms Of Benign Ovarian Cyst In Hindi
कई मामलो में यह देखने में आया है कि बिनाइन ओवेरियन सिस्ट होने पर किसी भी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। एक्शन कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और कैंसर केयर क्लिनिक फरीदाबाद में मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा कहते हैं, इस मामले में कुछ सामान्य लक्षण जो उभरते हैं, वे इस प्रकार हैं-
- पेट में हल्का दर्द होना।
- पेट में सूजन या दबाव महसूस होना।
- सेक्स के दौरान दर्द होना।
- अनियमित पीरियड्स होना।
- पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो कम होना या फिर हैवी फ्लो होना।
- पीरियड्स के दौरान दर्द होना।
- मेल हार्मोन के बढ़ने के कारण शरीर के कई हिस्सों में बाल उग आना।
- ओवेरियन सिस्ट के फटने या ट्विस्ट होन के कारण अचानक बहुत तेज पेट में दर्द होना, बुखार होना और मतली आना।
- कुछ मामलों में यह भी देखा जाता है कि ओवेरियन सिस्ट होने पर पेशाब करने के दौरान दर्द होना, बार-बार पेशाब आना और पेशाब करने में दिक्कत महसूस करना।
ओवेरियन सिस्ट का कैसा पता चलता है- How To Know You Have Benign Ovarian Cysts In Hindi
ओवेरियन सिस्ट है या नहीं, यह कंफर्म करने के लिए डॉक्टर्स कई तरह के टेस्ट करवाते हैं। डॉ. मनीष शर्मा की मानें, इसमें पेल्विक एग्जाम, वजाइनल सोनोग्राम और लेप्रोस्कोपी की जाती है। पेल्विक एग्जाम में क्लियर नहीं होने पर अन्य तरीके आजमाए जाते हैं। वहीं, लेप्रोस्कोपी एक तरह की सर्जिकल डायग्नोस्टिक प्रक्रिया है। इससे ओवरियन सिस्ट का पता लगाया जाता है। यही नहीं, लेप्रोस्कोपी की मदद से पेट के अंदर के अंगों में हो रही बीमारी का भी पता लगाया जा सकता है।
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ओवेरियन सिस्ट का ट्रीटमेंट- Treatment Of Benign Ovarian Cyst In Hindi
जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि ज्यादातर मामलो में ओवेरियन सिस्टम अपने आप बिना ट्रीटमेंट के ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन, अगर कैंसर होने का रिस्क हो या फिर सिस्ट अपने आप ठीक नहीं हो रहा है, तो इसके लक्षणों पर गौर करना होता है। इसके बाद, मरीज को एग्जामिन किया जाता है। अगर ओवेरियन सिस्ट को रिमूव करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो, तो की जाती है। कई मामलों में ओवरी को बिना नुकसान पहुंचाए, ओवेरियन सिस्ट को निकाला जाता है। इसके लिए, डॉक्टर मरीज की कंडीशन की जांच करते हैं।
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