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किडनी में सिस्ट क्यों हो जाते हैं? डॉक्टर से जानें इसके कारण और इलाज के तरीके

किडनी में दर्द और पेशाब में खून आने की समस्या होने पर सिस्ट की वजह हो सकता है। आगे जानते हैं किडनी सिस्ट के कारण और इलाज     
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किडनी में सिस्ट क्यों हो जाते हैं? डॉक्टर से जानें इसके कारण और इलाज के तरीके


Treatment Of Kidney Cyst In Hindi: शरीर के अन्य अंगों की तरह ही किडनी भी महत्वपूर्ण अंग है। किडनी खून के विषाक्त और अपशिष्ट को फिल्टर करने का कार्य करती है। ये विषाक्त पदार्थ पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर हो जाते हैं। शरीर के विषाक्त पदार्थों में क्रिएटिनिन और यूरिया दो महत्वपूर्ण अपशिष्ट होते हैं। लेकिन, कई बार किडनी के कार्य सिस्ट आदि समस्याओं की वजह से प्रभावित होते हैं। इस समस्या में किडनी में तरल पदार्थ की छोटी-छोटी थैलियां बन जाती है। जो एक राजमा के आकार की होती है। कुछ मामलों में किडनी में एक सिस्ट तो कुछ में कई सिस्ट हो सकते हैं। किडनी सिस्ट दो प्रकार के होते हैं, इन्हें साधारण सिस्ट और पॉलीसिस्टिक किडनी रोग के रूप में जाना जाता है। आगे नेफ्रोलॉजिस्ट व सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पार्थ कर्मकार से जानते हैं किडनी में सिस्ट होने के क्या कारण हो सकते हैं। साथ ही, इनका इलाज कैसे किया जाता है। 

किडनी में सिस्ट के प्रकार - Type Of Kidney Cyst In Hindi 

डॉक्टर के अनुसार किडनी सिस्ट को कई प्रकार में बांटा जाता है। इसमें साधारण सिस्ट और पॉलीसिस्टिक किडनी रोग को शामिल किया जाता है। 

साधारण सिस्ट किडनी के बाहरी हिस्से में बनते हैं। इनकी दीवारें पतली होती हैं और इनमें पानी जैसा तरल पदार्थ होता है। साधारण सिस्ट किडनी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं या उनके कार्य को प्रभावित नहीं करते हैं। जबकि, पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (पीकेडी) एक वंशानुगत स्थिति है जिसके कारण किडनी पर कई सिस्ट बन जाते हैं। ये सिस्ट बढ़ने पर किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सिस्ट आमतौर पर हानिरहित होते हैं। 

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किडनी में सिस्ट के क्या कारण होते हैं? - Causes Of Kidney Cyst In Hindi 

किडनी के सिस्ट के सही कारणों का पता नहीं चला है। फिलहाल, डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार किडनी में सिस्ट की समस्या तब विकसित होती है, जब किडनी की सतह कमजोर हो जाती है। किडनी कमजोर होने के कारण उनमें थैली बन जाती है। इसके बाद इन थैलियों में तरल भर जाता है। 

किडनी सिस्ट का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Kidney Cyst In Hindi 

हेल्थलाइन के अनुसार यदि सिस्ट छोटा है और आपकी किडनी में कोई समस्या पैदा नहीं करता है, तो आपको इसका इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है। सिस्ट का आकार समय के साथ बढ़ सकता है, जिससे आपको अन्य समस्याएं हो सकती है। इसकी पहचान के लिए आप हर 6 से 12 माह के अंतराल में इमेजिंग परीक्षण करा सकते हैं। सिस्ट का आकार बड़ा होने पर डॉक्टर स्कलेरोथेरेपी और सर्जरी का ऑप्शन चुन सकते हैं।  

स्केलेरोथेरेपी 

सिस्ट को बाहर निकालने के लिए स्क्लेरोथेरेपी की जाती है। इसमें डॉक्टर मरीज को पहले एनेस्थिसिया देते हैं। इसके बाद अल्ट्रासाउंड का उपयोग करते हुए एक सुई के माध्यम से सिस्ट के तरल पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। कुछ मामलों में डॉक्टर सिस्ट को रोकने के लिए दवा का उपयोग भी करते हैं। 

सर्जरी 

सिस्ट को हटाने के लिए सर्जरी आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक तरीके से की जा सकती है, जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से डाले गए पतले उपकरणों का उपयोग किया जाता है। सर्जरी के दौरान, डॉक्टर पहले सिस्ट को बाहर निकालते हैं और फिर सिस्ट को ही काट देते हैं या जला देते हैं।

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किडनी के छोटे सिस्ट व्यक्ति के लिए हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन, इस समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह परेशानी आपके लिए बड़ी समस्या बन सकती है। किडनी में दर्द और पेशाब में परेशानी होने पर आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।  

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