Khushkhabri with IVF: ओविरयन सिस्ट (Ovarian Cyst) महिलाओं से जुड़ी एक समस्या हैं। इस समस्या में महिलाओं की ओवरी यानि अंडाशय में सिस्ट बन जाते हैं। ऐसे में महिलाओं को पेट में दर्द महसूस होता है। आज के समय में बदलती जीवनशैली के कारण ओवरियन सिस्ट की समस्या बेहद आम हो चली है। इस समस्या में ओवरी के अंदर तरल, हवा और अन्य पदार्थ से मिलकर छोटी-छोटी थैलियां बन जाती है, इन्हें ही सिस्ट कहा जाता है। ओवरी में सिस्ट बनने से महिलाओं की प्रजनन प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है। इस समस्या में महिलाओं को पेट में सूजन, मल त्याग में परेशानी, पीठ में दर्द, मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द होना और शारीरिक संबंध बनाते समय दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। कुछ महिलाओं को ओवरी सिस्ट होने पर मितली और स्तनों में दर्द भी महसूस हो सकता है। लेकिन, समय रहते इस समस्या का इलाज किया जाए तो इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है। यदि, आप इस रोग का इलाज नहीं करती हैं, तो इससे गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। कई कपल्स को संतान प्राप्ति के प्रयासों के बाद भी संतान सुख नहीं मिल पाता है। ऐसे में डॉक्टर उनको आईवीएफ प्रक्रिया को अपनाने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, कई बार कपल्स के मन में आईवीएफ को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। ऐसे में उनको सही जानकारी न मिल पाने के कारण वह इस ट्रीटमेंट को कराने से घबराते हैं। जबकि, आईवीएफ निसंतान दंपत्तियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
लोगोंं की इसी समस्या को समझते हुए ओनलीमाय हेल्थ की टीम द्वारा Khushkhabri with IVF सीरीज को शुरु किया गया है। इस सीरीज में हमारी टीम आईवीएफ से संबंधित विशेषज्ञों और वरिष्ठ डॉक्टरों की मदद से लोगों के मन में उठने वाले अलग-अलग प्रश्नों को दूर करने का प्रयास करते हैं। आज की इस सीरिज में जानेंगे कि क्या ओवरी सिस्ट के कारण आईवीएफ ट्रीटमेंट प्रभावित हो सकता है? आगे यशोदा फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर कड़कड़डूमा की इन्फ़र्टिलिटी और आईवीएफ कंसलटेंट डॉ. स्नेहा मिश्रा से जानते हैं कि क्या ओवरी में सिस्ट से आईवीएफ ट्रीटमेंट प्रभावित हो सकता है?
ओवरी सिस्ट के प्रकार और उनका आईवीएफ पर प्रभाव - Ovary Cyst Types And Impact On IVF Treatment in Hindi
एंडोमेट्रियोमा (Endometrioma)
यह सिस्ट एंडोमेट्रियोसिस नामक स्थिति के कारण बनता है। यह ओवरियन के टिश्यू को प्रभावित कर सकती है, जिससे ओवरी की गुणवत्ता और संख्या पर असर पड़ सकता है। IVF की सफलता दर कम हो सकती है।
फंक्शनल सिस्ट (Functional Cyst)
ओवरी सिस्ट का यह एक आम प्रकार माना जाता है। यह समस्या हार्मोनल बदलावों के कारण होती है। फंक्शन सिस्ट अक्सर समय के साथ बढ़ सकती है। ओवरी सिस्ट को ठीक हो सकता है।
डर्मॉयड सिस्ट (Dermoid Cyst)
यह सिस्ट एग्स बनने की प्रक्रिया को प्रभावित हो सकती है। लेकिन, इसमें समय के साथ सिस्ट का आकार बढ़ सकता है। इस सिस्ट को सर्जरी के माध्यम से हटाया जा सकता है।
ओवरी सिस्ट से क्या समस्याएं हो सकती हैं? - Complication Of Ovarian Cyst During IVF In Hindi
एग्स की क्वालिटी प्रभावित होना
ओवरी सिस्ट के कारण महिलाओं के एग्स की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है, जिससे एंब्रियो बनने की संभावना कम हो सकती है।
IVF साइकिल की देरी होना
यदि आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान महिला का ओवरी सिस्ट बड़ा हो जाए या दर्द का कारण बन रहा हो, तो डॉक्टर IVF साइकिल को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा सकते हैं।
डॉक्टर क्या सुझाव देते हैं?
इस समस्या में डॉक्टर ओवरी सिस्ट के आकार के आधार पर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। यदि, सिस्ट का आकार बढ़ा है, तो आईवीएफ प्रक्रिया को रोककर पहले सर्जरी की जा सकती है। इसके बाद, रिकवरी होने पर आईवीएफ साइकिल को शुरू किया जा सकता है। वहीं, सिस्ट का आकार छोटा होने पर डॉक्टर लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।
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ओवरी सिस्ट IVF प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह हमेशा गंभीर समस्या नहीं बनता है। समय पर इलाज से ओवरी सिस्ट की समस्या और जोखिम को कम किया जा सकता है। इस दौरान महिला की लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव किये जा सकते हैं। यदि, सिस्ट के लक्षणों के कारण समस्या ज्यादा तो ऐसे आप महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।