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Khushkhabri With IVF: क्या आईवीएफ में हार्मोनल इंजेक्शन से कब्ज की समस्या हो सकती है? डॉक्टर से जानें

जिन लोगों के घर सालों से बच्चों की किलकारियां नहीं गूंजी है उनके लिए आईवीएफ प्रक्रिया किसी वरदान से कम नहीं हैं। लेकिन, इस दौरान कुछ हार्मोनल इंजेक्शन लेने से महिलाओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती है। आगे जानते हैं कि क्या हार्मोनल इंजेक्शन महिलाओं में कब्ज की समस्या का कारण बन सकते हैं?
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Khushkhabri With IVF: क्या आईवीएफ में हार्मोनल इंजेक्शन से कब्ज की समस्या हो सकती है? डॉक्टर से जानें


Khushkhabri With IVF: देश में आईवीएफ प्रक्रिया को अपनाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। इससे यह पता चलता है कि हर साल निःसंतान दंपत्ति इस कारगर तकनीक को अपना रहे हैं। आईवीएफ एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसको महिला व पुरुष संतान प्राप्ति का सपना पूरा कर सकते हैं। इसमें महिला के एग्स को पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में फर्टिलाइज करके गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। इससे गर्भधारण में आ रही कई तरह की समस्याओं के बावजूद संतान प्राप्त की जा सकती है। लेकिन, आज भी देश में ऐसे लाखों कपल्स हैं, जो आईवीएफ प्रक्रिया को अपनाने से डरते हैं। दरअसल, इस विषय पर सही जानकारी के अभाव के चलते लोग आज भी इस प्रक्रिया को अपनाने से घबराते हैं। लोगों की इसी समस्या को समझते हुए ओनलीमायहेल्थ की टीम के द्वारा Khushkhabri With IVF सीरीज को शुरू किया गया है। इस सीरीज में आईवीएफ से जुड़े सभी छोटे-बड़े पहलुओं और समस्याओं को बेहद ही आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया जाता है।

ऑनलीमायहेल्थ की Khushkhabri with IVF सीरीज में हमारी टीम देश के वरिष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञों से आपकी सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करते हैं। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान महिला के एग्स को बनाने के लिए कुछ आवश्यक हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं, इनका उपयोग शरीर में कई बदलाव ला सकता है। कब्ज (Constipation) इनमें से एक आम समस्या है। यह समस्या न केवल असुविधाजनक होती है, बल्कि महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। आज की इस कड़ी में यशोदा फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर (Yashoda Fertility And IVF Center ) कड़कड़डूमा की इन्फ़र्टिलिटी और आईवीएफ कंसलटेंट डॉ. स्नेहा मिश्रा से जानते हैं कि कई बार आईवीएफ प्रक्रिया हार्मोनल इंजेक्शन से महिलाओं को कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है?

आईवीएफ की प्रक्रिया को समझें?

आईवीएफ प्रक्रिया कई चरणों में संपन्न की जाती है। इसमें महिला व पुरुष की मौजूदा स्वास्थ्य व प्रजनन स्वास्थ्य को समझने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। इसके बाद महिला के एग्स को बनाने और निकालने के लिए कई तरह हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं। इन इंजेक्शन से ओवरी स्टिम्यूलेट होती है और वह अधिक एग्स बनाती है। इसके बाद पुरुष के स्पर्म को महिला से प्राप्त एग्स के साथ लैब में फर्टिलाइज किया जाता है। जब एंब्रियो तैयार होता है तो उसको महिला के गर्भाश्य में ट्रांसफर कर दिया जाता है। यह एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसमें हर चरण का सफल होना आवश्यक होता है। इससे ही महिला कंसीव करती हैं।

IVF प्रक्रिया में हार्मोनल इंजेक्शन लगाना क्यों जरूर होता है? - Importance Of Hormonal Injection During IVF In Hindi

IVF प्रक्रिया में हार्मोनल इंजेक्शन का उपयोग अंडाशय (Ovaries) को स्टिम्यूलेट करने और अंडाणु (Eggs) की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इन इंजेक्शनों में आमतौर पर हार्मोन जैसे FSH (Follicle Stimulating Hormone) और HCG (Human Chorionic Gonadotropin) होते हैं। आगे जानते हैं कि इस प्रक्रिया में इंजेक्शन क्यों दिए जाते हैं।

  • एग्स की मैच्योरिटी को बढ़ाना।
  • ओवरी को सक्रिय करना।
  • गर्भाशय की परत को गर्भधारण के लिए तैयार करना।

डॉक्टर बताते हैं कि कुछ मामलों में हार्मोनल इंजेक्शन से महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। जिसमें कब्ज की समस्य होना भी शामिल है। कब्जे कारण महिला को असहजता महसूस हो सकती है। साथ ही, महिला हर समय मानसिक दबाव महसूस करती हैं। इसके कारण महिला किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाती हैं।

IVF प्रक्रिया के दौरान कब्ज के कारण - Causes Of Constipation During IVF Process In Hindi

हार्मोनल बदलाव

हार्मोनल इंजेक्शन के कारण प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ सकता है। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मांसपेशियों को आराम देता है। यह आंतों (Intestines) की मांसपेशियों को धीमा कर सकता है, जिससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और कब्ज की समस्या हो सकती है।

तनाव और चिंता

IVF प्रक्रिया के दौरान मानसिक तनाव और चिंता होना एक सामान्य लक्षण माना जाता है। तनाव के कारण महिलाओं के शरीर कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है, जो पाचन तंत्र को धीमा कर सकता है और कब्ज का कारण बन सकता है।

शारीरिक गतिविधि में कमी

IVF प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को अधिक आराम करने की सलाह दी जाती है। इससे शारीरिक गतिविधि की कमी से पाचन धीमा हो सकता है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है।

दवाइयों का प्रभाव

IVF के दौरान उपयोग की जाने वाली दवाइयां, जैसे कि प्रोजेस्टेरोन सप्लीमेंट और अन्य हार्मोनल दवाएं, पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं और ऐसे में कुछ महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है।

पानी कम पीना

IVF के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और कब्ज की समस्या को बढ़ा सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को कब्ज से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।

आईवीएफ में कब्ज से बचाव और मैनेज करने के उपाय - How To Prevent And Manage Constipation During IVF In Hindi

  1. आईवीएफ प्रक्रिया में महिलाओं को संतुलित और फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह दी जाती है। जिससे बाउल मूबमेंट बेहतर होता है और कब्ज की समस्या में आराम मिलता है। इसके लिए महिलाओं को सेब, नाशपाती, पपीता, पालक, गाजर, ब्रोकली, साबुत अनाज, अलसी के बीज और चिया सीड्स को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
  2. कुछ मामलों में पानी की कमी के कारण महिलाओं को कब्ज की समस्या होती है। इससे बचने के लिए महिला पर्याप्त मात्रा में 8 से 10 गिलास पानी पी सकती हैं। पानी पीने से मल सोफ्ट बनता है और पेट आसानी से साफ हो जाता है।
  3. प्रेग्नेंसी या उससे पहले की प्रक्रिया में महिलाओं को हल्की शारीरिक गतिविधियों के लिए लाइफस्टाइल में शामिल करने की सलाह दी जाती है। इस प्रक्रिया में एक्सरसाइज में करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
  4. इस दौरान तनाव और चिंता से बचने के लिए आप योग और मेडिटेशन प्रक्रिया को अपना सकते हैं। इससे मानसिक शांति के साथ ही पाचन से जुड़ी समस्याओं में भी आराम मिलता है। साथ ही, कब्ज की समस्या धीरे-धीरे कम होती है।

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IVF प्रक्रिया के दौरान हार्मोनल इंजेक्शन से कब्ज की समस्या होना आम बात है। यह समस्या हार्मोनल बदलाव, तनाव, शारीरिक गतिविधि की कमी और आहार की वजह से हो सकती है। यदि, कब्ज के कारण महिला को गंभीर समस्या या पेट दर्द हो रहा है तो ऐसे उनको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आज की Khushkhabri With IVF की सीरीज का लेख दोस्तों और करीबियों के साथ शेयर करें।

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