खत्म नहीं हो रहा महामारियों का सिलसिला, चीन में अब सामने आए ब्यूबानिक प्लेग के संदिग्ध मामले

बीते दिनों एक रिपोर्ट में नए वायरस के खतरे की बात कही गई थी। जिसके अनुसार चाइना में न्यू स्वाइन फ्लू फैल सकता है पर अब वहां ब्यूबानिक प्लेग का खतरा है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
खत्म नहीं हो रहा महामारियों का सिलसिला, चीन में अब सामने आए ब्यूबानिक प्लेग के संदिग्ध मामले


कोरोनावायरस जैसे घातक महामारी के साथ साल 2020 की शुरुआत हुई थी और आधा साल बीतने के बाद भी महामारियों का सिलसिला थम नहीं रहा। कोरोनावायरस के बाद अब चीन में ब्यूबानिक प्लेग का खतरा (bubonic plague in china) बढ़ गया है। दरअसल उत्तरी चीन के एक शहर में ब्यूबानिक प्लेग का एक संदिग्ध मामला सामने आया है, जिसके बाद पूरे शहर में अलर्ट जारी किया गया है। यहां के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी है। सरकारी पीपुल्स डेली ऑनलाइन की खबर के अनुसार, चीन के आंतरिक मंगोलियाई स्वायत्त क्षेत्र, बयन्नुर में प्लेग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए शहर में तीसरे स्तर की चेतावनी जारी की है। इस खबर ने फिर से एक बार पूरी दुनिया को एक गंभीर चिंता में डाल दिया है।

insidechina

बता दें कि सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने एक जुलाई को कहा था कि पश्चिम मंगोलिया के खोड प्रांत में ब्यूबानिक प्लेग के दो संदिग्ध मामले सामने आए थे, जिनकी प्रयोगशाला जांच में पुष्टि हो गई है। चीन के द्वारा जारी की गई चेतावनी में स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकार ने घोषणा की है कि ये चेतावनी 2020 के अंत तक जारी रहेगी। स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकार ने कहा, ‘‘इस समय इस शहर में मानव प्लेग महामारी फैलने का खतरा है। जनता को आत्मरक्षा के लिए जागरुकता और क्षमता बढ़ानी चाहिए और असामान्य स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में तत्काल जानकारी देनी चाहिए।’’

इसे भी पढ़ें : कोरोना के इलाज में प्रयोग की जा रही इन 3 दवाओं पर डब्लूएचओ ने लगाई रोक, कहा इनका प्रभाव 'न' के बराबर

पुरानी महामारी है प्लेग

"ब्लैक डेथ" के रूप में जाना जाने वाला बुबोनिक प्लेग एक अत्यधिक संक्रामक और एक घातक बीमारी है, जो मध्य युग में बुरी तरह फैला था और इसने लाखों लोगों की जान ली थी।प्लेग एक संक्रामक रोग है, जो यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होता है। आसान शब्दों में समझें, तो ये बीमारी पिस्सू के काटने से फैलती है जो चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे संक्रमित जीवों पर भोजन के लिए निर्भर करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि संक्रमित पिस्सू द्वारा काटे जाने पर लोग प्लेग से बीमार हो सकते हैं। साथ ही प्लेग के बुबोनिक रूप को विकसित करते हैं। 

insideplague

बुबोनिक और न्यूमोनिक प्लेग में क्या अंतर है?

प्लेग के दो मुख्य रूप हैं- ब्यूबानिक और न्यूमोनिक। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बुबोनिक प्लेग प्लेग का सबसे सामान्य रूप है और यह एक संक्रमित पिस्सू के काटने के कारण होता है। जब बैक्टीरिया फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं तो कभी-कभी बुबोनिक प्लेग न्यूमोनिक प्लेग की ओर बढ़ जाता है। बुबोनिक प्लेग वाले कुछ लोग न्यूमोनिक प्लेग विकसित करते हैं।न्यूमोनिक प्लेग या फेफड़े पर आधारित प्लेग, प्लेग का सबसे अधिक वायरल रूप है। न्यूमोनिक प्लेग से ग्रस्त व्यक्ति दूसरों को खांसी-सर्दी से बूंदों के माध्यम से बीमारी फैला सकते हैं। बुबोनिक प्लेग की मृत्यु दर 30% से 60% है, जबकि न्यूमोनिक रूप उपचार के अभाव के कारण घातक है। अगर इससे लोगों का समय पर इलाज किया जाता है तो ये बहुतों की जान ले सकता है।

इसे भी पढ़ें : प्लेग के लक्षण, कारण और उपचार

फिलहाल इस बात को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है कि आखिर ब्यूबोनिक प्लेग लोगों में फैल कैसे रहा है। पर सतर्कता के तौर पर लोगों को किसी भी बीमार या मृत मर्मोट(marmot) जो कि गिलहरियों के समान जानवर होता है, उससे दूर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही चीन में लोगों को जानवरों के शिकार और इन्हें खाने से मना किया गया है, जो प्लेग के संक्रमण को फैला सकते हैं। बता दें कि ये एक दुर्लभ बीमारी है। 2010 से 2015 तक, दुनिया भर में इसके 3,248 मामले सामने आए, जिनमें 584 मौतें शामिल हैं। इसके अब ज्यादातर मामले लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, मेडागास्कर और पेरू में है।

Read more articles on Health-News in Hindi

Read Next

गर्भावस्‍था में हाई ब्‍लड प्रेशर (Gestational Hypertension) बन सकता है दिल की बीमारियों का कारण: शोध

Disclaimer