प्राकृतिक दृष्टि से देखें तो जानवरों और इंसानों में कोई खास फर्क नहीं है। इंसान भी अन्य जानवरों की तरह जीवों की एक प्रजाति ही है। लेकिन इंसान इस मामले में अलग है कि वो सामाजिक हो गया है और ज्यादा साफ-सफाई से के साथ रहने लगा है। बुद्धि और क्षमता में अधिक होने के कारण इंसान अपनी रक्षा के उपाय कर सकता है और परिस्थितियों को कुछ हद तक कंट्रोल भी कर सकता है। वहीं जानवरों का अपने शरीर, अपने मस्तिष्क और क्षमता पर इतना कंट्रोल नहीं होता है। यही कारण है कि बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स के कारण जानवरों में बहुत सारी बीमारियां पाई जाती हैं। इन्हीं बीमारियों से जानवर मरते रहते हैं और प्रकृति का संतुलन बना रहता है। लेकिन कई बार जानवरों से यही बीमारियों इंसानों के शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। ऐसी संक्रामक बीमारियों को ही जूनोसिस (Zoonoses) कहा जाता है। चूंकि प्रकृति से संघर्ष और विकास की दौड़ में हजारों सालों से इंसान और जानवर साथ-साथ दौड़ रहे हैं और शायद हमेशा दौड़ते रहेंगे, इसलिए जानवरों से इंसानों में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर साल 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस (World Zoonoses Day) मनाया जाता है।
6 जुलाई को ही क्यों मनाया जाता है World Zoonoses Day?
जानवरों से इंसानों फैलने वाली रेबीज नामक बीमारी बेहद खतरनाक और जानलेवा मानी जाती है। 6 जुलाई 1885 को महान वैज्ञानिक लुई पाश्चर (Louis Pasteur) ने इसी दिन पहली बार रेबीज का टीका बनाया था। इसलिए हर साल इसी तारीख को वर्ल्ड जूनोसिस डे (World Zoonoses Day) मनाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 150 से ज्यादा ऐसी बीमारियां हैं, जो इंसानों में जानवरों से फैल सकती हैं। इनमें कई बीमारियां जानलेवा स्तर तक खतरनाक हो सकती हैं और कई संक्रामक होती हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलती हैं।
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जानवरों से इंसानों में कैसे फैलती हैं बीमारियां?
जानवरों और कीड़े-मकोड़ों से इंसानों में बीमारियां आमतौर पर 5 तरीकों से फैलती हैं।
- बीमार जानवरों को छूने यानी शारीरिक रूप से संपर्क में आने से
- बीमार जानवरों के लार के संपर्क में आने से या उनके काटने से
- बीमार जानवरों को खाने से
- कीड़े-मकोड़ों (मच्छर, ततैया जैसे छोटे जीवों) के काटने या डंक चुभोने से
- संक्रमित जानवर की छुई हुई, खांसी या छींकी हुई जगह को छूने से
ये बीमारियां पालतू जानवरों और जंगली जानवरों दोनों से फैलती हैं। इसके अलावा कई छोटे-छोटे जीव या कीड़े-मकोड़े भी ऐसी बीमारियां बहुत तेजी से फैलाने का काम करते हैं। वर्तमान में फैली हुई वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को भी चमगादड़ से इंसानों में फैलने वाली बीमारी के तौर पर देखा जा रहा है।
जानवरों से इंसानों में फैलने वाली आम बीमारियां
- कोरोना वायरस के कारण फैलने वाली बीमारी कोविड-19
- मलेरिया
- डेंगू
- बर्ड फ्लू
- स्वाइन फ्लू
- इबोला
- इंसेफ्लाइटिस
- हेपेटाइटिस E
- प्लेग
- पैरेट फीवर
- ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी)
- रिंग वॉर्म
- लेप्टोस्पायरोसिस
- लाइम डिजीज
- राउंड वॉर्म्स
- स्केबीज
- रेबीज
जानवरों से फालने वाली बीमारियों से बचने के लिए क्या करें?
ऊपर बताई गई बहुत सारी बीमारियों से बचाव आपके हाथ में है और बहुत सारी बीमारियों पर आपका कंट्रोल नहीं है। इसलिए जिन बीमारियों से आप बच सकते हैं, उनके लिए आपको उपाय जरूर करने चाहिए।
- घर में अगर जानवर है, तो उसकी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- जानवरों को छूने या उनके साथ खेलने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- मच्छरों से बचाव के लिए जरूरी उपाय अपनाएं क्योंकि मच्छरों से कई जानलेवा बीमारियां फैलती हैं।
- अगर घर में जानवर है तो उसे समय-समय पर जरूरी वैक्सीन लगवाते हें।
- जानवरों के द्वारा छुए गए, चाटे गए या सूंघे गए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- जानवरों के मल और पेशाब को ठिकाने लगाने का उचित प्रबंध करें।
- आपके आसपास अगर कोई संक्रामक बीमारी फैली है, तो उससे बचाव के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें।
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