एड़ी हमारे पैर का सबसे अहम हिस्सा होता है। अगर इसमें किसी तरह की परेशानी होती है, तो चलने-फिरने में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। एड़ी में दर्द की परेशानी उन लोगों को अधिक होती है, जो एड़ी पर ज्यादा बल डालते हैं, जिसमें डांस करने वाले लोग प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें किसी कारण से एड़ी में चोट लग जाए, तो ऐसी स्थिति में भी एड़ी में दर्द होने लगता है। एड़ी में दर्द पैरों के नीचले हिस्से पर होता है, जो हमारे पैर का पिछला हिस्सा है। कभी-कभी यह दर्द आपके एड़ी के किनारे को भी प्रभावित कर सकता है। आजकल हाई हील्स, फैशनेबल जूते और सैंडल की वजह से एड़ियों में दर्द काफी ज्यादा होने लगी है। आज हम आपको इस लेख के जरिए एड़ी में दर्द के कारण विस्तार से बताने जा रहे हैं। इसके साथ-साथ एड़ी में होने वाले दर्द से आयुर्वेदिक तरीकों से किस तरह छुटकारा पा सकते हैं इस बार में विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं एड़ी में दर्द के बारे में विस्तार से-
एड़ी में दर्द के लक्षण (Heel pain Symptoms)
- एड़ी के निचले या फिर पीछे की ओर दर्द महसूस होना।
- चलने फिरने में दिक्कत का सामना करना।
- पैर को टिकाने में परेशानी
- कभी-कभी बिना कारण भी दर्द महसूस होना।
एड़ी में दर्द के कारण (Heel Pain Causes)
- हील पेन एड़ी के नीचे या एड़ी के पीछे की तरफ होता है। इसके अलावा बिना किसी चोट के भी एड़ी में दर्द हो सकता है।
- प्लांटर फेशिआइटिस तब होता है जब पैरों पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। इसके कारण पैरों में मौजूद प्लांटर फेशिया लिगामेंट को हानि पहुंचती है। इसी कारण से एड़ी में दर्द और अकड़न होती है।
- अकिलिस टेन्डोनिटिस के कारण भी एड़ी में दर्द होता है। ये तब होता है जब पिंडली या निचले पैर के पिछले हिस्से की मांसपेशियों को एड़ी से जोड़ने वाला टेंडॉन किसी कारण खिंच जाता है।
- पैरों में मोच आने और तनाव के कारण भी कभी-कभी एड़ी में दर्द होता है।
- फ्रैक्चर के कारण भी एड़ी में तकलीफ होती है।
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एड़ी में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment of Heel Pain)
एड़ी में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज थेरेपी, जड़ी-बूटियों और औषधियों के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा एड़ी में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज कर्म या थेरेपी के द्वारा भी किया जाता है। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेद एक्सपर्ट राहुल चतुर्वेदी द्वारा बताए गए कुछ आयुर्वेदिक इलाज बताए गए हैं, जो निम्न हैं-
विरेचन कर्म
विरेचन कर्म में शरीर को डिटॉक्सीफाई किया जाता है जिसमें औषधियों के द्वारा पाचन तंत्र को डिटॉक्सीफाई कराते हैं। इसके बाद स्वेदन विधि से पसीना निकलवाया जाता है, जिससे बॉडी डिटॉक्स होती है। ऐसा करने से वात का संतुलन बनता है और एड़ी में दर्द से भी आराम मिलता है।
अभ्यंग कर्म
अभ्यंग कर्म में औषधीय तेलों को शरीर पर लगातार गिराया जाता है। एड़ी में दर्द के लिए अभ्यंग कर्म के लिए पिंड तेल का इस्तेमाल होता है। इसे प्रभावित स्थान पर या संवेदनशील बिंदुओं पर तेल डाल कर किया जाता है जिससे एड़ी में दर्द से राहत मिलती है।
रक्तमोक्षण
रक्तमोक्षण एक ऐसी आयुर्वेदिक थेरिपी है, जिसमें शरीर से दूषित ब्लड को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में जोंक के द्वारा प्रभावित स्थान से खून निकाला जाता है। इसके बाद जब जोंक पूरी तरह से खून चूस लेती है तो जोंक पर हल्दी डाल कर उन्हें, त्वचा से छुड़ाया जाता है। इससे एड़ी के दर्द में राहत मिलती है।
लेप कर्म
लेप कर्म करने के लिए औषधियों का लेप तैयार किया जाता है, इसके बाद एड़ी में दर्द से प्रभावित स्थान पर लगाया जाता है। इसके लिए वच, आंवला और जौ का मिश्रण बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से राहत मिलती है। प्लांटर फेशियाइटिस में हींग का लेपन प्रभावी होता है।
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एड़ी में दर्द के लिए घरेलू नुस्खे (Home Remenedies for Heel Pain)
वात के बढ़ने पर एड़ी में दर्द हो सकता है। बढ़ा हुआ वात एड़ी की नाडियों को ब्लॉक कर देता है जिससे एड़ी में दर्द होने लगता है। शरीर में अमा यानि विषाक्त पदार्थ बढ़ने पर भी एड़ी में दर्द हो सकता है। इस स्थिति में आप कुछ प्रभावशाली आयुर्वेदिक तरीकों से एड़ी में दर्द को ठीक कर सकते हैं।
1. गुनगुने पानी में नमक डालकर पैरों को उसमें कुछ देर के लिए डुबोकर रखें। इससे एड़ी में जमा वात निकल जाता है और आपको दर्द से राहत मिलती है।
2. हल्दी का पाउडर लें और गुड़ को पीसकर पाउडर बना लें। अब हल्दी और गुड़ का पेस्ट बना लें और रातभर के लिए एड़ी पर इस पेस्ट को लगाकर रखें। इस पेस्ट से एड़ी की सूजन को भी कम करने में मदद मिलती है।
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3. आधा चम्मच अजवाइन, 1 कली लहसुन की पिसी हुई और एक कली अदरक की लें। गैस की धीमी आंच पर पैन रखें और उसमें थोड़ा-सातिल का तेल डालें। इसके गर्म होने पर बाकी सभी सामग्रियों को इसमें डाल दें। इसे मध्यम आंच पर दो से तीन मिनट तक पकाएं। इस तेल को हल्का गुनगुना होने पर एड़ी की मालिश करें। आपको ये उपाय रोज करना है।
4. रात को सोने ये पहले एक गिलास दूध में घी डालकर पीने से भी एड़ी के दर्द से आराम मिलता है। घी पाचन अग्लि को तेज करती है और शरीर में जमा अमा को बाहर निकालती है जिससे एड़ी में दर्द से राहत मिलती है।
इन सभी तरीकों से आप एड़ी के दर्द से राहत पा सकते हैं। अगर आपको एड़ी में दर्द महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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