Rashes Causes in Monsoon in Hindi: मॉनसून भले ही गर्मी से राहत दिलाता है और बारिश लेकर आता है। इस मौसम में ठंडी और सुहावनी हवा चलती है। लेकिन इस मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से भी परेशान होना पड़ता है। दरअसल, मॉनसून में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, इसकी वजह से तरह-तरह की बीमारियां होने लगती हैं। इस मौसम में सर्दी-जुकाम, खांसी, इंफेक्शन और अपच से जुड़ी समस्याएं होना बेहद आम है। इसके साथ ही, मॉनसून में त्वचा से जुड़े रोग भी परेशान करने लगते हैं। इस मौसम में त्वचा पर लाल चकत्ते, फोड़े-फुंसियां और रेडनेस होने लगती हैं। लेकिन मॉनसून में स्किन रैशेज होना सबसे आम है। इन रैशेज पर जलन और इरिटेशन हो सकती है। साथ ही, प्रभावित क्षेत्र पर लालिमा भी नजर आ सकती है। तो आइए, इस लेख में फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन से जानते हैं मॉनसून में रैशेज होने के कारण-
मॉनसून में रैशेज होने के कारण- Rashes Causes in Monsoon in Hindi
1. हीट और ह्यूमिडिटी
मॉनसून में गर्मी और ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है। इसकी वजह से आपको त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं। दरअसल, मॉनसून में शरीर से खूब पसीना निकलता है, जिसकी वजह से त्वचा पर चिपचिपापन रहता है। इससे त्वचा पर एक्जिमा हो सकता है और रैशेज निकल सकते हैं।
2. बैक्टीरिया का अधिक उत्पादन
मॉनसून में अगर आप बाहर का खाना अधिक खाते हैं, तो रैशेज की समस्या हो सकती है। इससे आपके शरीर में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से पेट से जुड़ी दिक्कतें होनी शुरू हो सकती हैं। आपको पेट दर्द, डायरिया और पेट में सूजन हो सकती है। साथ ही, इसका असर आपकी त्वचा पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से त्वचा पर रैशेज की समस्या होने लगती है।
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3. बारिश में भीगना
मॉनसून में कई बार आप बारिश में भीग जाते होंगे। ऐसे में अगर जल्दी से कपड़े नहीं बदले जाते हैं, तो रैशेज की समस्या हो सकती है। गीले कपड़ों में ज्यादा समय तक रहने की वजह से रैशेज हो सकते हैं। इसलिए अगर आप मॉनसून में भीग गए हैं, तो आपको सबसे पहले कपड़े बदलने चाहिए। गीले कपड़ों में रहने से त्वचा पर खुजली भी लग सकती है।
4. टाइट कपड़े पहनना
मॉनसून में ह्यूमिडिटी ज्यादा रहती है, ऐसे में अगर आप टाइट कपड़े पहनेंगे, तो रैशेज की समस्या हो सकती है। टाइट कपड़े पहनने से त्वचा इरिटेट हो सकती है। इसकी वजह से त्वचा पर जलन और खुजली हो सकती है। साथ ही, रैशेज और फोड़े-फुंसियां भी निकल सकती है।
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5. खुले में भोजन करना
अगर मॉनसून में आप किसी खुली जगह जैसे पार्क आदि में खाना खाएंगे, तो इससे बीमार पड़ सकते हैं। साथ ही, त्वचा पर रैशेज की समस्या भी हो सकती है। रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाला खाना भी मॉनसून में रैशेज का कारण बन सकता है।
6. गीले जूतों में रहना
मॉनसून में अक्सर लोग बारिश में भीगे जाते हैं। ऐसे में अगर वे बाहर होते हैं, तो उन्हें गीले जूतों या चप्पलों में ही रहना पड़ता है। इसकी वजह से पैरों पर इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में पैरों पर रैशेज निकल सकते हैं। त्वचा पर खुजली और इरिटेशन हो सकती है।