Causes Of Ovary Pain During Perimenopause In Hindi: मेनोपॉज होने से ठीक पहले महिलाओं को नियमित रूप से पीरियड्स नहीं होते हैं। कभी महीनों पीरियड्स नहीं होते हैं, तो कभी एक ही महीने में दो-दो बार पीरियड्स होने लगते हैं। यही नहीं, इस चरण में अक्सर महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग होती है, तो कभी सिर्फ स्पॉटिंग होती है। इसी फेस को हम पेरिमेनोपॉज के नाम से जानते हैं। कुछ महिलाओं को इस चरण में ओवरी यानी अंडाशय में दर्द का अहसास होता है। सवाल है, पेरिमेनोपॉज के दौरान ओवरी में दर्द क्यों होता है? क्या इसके पीछे कोई मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार है? इस बारे में जानने के लिए हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
पेरिमेनोपॉज के दौरान ओवरी में दर्द के कारण- Causes Of Ovary Pain During Perimenopause In Hindi
मेंस्ट्रुअल पेन
पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं को पीरियड्स होते हैं। यह बात तो आप सभी जानते हैं कि मेंस्ट्रुएशन के दौरान अक्सर महिलाओं को दर्द होता है। कुछ महिलाओं में यह दर्द तीव्र होता है, तो कुछ को पेन लेस पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स होने की वजह से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में संभव है कि महिला को इस चरण में क्रैंपिंग और ओवरी में दर्द का अहसास हो।
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एंडोमेट्रियोसिस
आमतौर पर एंडोमेट्रियल टिश्यू गर्भाशय के अंदर विकसित होता है और मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान निकल जाता है। जब यह टिश्यू गर्भाशय के बाहर बढ़ता है, तो इसे एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। यह असल में गर्भाशय से जुड़ी समस्या है। ऐसा होने पर महिला को असामान्य ब्लीडिंग होती है, पेट में दर्द और क्रैंपिंग का अहसास भी होता है। इसी क्रम में, महिला को ओवरी में भी दर्द का अहसास भी हो सकता है। यह दर्द इतना तीव्र होता है कि सामान्य जीवनशैली को प्रभावित कर सकता है।
यूटरिन फाइब्रॉयड
यूटरिन फाइब्रॉयड गर्भाशय में स्थित नॉन-कैंसेरियस ट्यूमर है। यूटरिन फाइब्रॉयड होने पर गंभीर ऐंठन होती है और हैवी ब्लीडिंग भी हो सकती है। यूटरिन फाइब्रॉयड के लक्षण नजर आने पर महिला को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह महिला की फर्टिलिट को भी प्रभावित कर सकता है। यूटरिन फाइब्रॉयड होने पर महिला महीने में दो बार पीरियड्स, हैवी ब्लीडिंग, पेल्विक क्रैंपिंग, बार-बार पेशाब आना जैसे कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं।
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ओवेरियन सिस्ट
ओवेरियन सिस्ट एक तरह की छोटी-छोटी गांठें होती हैं, जिसमें तरल पदार्थ भरे होते हैं। इस तरह की समस्या एक या दोनों ओवरीज में हो सकती है। पेरिमेनोपॉज के दौरान भी इस तरह की परेशानियों महिलाओं में देखी जा सकती है। कई बार, ओवेरियन सिस्ट का पता चल जाता है, तो कई बार इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। हालांकि, ओवेरियन सिस्ट होने पर कई महिलाओं को दर्द का अहसास होता है। इसे अक्सर मेंस्ट्रुअल पेन समझ लिया जाता है। जबकि यह सही नहीं है। ओवरियन सिस्ट होने पर महिला को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। इसके लक्षण नजर आने पर अनदेखी न करें।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाएं अक्सर इस गलतफहमी में रहती हैं कि वे कंसीव नहीं कर सकेंगी। लेकिन, इस बता का ध्यान रखें कि जब तक महिलाओं को पीरियड्स होते हैं, वे ओवुलेशन फेस से गुजरती हैं। यह समय कंसीव करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। कई बार, प्रेग्नेंसी यूट्रस में न होकर, बाहरी हिस्से में भ्रूण ठहर जाता है। यह बात आप जानती होंगी कि यूट्रस के बाहर प्रेग्नेंसी सर्वाइव नहीं कर सकती है। इस तरह की प्रेग्नेंसी को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर कंधे में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, थकान, कमजोरी और पेल्विक एरिया में दर्द का अहसास हो सकता है। इसके अलावा, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की वजह से हैवी वजाइनल ब्लीडिंग भी हो सकती है।
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