प्री मेनोपॉज क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

45 से 55 उम्र की महिलाओं में मेनोपॉज की शिकायत होना आम बात है। वहीं, कम उम्र की महिलाओं में मेनोपॉज की शिकायत हो जाए, तो इसे प्री मेनोपॉज कहा जाता है।
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प्री मेनोपॉज क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके


मेनोपॉज से आप शायद अच्छी तरह वाकिफ होंगे। मेनोपॉज एक प्रोसेस है, जिसमें एक उम्र के बाद महिलाओं का पीरियड्स आना बंद हो जाता है। 45 से 55 वर्ष की महिलाओं के पीरियड्स लगभग पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। पीरियड्स बंद होने का मतलब यह है कि आपके ओवरी में एग्स खत्म हो चुके हैं। जिसके कारण पीरियड्स सर्कल रूक जाता है। इसे ही मेनोपॉज कहते हैं। लेकिन आधुनिक लाइफ स्टाइल में लोगों का रहने और खाने पीने का तौर तरीका काफी बदल गया है, जिसकी वजह से महिलाओं का कम उम्र में ही पीरियड्स आना बंद हो जाता है। कम उम्र में पीरियड्स बंद होने की समस्या को ही प्री मेनोपॉज या फिर ओवेरियल फेलियर कहा जाता है। चलिए गाजियाबाद इंदिरापुरम की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीरा श्रीवास्तव से जानते हैं इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी-

किन कारणों से होता है प्री मेनोपॉज?

  • जो महिलाएं धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन अधिक करती हैं, उन्हें कम उम्र में ही मेनोपॉज की शिकायत हो सकती है। डॉक्टर नीरा बताती हैं कि इस तरह की महिलाओं को अन्य महिलाओं से करीब 1 से 2 साल पहले मेनोपॉज की शिकायत हो सकती है।
  • इसके अलावा कैंसर के लिए इस्तेमाल होने वाली कीमोथैरेपी और रेडिएशन थैरेपी की वजह से भी महिलाओं को उम्र से पहले मेनोपॉज की शिकायत हो सकती है।
  • खानपान पर सही से ध्यान न देने के कारण भी महिलाओं को मेनोपॉज की शिकायत समय से पहले हो जाती है।
  • एक्सरसाइज की कमी के कारण भी आपको प्री मेनोपॉज हो सकता है।

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प्री मेनोपॉज के लक्षण

  • ब्रेस्ट में सूजन
  • वजाइना में ड्राईनेस होना।
  • वजाइना में खुजली होना
  • काफी ज्यादा गर्मी लगना।
  • ब्रेस्ट में हल्का दर्द होना।
  • बहुत ही ज्यादा पसीना आना।
  • मूड स्विंग होना।
  • बिना वजह थकान महसूस होना।
  • तनाव ग्रस्त रहना।

प्री मेनोपॉज के कारण होने वाली समस्या

  • अगर उम्र से पहले मेनोपॉज की समसया हो जाए, तो महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों में सबसे ज्यादा हड्डियों से जु़ड़ी समस्या है। 
  • प्री मेनोपॉज की शिकायत होने पर महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस, हाई बीपी और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 
  • इतना ही नहीं इसकी वजह से महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन्स का बनना बंद हो जाता है।
  • कई महिलाओं को प्री मेनोपॉज की शिकायत होने के बाद नींद न आने की समस्या भी होने लगती है। 
  • इन स्थिति पर किसी अच्छे गायनोक्लॉजिस्ट से जरूर संपर्क करें। ताकि प्री मेनोपॉज की वजह से होने वाली समस्याओं से निजात पाया जा सके।

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प्री मेनोपॉज होने पर क्या करें?

  • अगर कम उम्र में ही आपके पीरियड्स बंद हो रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर द्वारा दी गई जरूरी सलाह को अच्छे से फॉलो करें। 
  • अपने भोजन में विटामिंस, कैल्शियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार को शामिल करें। इससे आपकी हड्डियां कमजोर नहीं होंगी।
  • नियमित रूप से 30 मिनट एक्सरसाइज करें। ताकि आप खुद को स्वस्थ रख सकें।
  • अधिक से अधिक पानी पिएं और लिक्विड डाइट लें।
  • तनाव और डिप्रेशन से दूर रहने की कोशिश करें।

कैसे करें प्री मेनोपॉज से बचाव

प्री मेनोपॉज से बचाव के लिए आप निम्न टिप्स फॉलो कर सकते हैं। जैसे-

  • धूम्रपान से दूर रहें।
  • शराब का सेवन न करें। 
  • खानपान का ध्यान रखें। 
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  • अपने आहार में हेल्दी चीजों को शामिल करें।
  • अनियमित पीरियड्स की शिकायत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

प्री मेनोपॉज महिलाओं के लिए आधुनिक समय में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। अगर आपको पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह की शिकायत हो रही है, तो किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि आपका उचित इलाज हो सके।

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