Menopause Symptoms in Hindi: हर महिला को अपने जीवन में कई बदलावों से गुजरना पड़ता है। एक समय आता है, जब महिलाओं को पीरियड्स आने शुरू होते हैं। वहीं, फिर एक समय आता है, जब महिलाओं को पीरियड्स आने पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। जब किसी महिला को हमेशा के लिए पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं, तो इस स्थिति को मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति कहा जाता है। आमतौर पर मेनोपॉज 40 से 55 साल की उम्र में हो आ सकता है। कुछ महिलाओं में इससे पहले भी मेनोपॉज आ सकता है। जब मेनोपॉज शुरू होने वाला होता है, तो महिलाओं में अलग-अलग तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं। वहीं, जब मेनोपॉज का दौर शुरू हो जाता है, तो भी लक्षणों का अनुभव होता है। ये लक्षण कुछ सालों तक दिख सकते हैं। आपको बता दें कि हर साल 18 अक्टूबर को विश्व मेनोपॉज दिवस (World Menopause Day 2024) मनाया जाता है। आइए, मेक्स हेल्थकेयर की सीनियर कंसल्टेंट और गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. ऋचा सिंघल से जानते हैं मेनोपॉज के लक्षण कितने समय तक रहते हैं (Menopause ke Lakshan Kitne Samay Tak Rahte Hai)?
मेनोपॉज के क्या लक्षण होते हैं?- Menopause Symptoms in Hindi
- रात में ज्यादा पसीना आना
- वजाइनल ड्राईनेस
- हॉट फ्लैशेज
- अनियमित मासिक धर्म
- पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो कम होना
- बार-बार पेशाब आना
- रात में नींद न आना
- तनाव या चिंता
- मूड स्विंग्स
- चिड़चिड़ापन
- ड्राई स्किन

मेनोपॉज के लक्षण कितने समय तक रहते हैं?- How Long do Menopause Symptoms Last in Hindi
12 महीनों तक लगाकर पीरियड्स न होना, मेनोपॉज का एक आम लक्षण होता है। जब किसी महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो इसी स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। आपको बता दें कि मेनोपॉज की अवधि और सीमा हर महिला में अलग-अलग होती है। अधिकतर महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण 4-5 साल तक रह सकते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण 10-12 सालों तक भी दिख सकते हैं। दरअसल, मेनोपॉज के लक्षणों की अवधि, एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर पर निर्भर करता है। अगर आपको लंबे समय तक मेनोपॉज के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इस स्थिति में भी घबराने की जरूरत नहीं है।
इसे भी पढ़ें- प्रीमेनोपॉज, पेरीमेनोपॉज और मेनोपॉज में क्या अंतर होता है? इन लक्षणों से समझें
मेनोपॉज से महिलाओं के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
मेनोपॉज से महिलाओं के शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं।
- मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इसकी वजह से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
- मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को हॉट फ्लैशेज से जूझना पड़ता है। इसकी वजह से उन्हें रात में पसीना आ सकता है या फिर तेज ठंड भी लग सकते हैं।
- मेनोपॉज की वजह से महिलाओं को अनिद्रा से जूझना पड़ सकता है। इसकी वजह से रात में नींद न आने की समस्या हो सकती है।
- मेनोपॉज में मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
- इसका असर यौन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। मेनोपॉज की वजह से महिलाओं को यौन इच्छा में कमी आ सकती है।
मेनोपॉज से महिलाओं को ड्राई आईज और ड्राई स्किन जैसी समस्याओं से भी परेशान होना पड़ सकता है।
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान होना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को अलग-अलग लक्षणों का अनुभव हो सकता है। ये लक्षण कुछ सालों तक रह सकते हैं।