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एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं को किन कारणों से होता है पैरों में दर्द, जानें इलाज का तरीका

एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के गर्भाशय यानी यूट्रेस से जुड़ी समस्या है। इसमें महिलाओं को अनियमित पीरियड्स और दर्द का सामना करना पड़ता है। आगे जानते हैं कि महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस की वजह से पैरों में दर्द क्यों होता है और इसका इलाज कैसे किया जाता है?
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एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं को किन कारणों से होता है पैरों में दर्द, जानें इलाज का तरीका


Leg Pain In Endometriosis: महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। समय के साथ महिलाओं की लाइफस्टाइल में आए बदलाव इस बात को उजागर करते हैं कि महिलाओं को अनियमित दिनचर्या के कारण प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। आज के समय में महिलाओं में पीसीओएस, पीसीओडी, फ्राइबॉएड और एंडोमेट्रियोसिस आदि के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस एक जटिल और दर्द का कारण बनने वाली समस्या है। इसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है। यह स्थिति आमतौर पर ओवरी, फैलोपियन ट्यूब और पेट की अन्य अंगों को प्रभावित कर सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस पैर दर्द का भी कारण बन सकता है? इस लेख में मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई, की कंसल्टेंट गाइनाक्लॉजिस्ट एंड इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर डॉ. अनुरंजिता पल्लवी से जानते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस में पैर दर्द के कारण, लक्षण और उपचार कैसे किया जाता है?

एंडोमेट्रियोसिस में पैर दर्द के कारण - Causes of Leg Pain In Endometriosis in Hindi

नसों पर दबाव

जब एंडोमेट्रियल टिश्यू नसों के पास बढ़ता है, तो यह आसपास की नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे पैर में दर्द, झनझनाहट और सुन्नता हो सकती है।

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सायटिका (Sciatica) का प्रभाव

अगर एंडोमेट्रियोसिस की बढ़ोतरी साइटिक नर्व (Sciatic nerve) के आसपास होती है, तो यह साइटिका का कारण बन सकता है। यह एक प्रमुख तंत्रिका होती है, जो पीठ के निचले हिस्से से पैरों तक जाती है। इससे पैरों में तेज दर्द, झनझनाहट और कमजोरी महसूस हो सकती है।

ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट

एंडोमेट्रियोसिस से ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आ सकती है, जिससे पैरों में दर्द और थकान हो सकती है।

सूजन और जलन

एंडोमेट्रियोसिस से प्रभावित क्षेत्र में सूजन और जलन हो सकती है, जो आसपास की नसों और टिश्यू को प्रभावित कर पैर दर्द का कारण बन सकती है।

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन

एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े मांसपेशीय असंतुलन के कारण पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां अधिक सख्त हो सकती हैं, जिससे पैरों में दर्द और भारीपन महसूस हो सकता है।

एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े पैर दर्द के लक्षण - Symptoms of Leg Pain in Endometriosis in Hindi

  • दर्द का मासिक धर्म के दौरान बढ़ जाना
  • पैरों में जलन या झनझनाहट महसूस होना
  • पैरों में लगातार या रुक-रुक कर दर्द रहना
  • पैरों में कमजोरी या सुन्नता महसूस होना
  • चलने या खड़े होने पर दर्द बढ़ जाना, आदि।

एंडोमेट्रियोसिस में पैर दर्द का इलाज कैसे किया जाता है? - How To Treat Leg Pain In Endometriosis in Hindi

दवाओं द्वारा इलाज

  • गर्भनिरोधक गोलियां – हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां दी जा सकती हैं।
  • गोनाडोट्रॉपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) एगोनिस्ट – ये दवाएं एस्ट्रोजन के स्तर को कम करके एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
  • गैर-स्टेरायडल सूजनरोधी दवाएं (NSAIDs) – दर्द और सूजन को कम करने के लिए इबुप्रोफेन या नैप्रोक्सेन जैसी दवाएं दी जाती हैं।

फिजिकल थेरेपी (Physical Therapy)

  • पेल्विक फ्लोर थेरेपी – पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को आराम देने और संतुलित करने के लिए फिजियोथेरेपी सहायक हो सकती है।
  • स्ट्रेचिंग और व्यायाम – नियमित रूप से योग और हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम करने से पैर दर्द में राहत मिल सकती है।

लाइफस्टाइल में बदलाव

  • संतुलित आहार – अधिक फाइबर युक्त आहार और एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ जैसे हल्दी, अदरक और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से सूजन कम हो सकती है।
  • हाइड्रेशन – पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में सूजन कम होती है।
  • तनाव को मैनेज करें – ध्यान (मेडिटेशन) और श्वसन तकनीकों के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करना आवश्यक है।

सर्जिकल ट्रीटमेंट (Surgical Treatment)

  • लैप्रोस्कोपी – यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें एंडोमेट्रियल ऊतक को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
  • हिस्टेरेक्टॉमी – गंभीर मामलों में, जब अन्य उपचार काम नहीं करते, तो गर्भाशय को हटाने के लिए हिस्टेरेक्टॉमी की जा सकती है।

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एंडोमेट्रियोसिस में पैर दर्द एक गंभीर समस्या हो सकती है, जो जीवन की क्वालिटी को प्रभावित कर सकती है। सही समय पर रोग की पहचान और दवाओं, फिजियोथेरेपी, जीवनशैली में बदलाव और आवश्यक होने पर सर्जरी के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको नियमित रूप से पैर दर्द होता है और यह आपके पीरियड साइकिल से जुड़ा हुआ लगता है, तो बिना देर किए किसी गाइनाक्लॉजिस्ट से सलाह लें।

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