57 Year Old Ashu Jain Shared Her Menopause Experience: 50 की उम्र के बाद लोगों खुद को बूढ़ा मानने लगते हैं, अपने फिटनेस की ओर कम ध्यान देते हैं। सुबह-शाम थोड़ी-थोड़ी देर वॉक करना ही उनके लिए फिटनेस रूटीन हो जाता है। 50 की उम्र के बाद कई तरह की बीमारियां आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं। लेकिन, खुद को फिट रखने या अपने लिए जीना शुरू करने के लिए आपको उम्र नहीं जज्बे की जरूरत होती है। इस बात को रोडीज सीजन 20 (Roadies Season 20) की कंटेस्टेंट अशु जैन ने साबित किया है। रोडीज के ऑडिशन के दौरान अशु जैन ने न सिर्फ 50 की उम्र के बाद अपने फिटनेस जर्नी के बारे में बताया, बल्कि पोस्ट मेनोपॉज के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए क्या किया, इस बारे में भी जानकारी दी। तो आइए जानते हैं अशु जैन ने कैसे इस उम्र में भी खुद को फिट रखा है?
पोस्ट मेनोपॉज के कारण स्वास्थ्य पर पड़ा बुरा असर
आशु जैन ने बताया कि, "54 की उम्र में पोस्ट-मेनोपॉज से जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। पोस्ट-मेनोपॉज के कारण मेरे शरीर में कई बदलाव हुए, अचानक मेरा वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया, ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा हाई (post menopause symptoms) हो गया, जिसके बाद मैं डॉक्टर के पास गई और डॉक्टर ने कहां कि मुझे अब उम्र भर दवाइयां खानी पड़ेंगी। लाइफटाइम दवाइयां खाने के लिए मैं बिल्कुल तैयार नहीं थी। मेरे दवाइ न खाने के फैसले के बाद डॉक्टर ने मुझे अपने लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करने की सलाह दी और जीवन के इस पड़वा से मेरी फिटनेस जर्नी शुरू हुई।"
54 साल की उम्र में फिटनेस जर्नी की शुरूआत हुई
आशु जैन ने बताया कि, "पोस्ट मेनोपॉज के कारण शरीर के बढ़े बहुत ज्यादा वेट और हाई बीपी की समस्या से राहत पाने के लिए मैंने अपने लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव किए। मैंने अपने फिटनेस जर्नी की शुरुआत वॉक से शुरू की। मैं रोजाना 2 से 3 घंटे वॉक करने लगी। रोजाना वॉक करने और लाइफस्टाइल में कुछ अन्य बदलाव करने से मेरा वजन कम हुआ और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी राहत मिली। इतना ही नहीं, मैं रोजाना खुद के लिए 2 से 3 घंटे निकालने लगी।"
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आगे जानकारी देते हुए आशु जैन ने कहा कि, "वजन कम होने और हाई बीपी कंट्रोल होने के बाद मैंने अपने फिटनेस पर और ज्यादा फोकस करने के बारे में सोचा और इंटरनेट पर 50 की उम्र के बाद फिट कैसे रहें? इस बारे में गूगल करने लगी। जिसमें मुझे सबसे ज्यादा स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के बारे में जानने को मिला। खुद को फिट रखने के लिए मैंने ऑनलाइन क्लासेज लेना शुरू किया, जिसमें मैंने स्क्वाट और लंजेस से (How do you manage postmenopause) शुरुआत की। फिर धीरे-धीरे मैंने जुंबा क्लास जॉइन की और अब जिम जाकर खुद को फिट रखने की कोशिश जारी है।"
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50 की उम्र के बाद किया पीएचडी
आशु जैन ने जानकारी देने के लिए बताया कि, "44 साल की उम्र के बाद मैंने खुद के लिए जीना शुरू किया। दरअसल घर पर रहकर अपने बच्चों की केयर और उनका सही पालन-पोषण करने का मैंने फैसला लिया था, लेकिन मेरे मन में खुद की लाइफ को लेकर पछतावा था। 1989 में मैंने B.Tech किया था। लेकिन एक मां बनने के बाद मैं अपने करियर या पढ़ाई की ओर फोकस करने के स्थान पर अपने बच्चों पर ज्यादा केयर करने लगी। 44 साल की उम्र में मैंने M. Tech करने के बारे में सोचा और मैंने किया भी, जिसके बाद मैंने IIT से PH.d किया।"
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1. स्क्वाट
आप अपने फिटनेस रूटीन में स्क्वाट शामिल कर सकते हैं। स्क्वाट्स पैरों, ग्लूट्स और कोर को मजबूत बनाता है, जिससे संतुलन बेहतर रखने, पॉश्चर में सुधार करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
2. लंजेस
लंजेस करनेसे आपके पैरों, हिप्स, और ग्लूट्स को बेहतर रखने में मदद करता है, जिससे आपके शरीर को संतुलित करने और लचीलेपन को बढ़ावा मिलता है।
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3. पुश-अप्स
पुश-अप्स करने से आपकी छाती, ट्राइसेप्स और कोर की ताकत को बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे शरीर के पॉश्चर, हड्डियों को मजबूत करने और शरीर के ऊपरी हिस्से में सुधार करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
57 साल की उम्र में भी आशु जैन अपने फिटनेस को और बेहतर करने में लगी हुई है। इसलिए, अगर आप भी 50 के पार हैं या पोस्ट मेनोपॉज के लक्षणों से जुझ रही हैं, तो अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके खुद को फिट रख सकती हैं।