कोरोना महामारी के बाद लोगों ने अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसके पीछे वजह है इम्युनिटी। लोगो अपनी इम्युनिटी को स्ट्रांग करना चाहते हैं और साथ ही हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं, इसलिए डाइट पर विशेष रूप से ध्यान दे रहे हैं। इसी बीच कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन दोनों में से कौन सा ज्यादा बेहतर है, इसको लेकर लोगों में कन्फ्युजन है। तो आज हम आपकी ये कन्फ्युजन दूर कर रहे हैं। नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर का कहना है कि कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन दोनों ही शरीर के लिए जरूरी हैं। दोनों के अलग गुण और जरूरतें हैं। शरीर में ये दोनों अलग-अलग तरह से काम करते हैं। तो आइए डॉ. शैली से जानते हैं कि स्वस्थ शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट्स या प्रोटीन क्या ज्यादा बेहतर है।
प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट्स क्या है बेहतर?
इस सवाल के जवाब में डॉक्टर शैली कहती हैं कि शरीर के विकास के लिए कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और वसा यानी फैट इन तीनों तत्त्वों की जरूरत पड़ती है। कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन दोनों ही मैंक्रोन्यूट्रीएंट्स हैं। ये दोनों ही शरीर को बेहतर तरीके से काम कराने के लिए जरूरी हैं, इसलिए कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फैट ये तीन जरूरी मैक्रोन्यूट्रीएंट्स हैं। इसके अलावा विटामिन और मिनरल भी स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी हैं।
शरीर में जाकर कार्बोहाइड्रेट्स क्या काम करता है?
न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली का कहना है कि कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन दोनों ही शरीर में जाकर अलग तरह से काम करते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स जो हमें अनाज से मिलता है, उसका प्रमुख काम ऊर्जा प्रदान करना होता है। यही ऊर्जा आपको दिन प्रतिदिन के काम लिए जरूरी है। उदाहरण के लिए वॉकिंग, ब्रिदिंग, रनिंग आदि फिजिकल एक्टिविट के लिए यही कार्बोहाइड्रेट्स ऊर्जा देता है। आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स टूट कर ग्लूकोज बनाते हैं। यह ग्लूकोज शरीर में एनर्जी का फ्यूल बनते हैं।
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शरीर में जाकर प्रोटीन क्या काम करता है?
प्रोटीन का प्रमुख काम मांसपेशियों का निर्माण करना और शरीर का विकास करना है। प्रोटीन की जरूरत हेल्दी स्किन, हेल्दी हेयर और मजबूत हड्डियों के लिए होती है। इसलिए कहा जा सकता है कि कार्बोहाइड्रेट्स ऊर्जा देते हैं और प्रोटीन शरीर के बिल्डिंग ब्लॉक हैं। प्रोटीन शरीर में जाकर एमिनो एसिड्स में ब्रेक होता है, शरीर के विकास में मदद करते हैं।
शरीर को कितने कार्बोहाइड्रेटस और प्रोटीन की जरूरत?
डॉ. शैली का कहना है कि आपकी डाइट में 40 से 50 फीसद कैलोरी कार्बोहाइड्रेट्स से मिलनी चाहिए और 35 से 40 फीसद कैलोरी प्रोटीन से प्राप्त होनी चाहिए। 10-15 बची हुई ऊर्जा फैट यानी वसा से आती है। इससे यह समझ आता है कि आपको प्रोटीन से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स की जरूरत है। लेकिन यह जरूरत भी हर व्यक्ति पर अलग तरीके से निर्भर करती है। उदाहरण के लिए एक एथलीट को सामान्य तौर पर ज्यादा प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। जिन लोगों को मधुमेह की दिक्कत है उन्हें कार्बोहाइड्रेट्स कम दिया जाता है। तो हर व्यक्ति की जरूरत के अनुसार प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स लेना चाहिए।
कार्बोहाइड्रेट्स के प्रकार
कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार के होते हैं। पहला कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और दूसरा रिफाइंड कार्ब्स। इन विस्तार निम्नलिखित है।
रिफाइंड कार्ब्स
रिफाइंड कार्ब्स अनहेल्दी कार्ब्स होते हैं। इन कार्ब्स से वजन बढ़ना, डायबिटीज, दिल की बीमारियां आदि परेशानियां होती हैं। रिफाइंड कार्ब्स मैदा, प्रोसेस्ड फूड जैसे केक, बिस्कुट, चिप्स, वाइट ब्रेड, टेबल शुगर आदि में पाया जाता है। रिफाइंड कार्ब्स से शरीर को किसी तरह का न्यूट्रीशन नहीं मिलता है। इससे सिर्फ कैलोरिज मिलती हैं।
कॉम्प्लेक्स कार्ब्स
कॉम्प्लेक्स कार्ब्स हेल्दी कार्ब्स होते हैं। जिनका सेवन रोजाना किया जा सकता है। यह कार्ब साबुत अनाज जैसे गेहूं, रागी, बाजरा, ज्वार, किनोआ, ओट्स आदि में पाया जाता है। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से हेल्दी एनर्जी मिलती है। इससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता और यह वजन बढ़ने का कारण नहीं बनता।
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प्रोटीन के प्रकार
प्रोटीन के भी दो प्रकार होते हैं। ये निम्न हैं।
प्लांट बेस्ड प्रोटीन और एनिमल प्रोटीन
प्लांट बेस्ड प्रोटीन दालों, फलियां जैसे छोले, राजमा, लोबिया, काला चना, पीली मटर, अखरोट, बादाम, चिया सीड्स, सोयाबीन आदि से प्राप्त होता है। एनिमल प्रोटीन मांस, चिकन, मछली और अंडों से प्राप्त होता है। एनिमल प्रोटीन कोलेस्ट्रोल में हाई होते हैं। तो अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो आपको प्लांट बेस्ड प्रोटीन लेना चाहिए।
कार्ब और प्रोटीन रिच डाइट कांबीनेशन
हमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स दोनों की जरूरत पड़ती है। इन्हें कितनी मात्रा में लेना है, इसकी मात्रा आपके लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है। हमारे दिन प्रतिदिन का खाना कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन दोनों से रिच होता है। उदाहरण के लिए चावल, दाल, दाल-रोटी, एग सैंडविच, ढोकला, कढ़ी-चावल, इडली-सांभर आदि। इन सभी कॉम्बीनेशन से मालूम होता है कि हमारे खाने में प्रोटीन और कार्ब दोनों होते हैं। यह दोनों ही शरीर के लिए जरूरी हैं। इन दोनों का अलग काम है।
जरूरत से ज्यादा और कम कार्बोहाइड्रेट्स के सेवन से क्या होता है?
डॉ. शैली तोमर का कहना है कि किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है। आपके शरीर को जितना कार्ब जरूरी है, उतना ही खाना चाहिए। इसके अधिक सेवन से होने वाले नुकसान और कम सेवन से भी नुकसान हो सकता है। इसलिए जितना जरूरी है उतना खाएं। डॉ तोमर ने बताया कि आपके शरीर में ज्यादा प्रोटीन जमा नहीं हो सकता, लेकिन कार्बोहाइड्रेट् ग्लाइकोजिन (glycogen) के रूप में जम सकता है। कार्बोहाइड्रेट्स के ज्यादा सेवन से वजन बढ़ सकता है। तो वहीं, जरूरत से कम कार्बोहाइड्रेट्स खाने पर शरीर में ऊर्जा कम रहेगी, थकान, कमजोरी आदि समस्याएं रहेंगी। इसलिए कार्बोहाइड्रेट्स का संतुलित मात्रा में सेवन जरूरी है।
ज्यादा और कम प्रोटीन लेने से होने वाली परेशानियां
ज्यादा प्रोटीन खाने से कब्ज और किडनी से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। तो वहीं, जरूरत से कम प्रोटीन लेने पर इम्युनिटी कमजोर होगी और बाल व स्किन से संबंधित परेशानियां होंगी।
कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन अगर सही मात्रा में लिया जाए तो यह शरीर के लिए रामबाण हो सकता है, लेकिन इसके अधिक या कम सेवन से मोटापा, डायबिटीज, स्किन, हेयर से संबंधित परेशानियां पैदा होने लगती हैं। जैसा कि हमने डॉक्टर शैली से जाना कि कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन दोनों ही स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी हैं। इसलिए इनका सही मात्रा में सेवन करना भी जरूरी है। इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए आप अपनी डायटीशियन से बात कर सकते हैं।
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