विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया जाता है। यह वैश्विक स्वास्थ्य अभियान विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पहल है, ताकि दुनिया भर में लोगों के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 पर आज हम प्रोटीन के बारे में बात करेंगे कि क्यों ये हमारे शरीर के लिए इतना जरूरी है। इसके अलावा अगर आप अपने आहार में पर्याप्त प्रोटीन का सेवन नहीं करते हैं तो इसका आपके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि प्रोटीन एक मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जिसकी आपके शरीर को दैनिक आधार पर जरूरत पड़ती है। आपकी शारीरिक गतिविधि, आहार और जीवनशैली और शरीर के वजन के हिसाब से हर व्यक्ति को लगभग 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता हर रोज होती है। इस तमाम बिंदुओं को ध्यान रखते हुए सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने अपनी किताब 'डोंट लूज योर माइंड लूज योर वेट' में प्रोटीन की बात की है। आइए विस्तार से जानते हैं उन्होंने इस किताब में क्या-क्या कहा है।
हमें प्रोटीन की जरूरत क्यों है?
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर की मानें, तो प्रोटीन का प्राथमिक कार्य आपके शरीर का निर्माण और मरम्मत करना होता है। वजन घटाने से लेकर मांसपेशियों के निर्माण तक, प्रोटीन शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वही प्रोटीन की कमी के कारण हमारा इम्यूनिटी भी कमजोर पड़ने लगता है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति नियमित तौर पर प्रोटीन का सेवन नहीं करता तो वो इसकी कमी से भी कई बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसके अलावा भी कई सारी परेशानियां हैं, जो प्रोटीन की कमी के कारण हमें परेशान कर सकती है। आइए जानते हैं कि तब क्या होगा जब हम प्रोटीन लेना बंद कर देंगे।
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शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण होने वाले प्रभाव
- -जब हम प्रोटीन जैसे पोषक तत्व से वंचित होते हैं, तो तेजी से हमारा वजन कम होने लगता है।
- - प्रोटीन का सेवन अच्छे तरीके से ना करने के कारण ये शरीर में अमीनो एसिड की कमी हो जाती है और इसके कारण शरीर अपनी मांसपेशियों को तोड़ देता है।
- - वहीं ये शरीर में लिपिड प्रोफाइल, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है, जो शरीर में हिलींग को आसान बनाता है।
- - वहीं प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर तनाव का अनुभव करता है।
- -हीमोग्लोबिन का खराब लेवल
- -बाल झड़ना
- -गुस्सा और निराश रहना
- -आंखों के नीचे काले घेरे
- -खराब नाखून
किताब में डिवेकर अपने एक ग्राहक के संदर्भ में यह कहती हैं, जिन्होंने केवल फल खाने से वजन कम किया, उनका वजन तो कम हो गया लेकिन उसी समय, उसका हीमोग्लोबिन का स्तर भी गिरा, उसका कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ गया और वह भी अधिक उम्र का लगने लगा। यानी प्रोटीन खाए बिना जिसने भी फलों और सब्जियों की मदद से वजन कम किया है उन्हें इसका काफी नुकसान उठाना पड़ा है। साथ ही रुजुता अपने किताब में ये भी लिखती हैं कि उनके आहार में कोई प्रोटीन नहीं था, लेकिन केवल कार्ब्स थे, वो भी प्रतिबंधित मात्रा में। साथ ही, आहार ने उन्हें कुछ फाइबर दिया। ऐसे में जरूरी ये था कि आहार में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए थी और फैट से पूरी तरह से बचना चाहिए था।
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रुजुता की मानें, तो हीमोग्लोबिन केवल आयरन नहीं है, बल्कि लोहा (हीम) + प्रोटीन (ग्लोबिन) है। यानी कि आपका हीमोग्लोबिन भी तभी ठीक रहेगा जब आपके शरीर में प्रोटीन की एक अच्छी मात्रा होगी। साथ ही आहार-संबंधी परेशानियाम जैसे कि आंखों के नीचे काले घेरे, कटे हुए नाखून, बालों का झड़ना, दुखी रहना और बार-बार गुस्सा आना प्रोटीन की कमी से भी जुड़ी हुई हैं।जब वजन घटाने और स्वस्थ खाने की बात आती है, तो आपको संतुलित तरीके से प्रोटीन, कार्ब्स और वसा का सेवन करना चाहिए। साथ ही प्रोटीन को ठीक से काम करने के लिए कार्ब्स और वसा की आवश्यकता होती है। कुछ मिलाकर जरूरत इस बात कि है हम अपनी डाइट को बिलकुल बैलेंस डाइट बनाएं।
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