
आसान रेसिपी के चलते सोरडोह ब्रेड लोगों के बीच काफी पॉपुलर है, आप भी जानें क्या है सोरडोह ब्रेड और क्या ये आपके लिए सेहतमंद होगी या नहीं
सोरडोह ब्रेड क्या होती है? सोरडोह ब्रेड साल 2020 में गूगल पर सर्च की गई टॉप 3 रेसिपीज में से एक है। इसको बनाने का आसान तरीका और कम सामग्री इसे बेकर्स के बीच यूनीक बनाता है। इस ब्रेड को बनाने के लिए केवल आटा, पानी और नमक का इस्तेमाल किया जाता है। ये ब्रेड इसलिए भी बाकियों से अलग है क्योंकि इसे तैयार करने के लिए अलग से खमीर नहीं डाला जाता, ब्रेड में मौजूद बैक्टीरिया से ही इसे फर्मेंट किया जाता है। ब्रेड का स्वाद टैंगी और सॉफ्ट होता है। इस ब्रेड में ग्लूटन की थोड़ी मात्रा पाई जाती है। सोरडोह ब्रेड की एक स्लाइस में करीब 185 कैलोरीज होती हैं। इस ब्रेड में किसी तरह का प्रिजर्वेटिव या कैमिकल मिलाया नहीं जाता है। खमीर उठी ब्रेड को खाने की सलाह हेल्थ एक्सपर्ट न देते हों पर फिर भी ये ब्रेड कुकिंग एक्सपर्ट्स के बीच बहुत पॉपुलर हो रही है। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी कई लोगों ने इस ब्रेड को घर पर तैयार कर वीडियो इंटरनेट पर शेयर किया। अगर आप भी नई चीजों में दिलचस्पी रखते हैं तो चलिए आपको बताते हैं सोरडोह ब्रेड से जुड़ी बातें। ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के वेलनेस डाइट क्लीनिक की डाइटीशियन डॉ स्मिता सिंह से बात की।
सोरडोह ब्रेड क्या होती है? (Sourdough Bread)
सोरडोह ब्रेड (Sourdough Bread) एक खास तरह की ब्रेड है जो तीन सामग्री-आटा, नमक और पानी से बनाई जाती है। ब्रेड को फर्मेंट के प्रोसेस से तैयार किया जाता है। इसमें खमीर या दही डालने की जरूरत नहीं पड़ती। सोरडोह को नैचुरल बैक्टीरिया से फर्मेंट किया जाता है। ब्रेड का स्वाद टैंगी, सॉफ्ट होता है।
सोरडोह ब्रेड कैसे तैयार होती है? (Recipe of Sourdough bread)
सोरडोह ब्रेड को बनाने के लिए स्टार्टर का यूज होता है। ये स्टार्टर आटा और पानी मिलाकर बनाया जाता है। इसके लिए होल ग्रेन आटा या मैदा के साथ 2 टीस्पून पानी मिलाया जाता है। कुछ देर के लिए डोह को रेस्ट करने के लिए रख देते हैं फिर उसमें आटा और पानी मिलाकर 2 से 3 दिन रेस्ट करने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके बाद सोरडोह के आटे को ब्रेड के रूप में बेक किया जाता है। तो केवल आटा, पानी और नमक से ये ब्रेड तैयार की जाती है। लोग इसके टेस्ट के कारण इसे पसंद करते हैं। कई बार गलत ढंग से ब्रेड बनाने पर ब्रेड खराब होने की आशंका रहती है। अगर ब्रेड ग्रीन, पिंक, ऑरेंज या ब्लैक पैच नजर आए तो आप ब्रेड को फेंक दें और इसका सेवन न करें।
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सोरडोह ब्रेड खाने के फायदे (Health Benefits of Sourdough bread)
- सोरडोह ब्रेड में फोलेट, पोटैशियम और मैग्निशियम होता है इसलिए इसे खाना हेल्दी माना जाता है।
- सोरडोह ब्रेड स्लो फर्मेंट प्रोसेस से बनती है इसलिए ये आसानी से डाइजेस्ट हो जाती है।
- सोरडोह ब्रेड में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए ये ब्लड शुगर को जल्दी बढ़ने नहीं देती।
- गट हेल्थ के लिए सोरडोह का सेवन फायदेमंद माना जाता है।
- सोरडोह ब्रेड में एंटी-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं इसलिए ये सैल्स को डैमेज होने से बचाती है जिससे गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम होती है।
सोरडोह ब्रेड सेहतमंद है या नहीं? (Sourdough is healthy or not)
सोरडोह ब्रेड पर चर्चा इसलिए भी की जाती है क्योंकि इसे तैयार करने में केवल 3 सामग्री का इस्तेमाल होता है इसलिए कई बेक्ररी इसे बनाने की कोशिश करती हैं। इसको बनाने में समय भी कम लगता है इसलिए ये खाने के शौकीनों के बीच चर्चा का विषय है हालांकि इसमें खमीर मौजूद होता है इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट आपको इसे रोज खाने की सलाह नहीं देते। गूगल ने साल 2020 की अपनी रिपोर्ट में सबसे ट्रेंडी रेसिपीज की सूची जारी की थी जिसमें सोरडोह तीसरे नंबर पर थी, इसको बनाने का तरीका देखते हुए लोगों की दिलचस्पी इस ब्रेड में होती है।
ग्लूटन अवॉइड करना है तो ये ब्रेड न खाएं (Sourdough bread is not gluten free)
सोर डोह ब्रेड में ग्लूटन की मात्रा कम होती है पर ये कहना गलत होगा कि सोर डोह ब्रेड ग्लूटन फ्री है। इसमें कुछ मात्रा में ग्लूटन मौजूद होता है। जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी है वो डॉक्टर से सलाह लेकर ही इस ब्रेड को खाएं। इसके अलावा सोरडोह ब्रेड में वीट, रेह, बार्ले मौजूद होता है तो अगर आप इनमें से कुछ भी अवॉइड करना चाहते हैं तो सोरडोह का सेवन न करें।
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एक स्लाइस में होती है करीब 185 कैलोरीज (Calories of Sourdough bread)
पुराने समय से सोरडोह ब्रेड बनाई जाती रही है क्योंकि ये आसानी से बनकर तैयार हो जाती है इसलिए कई देशों में ये बहुत पॉपुलर है। इसमें पानी और आटे को मिलाकर तेयार किया जाता है। जो खमीर इसमें मौजूद होता है उससे लैक्टिक एसिड बनता है। सोरडोह ब्रेड में पेपटिड्स पाया जाता है। सोरडोह ब्रेड की एक स्लाइस में शुगर की मात्रा 1 ग्राम से कम होती है, कॉर्ब्स की मात्रा लगभग 36 ग्राम होती है, कैलोरीज की बात करें तो इसमें करीब 185 कैलोरीज पाई जाती हैं। सोरडोह ब्रेड में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया मौजूद होता है। इस बैक्टीरिया से बाकि एसिड को कम करने में मदद मिलती है जो कि बाकि ब्रेड्स में पाए जाते हैं। बाकि ब्रेड के मुकाबले सोरडोह ब्रेड में ग्लूटन कम होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है इस ब्रेड के सेवन से ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता। डायबिटीज मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना है।
सोरडोह ब्रेड बाकि ब्रेड्स से अलग कैसे है? (Difference between Sourdough bread and others)
सोरडोह ब्रेड बाकि ब्रेड से कई मायनों में अलग है। सबसे पहले तो सोरडोह ब्रेड को बनाने की सामग्री बाकि ब्रेड्स की तुलना में बहुत कम है। ज्यादातर ब्रेड्स को बनाने के लिए तेल, चीनी, प्रिजर्वेटिव और बाकि कैमिकल का यूज होता है क्योंकि ज्यादातर ब्रेड्स इन सामग्री और कैमिकल के बिना खराब हो जाएगी पर खमीर वाली ब्रेड के साथ ऐसा नहीं है। सोर डोह ब्रेड को फर्मेनटेशन से बनाया जाता है। इससे उसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बनी रहती है। कुछ स्टडीज में ये कहा गया है कि फर्मेनटेशन प्रोसेस के चलते ब्रेड में मौजूद कॉर्ब्स से ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है और ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम होता है पर आपको कोई भी बीमारी है तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए इस ब्रेड का सेवन न करें।
लोग इन दिनों हेल्दी अनहेल्दी से हेल्दी ऑप्शन की तरफ जा रहे हैं, ज्यादातर घरों में ब्रेड रोज खाई जाती है मगर डायटीशियन ब्रेड खाने की सलाह नहीं देते इसलिए आप इन ब्रेड को टेस्ट करें पर इसे रोजाना खाने की गलती न करें।
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