डायबिटीज रोगियों को क्यों होता है यूटीआई का ज्यादा खतरा? जानें शुगर में यूटीआई से बचने के 7 उपाय

डायब‍िटीज में शुगर की मात्रा शरीर में ज्‍यादा होती है ज‍िसके चलते इम्‍यून‍िटी कमजोर होती है और यूटीआई का खतरा हो सकता है, जानें बचाव के उपाय

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Mar 30, 2021 13:47 IST
डायबिटीज रोगियों को क्यों होता है यूटीआई का ज्यादा खतरा? जानें शुगर में यूटीआई से बचने के 7 उपाय

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डायब‍िटीज के मरीजों को यूटीआई का खतरा क्‍यों होता है? डायब‍िटीज के मरीजों को यूटीआई का खतरा ज्‍यादा होता है। डायब‍िटीज के कारण व्‍यक्‍त‍ि के शरीर में शुगर की ज्‍यादा मात्रा इम्‍यून स‍िस्‍टम को कमजोर कर देती है। इसके कारण व्‍यक्‍त‍ि दूसरे रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। कमजोर इम्‍यून स‍िस्‍टम का असर यूट्रस पर पड़ता है इसल‍िए संक्रमण का खतरा डायब‍िटीज पर ज्‍यादा होता है। अगर आपको भी डायब‍िटीज है तो यूटीआई से बचने के ल‍िए आपको कुछ हेल्‍दी ट‍िप्‍स फॉलो करना चाह‍िए। इसके साथ ही आपको ब्‍लड ग्‍लूकोज कंट्रोल करने की जरूरत है। संतुल‍ित डाइट और एक्‍सरसाइज के साथ आपको वॉटर इंटेक पर भी ध्‍यान देना है। यूटीआई से बचने के ल‍िए आपको साफ-सफाई का व‍िशेष ध्‍यान देना है। कुछ लोग यूरीन रोक कर रखते हैं, इससे भी यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है, ऐसी गलती करने से बचें। ज्‍यादा जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

UTI in diabetes

डायब‍िटीज और यूटीआई में क्‍या संबंध है? (Diabetes causes UTI)

यूटीआई यानी यूर‍िनरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन, यूर‍िनरी ट्रैक्‍ट में होने वाला एक संक्रमण है। इस ट्रैक्‍ट में क‍िडनी से लेकर ब्‍लैडर, यूट्रस, यूरेथ्रा शाम‍िल हैं। यूटीआई होने पर आपको यूर‍िन पास करते समय दर्द, जलन, बार-बार यूर‍िन आना, खुजली, दर्द, कमर के न‍िचले ह‍िस्‍से में दर्द आद‍ि की श‍िकायत होती है। ये संक्रमण पुरुष या मह‍िला क‍िसी को भी हो सकता है। ये संक्रमण बैक्‍टीर‍िया के संक्रमण से फैलता है और इसका खतरा डायब‍िटीज रोग‍ियों को ज्‍यादा है। डायब‍िटीज और यूटीआई में सीधा संबंध है। डायब‍िटीज में मरीज के शरीर में शुगर की ज्‍यादा मात्रा से इम्‍यून स‍िस्‍टम कमजोर को जाता है। इम्‍यून‍िटी वीक होने से शरीर बाक‍ि रोगों से लड़ने में भी असक्षम हो जाता है। इससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। टाइप 2 डायब‍िटीज के मरीजों पर हुए एक सर्व के अनुसार डायब‍िटीज मरीजों में यूटीआई का खतरा सामान्‍य व्‍यक्‍त‍ियों से ज्‍यादा आंका गया। डायब‍िटीज टाइप 1 में बॉडी इंसुलीन नहीं बनाती और टाइप 2 में बॉडी ठीक तरह से इंसुलीन नहीं बनाती। इंसुलीन की कमी से ग्‍लूकोज ब्‍लड में होता है। इससे क‍िडनी, आंखें और बाक‍ि ऑर्गन जैसे यूर‍िनरी ट्रैक्‍ट आद‍ि पर भी फर्क पड़ता है। 

शुगर में यूटीआई से कैसे बचें? (How to prevent UTI in Diabetes)

UTI infection

शुगर में यूटीआई होने का सबसे बड़ा खतरा है पाइलोनफ्राइट‍िस। सामान्‍य लोगों की तुलना में ये बीमारी डायब‍िटीज मरीजों को ज्‍यादा होता है। इसमें हाई बीपी, संक्रमण आद‍ि की समस्‍या हो सकती है। यूटीआई का इलाज एंटीबॉयोट‍िक्‍स से क‍िया जाता है। दवाओं से बैक्‍टीर‍िया नष्‍ट हो जाते हैं। संक्रमण के लक्षण नजर आने पर डॉक्‍टर से संपर्क करें। डायब‍िटीज में मरीजों को यूटीआई से बचाने के ल‍िए इन उपायों को ट्राय करें- 

1. योग को द‍िनचर्या में शाम‍िल करें (Yoga)

यूटीआई से बचने के ल‍िए आप योग को अपनी द‍िनचर्या में शाम‍िल करें। यूटीआई से बचाव करना है तो आप गोमुखासन करें। इस आसन से इंफेक्‍शन जल्‍दी ठीक हो जाएगा। डायब‍िटीज में यूटीआई न भी हो तो भी आपको रोजाना कम से कम 40 म‍िनट योग का अभ्‍यास जरूर करना चाह‍िए। इससे बॉडी की इम्‍यून‍िटी बढ़ेगी। 

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2. शौचालय में साफ-सफाई रखें (Clean your toilet seat)

आपको बॉथरूम की साफ-सफाई पर भी ध्‍यान देना है। गंदगी के कारण यूटीआई हो सकता है। शौचालय यूज करने से पहले फ्लश करना न भूलें। इस्‍तेमाल के बाद सीट को सूखे नैपकिन से क्‍लीन कर दें ताक‍ि आपके बाद क‍िसी और को संक्रमण न हो। अगर आप घर से बाहर पब्‍ल‍िक टॉयलेट का यूज करते हैं तो अपने साथ टॉयलेट सीट सैनेटाइजर जरूर रखें। फ्रैश होने के बाद और पहले सैनेटाइजर और फ्लश का इस्‍तेमाल करें। 

3. यूरीन को न रोकें (Don't avoid toilet visit)

dont avoid toilet visit

यूटीआई होने का एक कारण ये भी हो सकता है क‍ि आप यूरीन को रोकते हों। ऐसी गलती न करें। समय-समय पर वॉशरूम जाते रहें। यूरीन रोकने से बैक्‍टीर‍िया शरीर मे जमा होने लगते हैं और संक्रमण फैलाते हैं। कुछ लोगों के इस आदत से डन्‍हें और भी गंभीर बीमार‍ियां हो सकती हैं इसल‍िए आपको यूर‍िन को ज्‍यादा समय के ल‍िए बॉडी में स्‍टोर होने नहीं देना है। 

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4. गर्म पानी की सिकाई (Hot water)

यूटीआई के संक्रमण से बचने के ल‍िए गरम पानी की स‍िकाई करें। इससे सूजन भी कम होती है और संक्रमण भी ठीक होती है। अगर आप उच‍ित देखभाल करेंगे तो संक्रमण ठीक हो जाएगा। गरम पान की बजाय आप चावल को गरम करके उसे पोटली में बांधकर भी प्रभाव‍ित ह‍िस्‍से में लगा सकते हैं इससे आराम म‍िलेगा।  

5. प्राइवेट साफ-सफाई का ध्‍यान रखें (Cleanliness of private part)

आपको प्राइवेट पॉर्ट की सफाई का ध्‍यान रखना है। गंदगी से यूटीआई इंफेक्‍शन फैलता है। साफ कपड़े पहनें। अगर इनरवेयर को द‍िन में एक से ज्‍यादा बार बदलने की जरूरत पड़ती है तो ह‍िचकिचाएं नहीं। प्राइवेट पॉर्ट से वाइट ड‍िस्‍चार्ज के कारण भी यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है इसल‍िए शरीर को साफ रखें। 

6. खानपान (Food intake)

अगर आपको यूटीआई हुआ है तो म‍िर्च-मसाले वाले खाने से दूर रहें। हरी सब्‍ज‍ियों, फलों को अपनी डाइट में शाम‍िल करें। ऐसी चीजों का सेवन न करें ज‍िससे आपकी डायब‍िटीज बढ़े और यूटीआई का खतरा हो। आपको अगर यूटीआई हुआ है तो डॉक्‍टर से सलाह लेकर अपनी डाइट तय करें। कुछ समय के ल‍िए वेज‍िटेर‍ियन डाइट ही फॉलो करें। इसके अलावा रोजाना खाने के साथ फ्रूट और वेजीटेबल सलाद लेना न भूलें। 

7. पानी की कमी न होने दें (Water intake)

आपको भरपूर मात्रा में पानी पीना है, पानी की कमी शरीर में न होने दें। पानी के साथ आप जूस, लस्‍सी, छाछ आद‍ि भी पी सकते हैं। पानी की सही मात्रा बॉडी में जाने से यूटीआई जैसे संक्रमण नहीं होंगे और अगर संक्रमण हो गया है तो जल्‍दी ठीक हो जाएगा। रोजाना 8 से 10 ग‍िलास पानी प‍िएं। इससे यूर‍िन ट्र्रैक्‍ट में पनप रहे बैक्‍टीर‍िया जल्‍द खत्‍म हो जाएंगे। 

अन‍ियमित जीवनशैली और गलत खानपान के चलते आजकल डायब‍िटीज की समस्‍या आम होती जा रही है। मह‍िलाओं में डायब‍िटीज की समस्‍या तेजी से बढ़ रही है। डायब‍िटीज के चलते यूटीआई आद‍ि समस्‍या से बचना जरूरी है इसल‍िए इस समस्‍या से बचने के ल‍िए आपको समय रहते इलाज करवाना जरूरी है नहीं तो समस्‍या बढ़ सकती है।

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