कोविड महामारी के दौरान डायबिटीज मरीजों को क्यों है रेटिनोपैथी (आंखों की बीमारी) का खतरा? कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर लोग घरों से बाहर कम निकल रहे हैं जिस कारण पूरी सर्दियां उन्हें धूप से मिलने वाला विटामिन डी नहीं मिला और अब गर्मी के दिन लौट आए हैं जब हम वैसी भी बाहर नहीं निकलना चाहेंगे जिस कारण से शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी की कमी डायबिटीज मरीजों के लिए ठीक नहीं हैं क्योंकि इससे उन्हें आंखों की बीमारी रैटिनोपैथी हो सकती है। कोविड के चलते ऐसे मरीजों के बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। घरों से काम करने के चलते न खानपान ठीक है और न बाहर निकला जा सकता है ऐसे में आप शरीर में विटामिन डी की कमी न होने दें। विटामिन डी की कमी से आंखों की नसों पर जोर पड़ता है और आपको धुंधला दिखने लगता है, आंखों की रौशनी कम हो जाती है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
कोरोना काल में डायबिटीज मरीजों को क्यों है रेटिनोपैथी का खतरा? (Retinopathy in diabetic patient during COVID 19)
रेटिनोपैथी एक बीमारी है जिसमें डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की आंख का रेटिना यानी पर्दा इफेक्ट होता है। रेटिना तक ब्लड नहीं पहुंच पाता। आपको समय पर इसका इलाज करवा लेना चाहिए नहीं तो अंधेपन का शिकार हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण के बाद ये खतरा और भी बढ़ गया है क्योंकि ज्यादातर लोग घरों से काम कर रहे हैं जिसके चलते विटामिन डी की कमी हो सकती है जो आगे चलकर रेटिनोपैथी का कारण बन सकता है। सिर दर्द, आंखों में खून, चश्मे का नंबर बार-बार बदलना, आंखों में सूजन, दर्द ये सब रैटिनोपैथी के लक्षण हैं। इन पर गौर करें।
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रेटिनोपैथी को कैसे ठीक किया जा सकता है? (Treatment of retinopathy)
रेटिनोपैथी की जांच के लिए फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी, ओसीटी जांच की जाती है। अगर डॉक्टर ने आपको रेटिनोपैथी से पीड़ित बताया है तो इलाज में वो आपको लेजर फोटो कोएगुलेशन ट्रीटमेंट दे सकते हैं। इस ट्रीटमेंट में लेजर की किरणों से आंखों की नसों खून या असामान्य नों के बनने को रोका जाता है। इसके अलावा आंखों में इंजेक्शन से दवा डाली जाती है। ऐसा तब किया जाता है जब मैक्युला में सूजन ज्यादा हो। इसके अलावा सर्जरी भी की जाती है जिसे विट्रेक्टॅमी कहते हैं।
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कोरोना के दौरान रेटिनोपैथी के खतरे से कैसे बचें? (Safety measure for retinopathy during COVID 19)
रेटिनोपैथी के खतरे से बचने के लिए समय-समय पर आंखों के पर्दे की जांच करवाते रहें। अगर आप 5 साल से ज्यादा समय से डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आपको हर दूसरे महीने जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा आप कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को बढ़ने न दें और ब्लड शुगर व लिपिड प्रोफाइल जांच भी करवाते रहें।
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रेटिनोपैथी से बचने के लिए विटामिन डी की कमी न होने दें (Vitamin D deficiency may cause retinopathy during COVID 19)
शरीर में विटामिन डी की कमी के चलते रेटिनोपैथी का खतरा बढ़ गया है इसलिए आपको शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होने देना है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है सनलाइट। आपको सुबह-सुबह सूर्य की किरणों के सामने जरूर जाना चाहिए। आपको विटामिन डी रिच डाइट लेने के लिए अपनी दिनचर्या में दूध के प्रोडक्ट्स एड करने चाहिए। दूध में लैक्टोस मौजूद होता है इसलिए वो नैचुरली मीठा होता है उसमें अलग से चीनी मिलाकर की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा आप घी, पनीर, मक्खन खाएं। हरी सब्जियों में भी विटामिन डी होता है इसके अलावा आप मशरूम खा सकते हैं। सोयाबीन मिल्क, टोफू भी अच्छा ऑप्शन है। सॉल्मन फिश में विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती है। इसे आप डाइट में शामिल करें। इसके अलावा आप एग योक को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा पनीर और मटर भी खा सकते हैं।
इन तरीकों से आप आंखों की बीमारी रैटिनोपैथी से बच सकते हैं, ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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