सोया में कई पोषक तत्व होते हैं। यह प्रोटीन का उच्च स्रोत तो होता ही है साथ ही फाइबर और कैल्शियम भी इसमें पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। सोया खाने में भी स्वादिष्ट होता है और विशेषकर बच्चों को यह काफी पसंद आता है। सोया को आमतौर एक ऐसे तत्व के रूप में जाना जाता है जिसका प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। लेकिन आपको बता दें कि सोयाबीन बहुत फायदेमंद होने के बावजूद कई लोगों के लिए हानिकारक है। कई ऐसे रोग हैं, जिनमें सोयाबीन खाने से रोग के बढ़ने की आशंका होती है। आइए आपको बताते हैं कि किन लोगों को सोया प्रोडक्ट्स से दूर रहना चाहिए।
सोयाबीन में होते हैं नैचुरल टॉक्सिन्स
सोयाबीन में काफी मात्रा में नैचुरल टॉक्सिन्स होते हैं जिन्हें कुछ लोग एंटीन्यूट्रिएंट्स कहते हैं। हमारे शरीर में प्रोटीन को पचाने के लिए ट्रिप्सिन और अन्य एंजाइम्स की जरूरत होती है जबकि सोया प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से ये एंजाइम्स ब्लॉक हो जाते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पकाने या तलने के बावजूद सोयाबीन में मौजूद ये टॉक्सिन्स खत्म नहीं होते हैं। सोयाबीन में हीमाग्ग्लूटिनिन भी पाया जाता है, जो शरीर में खून का थक्का बना देता है इसलिए ज्यादा मात्रा में सोयाबीन वाले पदार्थों का सेवन करने से दिल की बीमारियों का खतरा भी होता है।
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किडनी के रोगी रहें सावधान
सोया में फीटोएस्ट्रोजन्स नामक एक केमिकल पाया जाता है। फीटोएस्ट्रोजन्स का उच्च स्तर विषाक्त हो सकता है इसलिए ऐसे लोग जिन्हें किडनी की बीमारी है, उन्हें सोया प्रोडक्ट्स से दूर रहना चाहिए। अगर ऐसे लोग सोयाबीन्स, सोयाबड़ी, सोया ऑयल या सोया मिल्क जैसे उत्पादों का उपयोग करते हैं, तो इन लोगों के ब्लड में फीटोएस्ट्रोजन्स के स्तर के बढ़ने का जोखिम अधिक होता है। इसलिए अगर आपको किडनी में किसी भी तरह की समस्या है तो अधिक मात्रा में सोया के सेवन से बचें।
हो सकती है एलर्जी
कुछ लोगों को कई खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है। सोया प्रोडक्ट्स भी कई लोगों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जिन लोगों को गाय के दूध से एलर्जी होती है, वो लोग सोया उत्पादों के प्रति भी संवेदनशील हो सकते हैं। इसलिए सोया उत्पादों का उपयोग सावधानी से करें। इसके अलावा माइग्रेन और हाइपोथॉयराइड के मरीजों को भी सोयाबीन से परहेज करना चाहिए।
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ब्लैडर कैंसर
सोया प्रोडक्ट्स में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लैडर कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं। इनके सेवन से मूत्राशय कैंसर होने की आशंका भी बढ़ सकती है। इसलिए अगर आपको मूत्राशय कैंसर है या पारिवारिक इतिहास में किसी को मूत्राशय का कैंसर है यानी इसके होने का उच्च जोखिम है तो सोया उत्पादों से बचना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं करें कम सेवन
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माओं को सोयाबीन या सोयाबीन दूध का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से मतली, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा सोयाबीन में मौजूद एलर्जीकारक तत्व आपको या बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं।
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