मोटापे का कारण बनती है सफर में खाने की आदत, इन तरीकों से दूर करें लत

हार्मोनल बदलाव, गलत डाइट, तनाव और भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण अकसर वज़न बढ़ जाता है। 
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मोटापे का कारण बनती है सफर में खाने की आदत, इन तरीकों से दूर करें लत


हार्मोनल बदलाव, गलत डाइट, तनाव और भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण अकसर वज़न बढ़ जाता है। इसे कम करने के लिए लोग काफी मेहनत करते हैं लेकिन सही तरीका न मालूम होने के कारण उन्हें फायदा नहीं होता। व्यस्त दिनचर्या वाले अधिकतर लोगों के लिए वजन बढऩा एक समस्या है। कई बार लोग डाइटिंग का सहारा लेते हैं या फिर जाने-समझे बिना कोई भी व्यायाम कर लेते हैं, जिससे उन्हें फायदा तो नहीं, नुकसान जरूर हो जाता है। इस साल अगर शरीर से कुछ किलो कम करने का संकल्प ले रहे हैं तो सखी से जानें, इसका सही तरीका क्या होना चाहिए। न करें ये गलतियां-

ब्रेकफस्ट स्किप करना 

पूरे दिन के भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है ब्रेकफस्ट। अकसर लोग सुबह की भागमभाग के बीच नाश्ता नहीं कर पाते या आननफानन में कुछ भी खाकर ऑफिस चले जाते हैं। एक्सपट्र्स का मानना है कि नाश्ता न करने से मेटाबॉलिजम धीमा हो जाता है, जिससे शरीर में फैट बर्न होने की रफ्तार भी कम हो जाती है।

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पानी कम पीना 

पानी कम पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन होता है, जिससे पाचन क्रिया सुस्त हो जाती है। पानी की जगह कई बार लोग बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूसेज पीने लगते हैं। इनमें शुगर की मात्रा जयादा होती है, जिससे वेट मैनेजमेंट का मकसद पूरा नहीं हो सकता। आजकल के मौसम में अगर पानी पीने का मन न हो तो बीच-बीच में गुनगुने पानी की सिप लेते रहें। इसके अलावा छांछ और नींबू पानी भी ले सकते हैं। लिक्विड्स की कमी के कारण शरीर की गंदगी सही ढंग से बाहर नहीं निकल पाती और वजन बढऩे लगता है। 

ओवर डाइटिंग करना 

वज़न कम करने के चक्कर में अकसर कई लोग डाइटिंग करने लगते हैं और खाना बहुत कम कर देते हैं। इससे शरीर को नुकसान होता है और काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा नहीं मिल पाती। डाइटिंग से घटाया गया वजन स्थायी नहीं होता और रूटीन टूटते ही वापस लौट आता है। इसलिए वजन कम करने के लिए कैलरी बर्न करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

ओवरईटिंग 

अकसर दो मील के बीच में लोग मंचिंग के लिए कुछ-कुछ खाते रहते हैं। कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हुए, टीवी या मोबाइल देखते हुए खाने की आदत भी सेहत के लिए हानिकारक है, व्यक्ति को पता नहीं चलता कि वह कितना खा रहा है, जिससे वह ओवरईटिंग करने लगता है 

हरी सब्जियां कम खाना 

हरी पत्तेदार सब्जि़यों में कई पोषक तत्वों, विटमिंस और मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को पोषण देने के अलावा वज़न को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इसके अलावा ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड को भी आहार में शामिल करें।

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हाई कैलरीयुक्त पदार्थ 

चावल, आलू, शक्कर जैसी चीज़ों में कैलरीज अधिक होती हैं। अगर डाइट में हाई कैलरी वाली चीज़ें अधिक हैं तो वजन घटाने में समस्या आ सकती है। कैलरीज की मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है, साथ ही यह भी देखना चाहिए कि वे किन चीजों से मिल रही हैं। हर मील में प्रोटीन, काब्र्स और फैट की संतुलित मात्रा जरूरी है। 

चाय-कॉफी ज्यादा पीना

कॉफी, एल्कोहॉल, चाय, शक्कर और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन भी व•ान बढ़ा सकता है। वजन को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो हफ्ते में दो दिन ऐसे अवश्य निकालें, जिनमें ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, जो लिवर और पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचाते हों।

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