
दुनियाभर में डायबिटीज की वजह से किडनी फेल होने के केस सबसे ज्यादा आते हैं। डायबिटीज के रोगियों में किडनी से जुड़ी बीमारी और किडनी फेल होने का ख़तरा बना रहता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इसके पीछे सबसे प्रमुख कारण शरीर में ब्लड शुगर का बहुत ज्यादा बढ़ना है। चिकित्सकों के अनुसार डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करना और प्रोटीन का कम सेवन बेहद जरूरी होता है। डायबिटीज की वजह से होने वाले किडनी फेल होने की समस्या को समझने के लिए हमने बातचीत की दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन फिजिशियन डॉक्टर तरुण साहनी से। आइये विस्तार से जानते हैं इस स्थिति को लेकर डॉ तरुण ने क्या बताया।
क्या होती है डायबिटीज (What is Diabetes?)
डॉ तरुण साहनी ने बताया कि डायबिटीज के रोगियों को किडनी से जुड़ी बीमारी या किडनी फेल होने की समस्या क्यों होती है इसके जानने के लिए पहले डायबिटीज के बारे में जानना जरूरी है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में ग्लूकोज या ब्लड शुगर नियंत्रित नहीं रहता। डायबिटीज की स्थिति में खून में शुगर की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन खाने से शुगर को एनर्जी के रूप में बदलता है जिससे खून में ग्लूकोज की मात्रा संतुलित रहती है। डायबिटीज की समस्या में शरीर इंसुलिन का उपयोग उचित मात्रा में नहीं कर पाटा है जिसकी वजह से हमारे शरीर में ब्लड शुगर की अधिकता हो जाती है। डायबिटीज की बीमारी दो तरह की होती है, पहला टाइप 1 डायबिटीज और दूसरा टाइप 2 डायबिटीज।
टाइप 1 डायबिटीज (Type1 Diabetes)
टाइप 1 डायबिटीज की स्थिति में शरीर में इंसुलिन का निर्माण होना बंद हो जाता है या फिर आवश्यकता से कम होता है। डायबिटीज की इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिजीज भी कहते हैं। ऐसी स्थिति में हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। आपको बता दें इंसुलिन हमारे अग्नाशय (पैंक्रियाज) में बनता है जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है, इसके साथ ही अग्नाशय भोजन के पाचन के लिए कुछ इन्जाइम भी बनाता है, जो भोजन को सुचारू रूप से पचने में मददगार होता है। टाइप 1 मधुमेह को ख़त्म नही किया जा सकता, चिकित्सक इसे नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का डोज मरीजों को देते हैं। टाइप-1 डायबिटीज अनुवांशिक होता है।
इसे भी पढ़ें: ब्लड शुगर चेक करते समय इन 6 गलतियों के कारण रीडिंग आ सकती है गलत, डायबिटीज रोगी बरतें सावधानी
टाइप 1 डायबिटीज (Type2 Diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज की स्थिति में हमारे शरीर में इंसुलिन का निर्माण तो होता है लेकिन इसका इस्तेमाल हमारा शरीर सही तरीके से नहीं कर पाता है। यह बीमारी अधिकतर अधिक वजन वाले लोगों को या जिनके परिवार में पहले किसी को यह बीमारी हो उन्हें होती है। सबसे ज्यादा टाइप 2 डायबिटीज अधिक उम्र के लोगों में देखा जाता था लेकिन अब बच्चों में भी यह बीमारी देखी जाने लगी है। बच्चे जिनका वजन कम उम्र में बहुत ज्यादा हो गया है उन्हें इस बीमारी के होने का डर सबसे अधिक रहता है।
डायबिटीज के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Diabetes)
- अधिक प्यास या भूख लगना
- पेशाब की अधिकता
- नज़र का धुंधला होना
- व्यवहार में परिवर्तन
- अत्यधिक थकान
- झुनझुनी, दर्द या हाथ पैर का सुन्न हो जाना

डायबीटिक किडनी डिजीज (Diabetic Kidney Disease)
डायबिटीज होने की स्थिति में किडनी से जुड़ी बीमारी या किडनी फेल होने की स्थिति को डायबीटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) कहा जाता है। डॉ. साहनी के मुताबिक हमारी किडनी में ग्लोमेरुली नामक एक रक्त वाहिका होती है जिसका काम खून को साफ़ करने का होता है। शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर इन रक्त वाहिकाओं में चीनी यानि कि शुगर की अधिक मात्रा हो जाती है जिसकी वजह से किडनी को नुकसान पहुंचता है। किडनी के क्षतिग्रस्त होने पर धीरे-धीरे इसका काम करना बंद हो जाता है और इस स्थिति को किडनी फेल हो जाना कहते हैं। डायबिटीज से जुड़े लगभग 40 प्रतिशत लोगों को किडनी फेल होने ख़तरा बना रहता है।
किडनी फेल होने के कुछ प्रमुख कारण (Kidney Failure Causes)
- खून में शुगर की अधिकता
- डायबिटीज की बीमारी में प्रोटीन का अधिक सेवन
- हाई ब्लड प्रेशर
- पेशाब में दिक्कत
- दवाओं का अधिक सेवन
- मलेरिया और पीलिया की समस्या
डायबिटीज की स्थिति में कैसे बचाएं किडनी को? (How to Prevent Kidney From Diabetes)
डायबिटीज के रोगियों को किडनी से जुड़ी समस्याओं के बचाव के लिए नियमित व्यायाम और खानपान में संतुलन रखना चाहिए। इसके साथ ही शरीर में ब्लड शुगर की स्थिति को लगातार चेक करते रहना चाहिए। मधुमेह (Diabetes) रोगियों को किडनी स्वास्थ्य रखने के लिए इन चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। डायबेटिक किडनी डिजीज हमारे शरीर मे धीरे-धीरे अपना पैर पसारती है ऐसे में इन चीजों का ध्यान रखकर हम अपनी किडनी को नुकसान पहुंचने से बचा सकते हैं।
- ब्लड शुगर पर कंट्रोल
- कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण
- ब्लड प्रेशर को संतुलित रखें
- नियमित व्यायाम करें
- खानपान में बेहद सतर्कता बरतें
- तंबाकू उत्पादों का सेवन न करें
- धूम्रपान से दूर रहें
- शरीर के वजन का विशेष ध्यान रखें
खानपान का रखें विशेष ध्यान
डायबिटीज के मरीजों को खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, यदि आपको डायबिटीज के साथ-साथ किडनी से सम्बंधित समस्या भी तो ऐसी स्थिति में विशेष रूप से खानपान का ध्यान रखना बेहद जरूरी माना जाता है।
- नमक का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
- घर का बना हुआ ताज़ा और हेल्दी भोजन करना चाहिए।
- डिब्बाबंद खाने वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज और किडनी की समस्या से ग्रसित लोगों को अपने भोजन में पोटेशियम और फॉस्फोरस का सेवन भी कम करना चाहिए।
- मांस, डेयरी उत्पाद, सेम, नट, खड़े अनाज की रोटी, और गहरे रंग के सोडा में फॉस्फोरस अधिक मात्रा में पाए जाते हैं इनका सेवन करने से बचना चाहिए।
- प्रोटीन का अधिक सेवन डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों को किडनी फेल होने की तरफ ले जाता है, प्रोटीन का अधिक सेवन करने ऐसे व्यक्तियों को बचना चाहिए।
ये कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिनका सेवन कर आप इन समस्याओं को कम कर सकते हैं।
- सब्जियां- गोभी, प्याज, बैंगन, शलजम
- फल- जामुन, अंगूर, चेरी, सेब
- मांसाहार- कम उम्र के चिकन, सोडियम की कमी वाले मांस
- कार्बोहाइड्रेट- सफेद ब्रेड, पास्ता, हलकी रोटी आदि
डॉ तरुण साहनी ने बताया कि डायबिटीज की स्थिति में लापरवाही करने की वजह से ही किडनी से जुड़ी समस्या जन्म लेती है। किडनी से जुड़ी बीमारियां फैलने में ज्यादा समय लेती हैं। ऐसे में डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति नियंत्रित खानपान उचित उपचार और खुद को संतुलित रख कर इन बीमारियों से बच सकता है। खानपान संबंधी किसी भी प्रकार का कदम उठाने से पहले डायबिटीज के रोगियों को चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। शरीर में ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कर इसे नियंत्रित करते रहना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि डायबिटीज और किडनी से जुड़ी समस्याओं की जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। मधुमेह और डायबेटिक किडनी डिजीज होने की स्थिति में किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
Read More Articles on Diabetes in Hindi