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क्या ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज प्लैंक्स कर सकते हैं? जानें इसके-फायदे नुकसान

Is The Plank Exercise Good For Osteoporosis: ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज प्लैंक कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें इसे किसी प्रोफेशनल की देखरेख में करना चाहिए और करते हुए अपनी हड्डियों पर अतिरिक्त दबाव डालने से बचना चाहिए।
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क्या ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज प्लैंक्स कर सकते हैं? जानें इसके-फायदे नुकसान


Is The Plank Good For Osteoporosis: ऑस्टियोरोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है, जो कि अधिक उम्र वाले लोगों में देखी जाती है। आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी होती है। इस बीमारी के होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और मामूली चोट पर फ्रैक्चर हो सकता है। यहां तक कि रोजमर्रा की एक्टिविटी करने का भी हड्डियों पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। बहरहाल, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से निपटने के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक किया जा सकता है? क्या ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक करना फायदेमंद होता है? या इसके नुकसान झेलने पड़ सकते हैं? आइए, जानते हैं इस बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अभिषेक वैश की राय।

क्या ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक किया जा सकता है?- Can You Do Planks With Osteoporosis In Hindi

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एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित एक लेख से यह पता चलता है कि ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए प्लैंक करना फायदेमंद होता है। चूंकि, यह एक तरह का वेट बियरिंग एक्सरसाइज है, इसलिए इसकी मदद से कोर मसल्स मजबूत होते हैं और पोस्चर में भी सुधार होता है। प्लैंक एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें स्पाइन को आगे की ओर झुकाना नहीं पड़ता है। इसके उलट, स्पाइन सीधी रहती है। हालांकि, विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक करने के दौरान सावधानी बरतना जरूरी है। ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज जब भी प्लैंक करें, तो उन्हें स्पाइन पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालना चाहिए और घुटनों पर प्रेशर देना बचना चाहिए।

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ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक करने के फायदे

हड्डियों के लिए फायदेमंद

प्लैंक करने के लिए आपको अपने बॉडी वेट का इस्तेमाल करना होता है। इससे बोन फॉर्मेशन में मदद मिलती है। असल में, प्लैंक के दौरान हाथ और पैरों पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे हड्डियों की रिमॉडलिंग होती है यानी हड्डियों हाथ-पैरों की हड्डियों को मजबूती मिलती है।

कोर को स्ट्रेंथ मिलती है

ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक करने से कोर स्ट्रॉन्ग होता है। वास्तव में, प्लैंक करने से पेट, पीठ और स्पाइन की हड्डियां में स्थिरता आती है। चूंकि, प्लैं करने से हड्डियों को मजबूत मिलती है, जिससे स्पाइन को सपोर्ट मिलता है।

पोस्चर में सुधार

जब आप प्लैंक करते हैं, तो इसकी वजह से काफी आपके कंधे, बैक और पीठ स्ट्रेट होते हैं। ऐसे में आपको अपनी रीढ़ सीधी करने में मदद मिलती है, जिससे पोस्चर में सुधार होता है। ध्यान रखें कि जब आप गलत पोस्चर में खड़े होते हैं या घंटा एक ही अवस्था में बैठते हैं, तो इसका नेगेटिव असर आपकी स्पाइन और हड्डियों पर पड़ता है।

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ऑस्टियोपोरोसिस में प्लैंक करने के नुकसान

  • अगर आप अपनी हड्डियों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, तो ऐसे में फ्रैक्चर का रिस्क बढ़ जाता है।
  • प्लैंक करते हुए अगर पोस्चर गलत होता है, तो ऐसे में वर्टिब्रा पर दबाव बढ़ने लगता है और हड्डियों में दर्द बढ़ जाता है।
  • गलत तरीके से प्लैंक करने पर जोड़ों में दबाव बढ़ सकता है। अगर समय रहते अपनी सेहत पर ध्यान न दिया जाए, तो दिनों दिन तकलीफ बढ़ सकती है।

All Image Credit: Freepik

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