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डायब‍िटीज मरीजों के ल‍िए पोहा खाना क‍ितना सही है? जानें एक्‍सपर्ट की राय

डायबिटि‍क मरीज पोहा खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में और उसमें सब्जियां या प्रोटीन मिलाकर खाएं ताकि ब्लड शुगर लेवल तेजी से न बढ़े और फाइबर भी मिले। 
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डायब‍िटीज मरीजों के ल‍िए पोहा खाना क‍ितना सही है? जानें एक्‍सपर्ट की राय


डायबिटीज (Diabetes) आज के समय में एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित करती है, बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में खानपान को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत होती है। हर दिन क्या खाएं और क्या न खाएं, ये जानना डायबिटीज मरीजों के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि दवाओं का सेवन। ऐसे में एक आम सवाल अक्सर उठता है क‍ि क्या पोहा डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं? पोहा एक हल्का, जल्दी पचने वाला और हमारे घरों में बेहद लोकप्रिय नाश्ता है, जो आमतौर पर प्याज, हल्दी और कभी-कभी मूंगफली के साथ बनता है। लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI), पोषण सामग्रि‍यों को समझे बिना इसे डायबिटीज डाइट में शामिल करना सही नहीं होगा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पोहा डायबिटीज मरीजों के लिए कितना सुरक्षित है, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं और इसे किस तरह खाया जाए ताकि ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखा जा सके। साथ ही जानेंगे कि पोहा को और ज्यादा हेल्दी कैसे बनाया जा सकता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के व‍िकास नगर में स्‍थ‍ित‍ न्‍यूट्र‍िवाइज क्‍लीन‍िक की न्‍यूट्र‍िशन‍िस्‍ट नेहा स‍िन्‍हा से बात की।

क्या डायबिटीज मरीज पोहा खा सकते हैं?- Is Poha Good for Diabetes

न्‍यूट्र‍िशन‍िस्‍ट नेहा स‍िन्‍हा ने बताया क‍ि डायबिटीज मरीज पोहा खा सकते हैं लेक‍िन इसे अकेले न खाकर इसमें प्रोटीन और फाइबर जोड़ना जरूरी है। इसल‍िए आप पोहे को बहुत सारी सब्‍ज‍ियां डालकर बनाएं। पोहे में बीन्‍स, श‍िमला म‍िर्च, हरा धन‍िया, गाजर, टमाटर और प्‍याज को म‍िला सकते हैं। डायब‍िट‍िक मरीज पोहा खा रहे हैं, तो सावधान‍ियों का भी ख्‍याल रखें। पोहे में आलू को म‍िक्‍स न करें और रोस्‍टेड पीनट्स की मात्रा भी कम रखें। आजकर लोग पोहे में खीरा डालकर खाते हैं जो क‍ि एक अच्‍छा व‍िकल्‍प है। यह भी ध्‍यान रखें क‍ि पोहे की कुल मात्रा से तीन गुना ज्‍यादा सब्‍ज‍ियां, पोहे में मौजूद होनी चाह‍िए। तभी डायबि‍ट‍ीज के मरीज, पोहे का सेवन कर पाएंगे।

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पोहा में क्या होता है?- Nutritional Value of Poha

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पोहा यानी फ्लैट राइस, चावल को भाप देकर सुखाकर तैयार किया जाता है। 1 बाउल पोहे में 250 से 300 कैलोरीज हो सकती हैं। इसमें सब्‍ज‍ियां म‍िलाने से व‍िटाम‍िन-ए, सी एड हो जाते हैं। पोहा में आयरन की मात्रा अच्छी होती है, जिससे यह एनीमिया (Anemia) के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। पोहे के 1 बाउल में करीब 400 से 500 एमजी पोटैश‍ियम होता है, इसमें 200 से 300 एमजी सोड‍ियम होता है, फाइबर की मात्रा 4 से 6 ग्राम होती है, प्रोटीन की मात्रा 5 से 7 ग्राम होती है। पोहा में 4 से 6 ग्राम फैट होता है, इसमें 40 से 50 ग्राम कार्ब्स मौजूद होते हैं।

डायब‍िट‍िक मरीजों के ल‍िए पोहा खाने के फायदे- Benefits of Eating Poha in Diabetes

  • सुबह के समय पोहा एक लाइट ब्रेकफास्ट विकल्प हो सकता है।
  • डायबिटीज मरीजों में अक्सर कमजोरी या थकान महसूस होती है, ऐसे में आयरन युक्त पोहा फायदेमंद है।
  • अगर बिना तले हुए सामग्री से बनाया जाए, तो पोहा वेट लॉस करने में मदद कर सकता है। हालांक‍ि वेट लॉस के ल‍िए इसे प्रोटीन और फाइबर युक्‍त चीजों के साथ म‍िलाकर खाना जरूरी है।

डायबिटीज मरीज पोहा कैसे खाएं?- How to Eat Poha in Diabetes

  • पोहा में उबली हुई सब्जियां जैसे गाजर, बीन्स, मटर या पालक मिलाएं।
  • फाइबर और प्रोटीन बढ़ाने के लिए इसमें उबले चने या सोया चंक्स डाल सकते हैं।
  • ऊपर से नींबू भी एड कर सकते हैं।
  • तले हुए मूंगफली या सेव से परहेज करें।
  • पोहे को सुबह के समय, नाश्‍ते के समय खाना सेहतमंद माना जाता है और पोहे को सीमित मात्रा (1 कटोरी) में ही खाएं।

डायबिटि‍क मरीज, पोहा खा सकते हैं। लेक‍िन सीम‍ित मात्रा और सही सामग्री का चयन करें। बेहतर होगा कि एक्‍सपर्ट की सलाह से ही डाइट प्लान तैयार करवाएं।

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FAQ

  • चावल और पोहा में क्या अंतर है?

    पोहा चावल से ही बनता है, लेकिन ये प्रोसेस्ड और हल्का होता है। चावल में पानी और स्टार्च ज्यादा होता है, जबकि पोहा में फाइबर थोड़ा ज्‍यादा और ग्लाइसेमिक इंडेक्स थोड़ा कम होता है।
  • पोहा कब नहीं खाना चाहिए?

    अगर ब्लड शुगर बहुत जल्दी बढ़ता है, तो बिना सब्जी या प्रोटीन मिलाए पोहा नहीं खाना चाहिए। साथ ही रात में या देर से पोहा खाना भारीपन या एसिडिटी की समस्‍या को बढ़ा सकता है। 
  • पोहा में शुगर होता है?

    पोहे में नेचुरल शुगर नहीं होती, लेकिन यह कार्बोहाइड्रेट्स से बना होता है जो शरीर में जाकर ग्लूकोज में बदलता है। इसलिए डायबिटिक लोगों को इसे संयम से खाना चाहिए।

 

 

 

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