आज की तेज-तर्रार लाइफस्टाइल में लोग फिटनेस और हेल्थ को लेकर तरह-तरह की एक्सरसाइज और जिम वर्कआउट अपनाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ नंगे पांव चलना भी शरीर के लिए किसी थेरेपी से कम नहीं है? नंगे पांव चलने से पैर सीधे जमीन से जुड़ते हैं, यह संपर्क शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा से भरता है और पैरों की नसों व प्रेशर पॉइंट्स को उत्तेजित करता है। जब पैर मजबूत होते हैं तो शरीर का संतुलन अपने आप ठीक रहता है और गलत बैठने या खड़े होने की आदतें भी धीरे-धीरे सुधरने लगती हैं। यही कारण है कि योग और ध्यान जैसी प्रैक्टिस में भी नंगे पांव रहने की सलाह दी जाती है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या नंगे पैर चलने से पोश्चर और बैलेंस सुधरता है?
क्या नंगे पैर चलना आपके संतुलन के लिए अच्छा है? - Can Walking Barefoot Improve Posture And Balance
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि नंगे पांव चलने पर पैर की छोटी-बड़ी सभी मांसपेशियां एक्टिव होती हैं। इससे पैरों की फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ बढ़ती है। मजबूत पैर मांसपेशियां शरीर को सही ढंग से सहारा देती हैं, जिससे पोश्चर अपने आप सुधरने लगता है। नंगे पांव चलने से पैर सीधे जमीन से जुड़ते हैं, यह शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा से जोड़ती है। जमीन पर चलते समय हमारे पैरों के नसों और प्रेशर पॉइंट्स पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे बैलेंस बेहतर होता है। यही कारण है कि योग और प्राणायाम में भी नंगे पांव रहने की सलाह दी जाती है।
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1. गलत पोश्चर की एक बड़ी वजह पैरों का असंतुलन माना जाता है। जब पैर सही तरीके से जमीन को पकड़ते हैं तो शरीर का भार समान रूप से बंटता है। इससे रीढ़ की हड्डी पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता और पीठ दर्द की समस्या भी कम होती है। नंगे पांव चलने से रीढ़ की नेचुरल एलाइनमेंट बनी रहती है।
2. उम्र बढ़ने के साथ अक्सर लोग गिरने की समस्या से जूझते हैं। पैरों के नंगे संपर्क से तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) अधिक सक्रिय होता है और दिमाग को पैरों से ज्यादा सटीक सिग्नल मिलते हैं। इससे बैलेंस और कोऑर्डिनेशन मजबूत होता है।
3. नंगे पांव चलना सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। घास या मिट्टी पर चलने से दिमाग शांत होता है और तनाव कम होता है। इसे अर्थिंग थेरेपी भी कहा जाता है। जब तनाव कम होता है तो शरीर रिलेक्स होकर नेचुरल पोजिशन लेता है और पोश्चर अपने आप सुधरता है।
किन सतहों पर नंगे पांव चलना सही - What is the best surface to walk barefoot on
नंगे पांव चलना हमेशा हर जगह सही नहीं है। सबसे बेहतर सतह हरी घास, साफ मिट्टी या रेत मानी जाती है। इन सतहों पर चलने से पैरों को आराम और मसाज दोनों मिलते हैं। लेकिन कंक्रीट, सड़क या गंदी जगह पर नंगे पांव चलने से चोट या इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसलिए सही जगह का चुनाव जरूरी है।
निष्कर्ष
नंगे पांव चलना एक सरल लेकिन असरदार तरीका है जो शरीर, मन और आत्मा तीनों को संतुलन में लाता है। यह न सिर्फ पोश्चर को सुधारता है बल्कि बैलेंस, मांसपेशियों की ताकत और मानसिक शांति भी बढ़ाता है। हालांकि इसे सुरक्षित सतह पर और सीमित समय के लिए अपनाना चाहिए। अगर सही ढंग से किया जाए तो यह छोटी-सी आदत आपके शरीर की सेहत में बड़ा बदलाव ला सकती है।
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