Can Oral Cancer Be Genetic In Hindi: अक्सर लोग स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियों से परेशान रहते हैं। कई बार लोगों को ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याएं जेनेटिक्स की समस्या का सामना करना पड़ता है, यानी अगर माता-पिता को कोई भी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है, तो बच्चे को इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी जिसका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। कई बार लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या जेनेटिक्स के कारण लोगों को कैंसर या ओरल कैंसर जैसी गंभीर समस्या हो सकती है? आइए लेख में जानें नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में एसोसिएट कंसल्टेंट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) से जानें क्या जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है ओरल कैंसर?
क्या है ओरल कैंसर? - What Is Oral Cancer?
ओरल कैंसर को मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का सिर और गर्दन का कैंसर है, इसकी शुरुआत मुंह, होठों या गले से होती है। यह मुंह के अंदर की परत यानी कोशिकाओं, गालों, मुंह के पिछले हिस्से, जीभ के नीचे या मसूड़ों में उत्पन्न हो सकता है और तेजी से बढ़ता है।
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क्या जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है ओरल कैंसर? - Can Oral Cancer Also Occur Due To Genetic Reasons?
एक्सपर्ट के अनुसार, जेनेटिक्स व्यक्ति की ओरल कैंसर के प्रति सेंसिटिविटी को प्रभावित कर सकता है। जेनेटिक्स ओरल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसमें कैंसर से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री, इम्यून कार्यों और कार्सिनोजेन्स के डिटॉक्सिफिकेशन और डीएनए की मरम्मत में शामिल जेनेटिक्स शामिल होते हैं। ऐसे में पहले से घर के किसी बड़े के ओरल कैंसर से जुड़ी समस्या से पीड़ित होने पर लोगों को मुंह की साफ-सफाई और इसके स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए।
दो जेनेटिक कारणों से हो सकती है ओरल कैंसर की समस्या - Oral Cancer Can Occur Due To Two Genetic Reasons In Hindi
कई बार पारिवारिक ओरल हेल्थ हिस्ट्री के कारण लोगों में ओरल कैंसर या अन्य कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसके 2 जेनेटिक कारण हो सकते हैं।
फैनकोनी एनीमिया की समस्या
फैनकोनी एनीमिया एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है, जो बोन मैरो (Bone Marrow) को प्रभावित कर देता है, जिसके कारण रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन कम हो जाता है। इससे ल्यूकेमिया या अन्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
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डिस्केरटोसिस कॉन्जेनिटा की समस्या
यह एक दुर्लभ और गंभीर जेनेटिक बीमारी है, जिसमें लोगों को ब्लड डिसऑर्डर की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे मुंह, त्वचा और नाखूनों जैसे शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। इसके कारण लोगों को जेनेटिक रूप से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों होती है ओरल कैंसर की समस्या? - Why Does The Problem Of Oral Cancer Occur?
ओरल कैंसर गंभीर बीमारियों में से एक है। यह समस्या अक्सर तंबाकू या अल्कोहल का अधिक सेवन करने जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में लोगों को अल्कोहल और तंबाकू का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, कई बार ज्यादा देर धूप में रहने और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी लोगों को ओरल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा हो सकता है।
निष्कर्ष
ओरल कैंसर एक गंभीर बीमारी है। यह जेनेटिक्स के कारण हो सकती है। इसके अलावा, कई बार लोगों को तंबाकू या अल्कोहल का सेवन करने, शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने और धूप में रहने के कारण भी लोगों को ओरल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ध्यान रहे, मुंह में दर्द होने, मुंह में अल्सर होने, सफेद धब्बे होने और मुंह से कान तक दर्द होने जैसी समस्याएं महसूस होने पर इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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FAQ
मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
ओरल कैंसर की समस्या होने पर लोगों को मुंह में दर्द होने, मुंह में अल्सर होने, गांठ होने, घाव होने, मुंह के अंदर लाल होने, सफेद धब्बे होने, निगलने में परेशान होने, मुंह से कान तक दर्द होने और दांतों के ढीला होने की समस्या हो सकती है।ओरल कैंसर में क्या खाना चाहिए?
ओरल कैंसर की बीमारी में थोड़ा-थोड़ा खाना और थोड़े-थोड़े गैप में खाएं, एवोकाडो, ऑलिव ऑयल, गाजर, अंडे, तरबूज, दूध, सूप, भरपूर पानी, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, रास्पबेरी, संतरे, अंगूर और नींबू जैसे विटामिन-सी युक्त फूड्स को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, अल्कोहल, चीनी या अधिक मीठे फूड्स और अनहेल्दी फैट्स को खाने से बचें।गले में कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
गले के कैंसर होने पर लोगों को गले में खराश होने, आवाज में बदलाव आने, गले या गर्दन में गांठ आने की समस्या होने और निगलने में परेशानी हो सकती है। ये गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं। इनको नजरअंदाज न करें।