Tests For Oral Cancers in Hindi: ओरल कैंसर (Oral Cancer) की समस्या दुनियाभर में बहुत तेजी से बढ़ रही है। ओरल कैंसर जिसे मुंह का कैंसर भी कहा जाता है, तंबाकू का सेवन करने और खराब ओरल हेल्थ के कारण होता है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत ओरल कैंसर की वजह से होती है। एक आंकड़े के मुताबिक सिर्फ भारत में ओरल कैंसर के सालाना लगभग 77 हजार मरीज सामने आते हैं, इसके अलावा लगभग 52 हजार लोगों की मौत हर साल इसकी वजह से होती है। सही समय पर ओरल कैंसर की पहचान होने से मरीज की जान बच सकती है। अक्सर लोग शुरुआत में ओरल कैंसर के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं और इसकी वजह से धीरे-धीरे कैंसर गंभीर रूप धारण कर लेता है। ओरल कैंसर के लक्षण दिखने पर मरीजों को तुरंत जांच करानी चाहिए। आइए जानते हैं ओरल कैंसर की जांच के लिए किये जाने वाले टेस्ट के बारे में।
ओरल कैंसर की जांच कैसे होती है?- Tests For Oral Cancers in Hindi
ओरल कैंसर या मुंह का कैंसर गले में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। ओरल कैंसर में होंठ, गले, जीभ, मुंह, तालू और साइनस के कैंसर शामिल हैं। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में ओरल कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मरीज एडवांस स्टेज में इस बीमारी का इलाज कराने पहुँचते हैं। ओरल कैंसर का सही समय पर इलाज न होने से मरीज की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। एससीपीएम हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ सुदीप के मुताबिक ओरल कैंसर की सही समय पर जांच (Diagnosis of Oral Cancer in Hindi) के लिए ये टेस्ट किये जाते हैं-
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1. ओरल टेस्ट या शारीरिक परीक्षण
मुंह के कैंसर या ओरल कैंसर की जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज के होंठ, मुंह और गले की जांच करते हैं। इसके बाद अगर उन्हें मुंह या गले के किसी भी हिस्से में कुछ समस्या दिखती है, तो मरीज की आगे और जांच की जाती है। अगर मुंह के किसी हिस्से में घाव या सफेद पैचेज हैं तो मरीज की आगे की जांच की जाती है।
2. बायोप्सी जांच
शारीरिक परीक्षण के बाद अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको ओरल कैंसर के लक्षण हैं, तो जांच की पुष्टि के लिए बायोप्सी जांच की जाती है। बायोप्सी जांच में प्रभावित हिस्से से मांस का टुकड़ा निकालकर उसका परीक्षण किया जाता है। बायोप्सी जांच के बाद मरीज में ओरल कैंसर की पहचान होने पर इलाज शुरू किया जाता है।
3. अल्ट्रासाउंड स्कैन
बायोप्सी जांच के बाद अगर मरीज में ओरल कैंसर की पुष्टि नहीं होती है लेकिन उसमें इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन की सलाह देते हैं। अल्ट्रासाउंड स्कैन में मरीज में कैंसर की पुष्टि की जाती है। अल्ट्रासाउंड स्कैन के अलावा डॉक्टर जांच के लिए इन टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं-
- सीटी स्कैन या कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन
- एमआरआई स्कैन
- पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी स्कैन (पीईटी स्कैन)
ओरल कैंसर के लक्षण- Oral Cancer Symptoms in Hindi
ओरल कैंसर की शुरुआत में मरीज के मुंह और गले के हिस्से में घाव और दर्द जैसी समस्या देखी जाती है। ओरल कैंसर में दिखने वाले ये लक्षण अगर दो सप्ताह से ज्यादा समय के लिए बने रहते हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए-
- मुंह, मसूड़े या गले में घाव
- मुंह में गंभीर दर्द
- होंठ का घाव
- मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग के पैच
- भोजन निगलने में परेशानी
- मुंह से बदबू आना
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ओरल कैंसर में इन लक्षणों के अलावा कई दूसरे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर जांच करानी चाहिए। जांच के बाद सही समय पर एक्सपर्ट की देखरेख में इलाज लेने से आप इस समस्या को मात दे सकते हैं।
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