What Is Hemophilia Know Its Causes Symptoms And Diagnosis In Hindi: हीमोफीलिया एक दुर्लभ किस्म की जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है। इस बीमारी में ब्लड क्लॉटिंग का तरीका प्रभावित होता है। इसे सरल भाषा में समझें तो जिन लोगों को हीमोफीलिया हेता है, उनमें पर्याप्त थक्के बनने वाले कारक नहीं होते हैं। ऐसे में जब हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को चोट लगती है, तो उनका रक्तस्राव नहीं रुक पाता है। परिणामस्वरूप मरीज का काफी देर तक खून बहता रहता है। यह चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि मामूली सी चोट लगने पर भी व्यक्ति का खून बहना बंद नहीं होता है। इस बीमारी के बारे में हर व्यक्ति को जानकारी होनी चाहिए। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें, तो महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह बीमारी अधिक होती है। इसलिए, उन्हें इस संबंध में जरूरी जानकारी अवश्य रखनी चाहिए। इस लेख में हम जानेंगे कि हीमोफीलिया बीमारी क्यों होती है और इसके निदान क्या हैं। इस बारे में हमें Neuberg Sehgal Path Lab के प्रबंध निदेशक और मुख्य पैथोलॉजिस्ट डॉ. कुणाल सहगल से बात की।
हीमोफीलिया के कारण- Causes Of Hemophilia In Hindi
जैसा कि आपको यह स्पष्ट हो चुका है कि हीमोफीलिया जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह बीमारी उन जींस में दोष के कारण होती है, जो क्लॉटिंग करने वाले कारकों के प्रोडक्शन को नियंत्रित करते हैं। हीमोफीलिया दो प्रकार के हैं, हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी। सामान्यतः लोगों को हीमोफीलिया ए होता है, जो कि जो थक्के बनाने वाले कारक VIII की कमी (Deficiency) के कारण होता है। वहीं, हीमोफीलिया बी थक्के बनाने वाले कारक IX की कमी (Deficiency) के कारण होता है। हीमोफीलिया की बीमारी जेनेटिकल होती है, यानी माता-पिता को या उनकी फैमिली हिस्ट्री में यह बीमरी है, तो भावी पीढ़ी को भी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो हीमोफीलिया के जीन एक्स क्रोमोसोम पर स्थित होते हैं, इसलिए पुरुषों को यह बीमारी महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। महिलाओं की बात करें, तो वे इस बीमारी की कैरियर हो सकती हैं। इसका मतलब है कि महिलाओं के जीन्स के जरिए उनके बच्चों तक यह बीमारी पहुंच सकती है। लेकिन, आमतौर पर वे खुद इस बीमारी से पीड़ित नहीं होती हैं।
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हीमोफीलिया के लक्षण- Symptoms Of Hemophilia In Hindi
हीमोफीलिया होने पर मरीज को मामूली चोट लगने पर भी लंबे समय तक रक्तस्राव हो सकता है। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं-
- आसानी से चोट लगना
- बार-बार नाक से खून आना
- मसूड़ों से खून आना
- मूत्र या मल में खून आना
- जोड़ों में सूजन, खासकर चोट लगने के बाद
हीमोफीलिया के गंभीर लक्षण
जब हीमोफीलिया गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है, तो इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। इससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सूजन हो सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में यह ब्रेन में ब्लीडिंग का कारण भी बन सकता है। ध्यान रखें कि यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
हीमोफीलिया का निदान- Diagnosis Of Hemophilia In Hindi
आमतौर पर जिसको हीमोफीलिया होता है, उनका ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिसके माध्यम से इसका निदान किया जाता है। ब्लड टेस्ट की मदद से क्लॉटिंग कारकों के स्तर को मापा जाता है। ब्लड काउंट टेस्ट की मदद से पता चलता है कि किसी को असामान्य ब्लीडिंग की समस्या है या नहीं। इस बीमारी में शुरुआती स्तर पर ही निदान किया जाना जरूररी है। कंडीशन के बिगड़ने पर उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।