हीमोफीलिया बहुत ही दुर्लभ रोग है। जिसमें आपके रक्त का सामान्य रूप से थक्का नहीं जमता क्योंकि इसमें पर्याप्त रक्त-थक्के प्रोटीन का अभाव होता है। यदि आपको हीमोफीलिया है, तो आपको चोट लगने के बाद लंबे समय तक खून बह सकता है। छोटे-मोटे घाव आमतौर पर समस्या नहीं है। शरीर के अंदर, विशेष रूप से आपके घुटनों, टखनों और कोहनी में खून बहना अधिक स्वास्थ्य चिंता का कारण बनता है। यह आंतरिक रक्तस्राव आपके अंगों और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है, और जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
हीमोफीलिया के प्रकार
हीमोफीलिया को हीमोफीलिया ए व हीमोफीलिया बी दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। हीमोफीलिया ए में फैक्टर-8 की मात्रा बहुत कम या शून्य हो जाती है। जबकि, हीमोफीलिया बी फैक्टर-9 के शून्य या बहुत कम होने पर होता है। लगभग 80 प्रतिशत हीमोफीलिया रोगी, हीमोफीलिया ए से पीड़ित होते हैं। सामान्य हीमोफीलिया के मामले में पीड़ित को कभी-कभी रक्तस्राव होता है, जबकि स्थिति गंभीर होने पर अचानक व लगातार रक्तस्त्राव हो सकता है।
टॉप स्टोरीज़
हीमोफिलिया बी के कारण
हीमोफिलिया बी, एक आनुवंशिक रक्त विकार है। यह माता-पिता से बच्चों में आने वाले जीन में खराबी से होता है। अक्सर महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चें में इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन कभी-कभी यदि जन्म से पहले जीन में किसी प्रकार का बदलाव आ जाए (म्यूटेशन), तो ऐसी स्थिति में भी होने वाले बच्चें को हीमोफिलिया बी हो सकता है।
आज के समय में मेडिकल जेनेटिक्स के माध्यम से गर्भधारण से पहले ही इस बीमारी का पता लगाना भी संभव है। यदि आप एक कैरियर हैं, तो गर्भावस्था में यह पता लगाना भी संभव है कि आपके भ्रूण पर हीमोफीलिया का प्रभाव है या नहीं। हालांकि, इसमें भ्रूण को थोड़ा खतरा जरूर रहता है। ऐसे में मरीजों को अपने डॉक्टर से इस संबंध में बात करनी चाहिए और उचित कार्यवाही करनी चाहिए।
Read More Articles On Other Diseases In Hindi