
Can Magnesium Deficiency Cause Neurological Issues In Hindi: मैग्नीशियम शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूती देने, ऐंठन को कम करने, ब्रेन के कार्यों को बेहतर करने, याददाश्त को बेहतर करने और ब्रेन के कार्यों को बेहतर करने में मदद मिलती है। इसकी कमी के कारण लोगों को मांसपेशियों में कमजोरी होने और स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन क्या ये ब्रेन के कार्यों को भी प्रभावित करता है? ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर व्यक्ति को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर यानी तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं? ऐसे में आइए जयपुर के सी के बिरला अस्पताल की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. निष्ठा जैन (Dr. Nistha Jain, Neurologist, CK BIRLA HOSPITALS, Jaipur) से जानें क्या मैग्नीशियम की कमी से तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं?
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मैग्नीशियम की कमी से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं? - Can Magnesium Deficiency Cause Neurological Problems?
डॉ. निष्ठा जैन के अनुसार, "मैग्नीशियम हमारे नर्वस सिस्टम के ठीक से काम करने में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में ऐंठन, कंपकंपी, झुनझुनी या गंभीर मामलों में दौरे भी पड़ सकते हैं। इसके अलावा, लोगों के मूड में बदलाव, थकान और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है। हालांकि मैग्नीशियम की कमी से न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी हो सकते हैं, लेकिन यह भी देखना जरूरी है कि इसमें कौन से दूसरे कारण शामिल हो सकते हैं। डॉक्टर की सलाह पर डाइट या सप्लीमेंट के जरिए काफी मैग्नीशियम बनाए रखना, न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी है।"
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, शरीर में मैग्नीशियम की कमी या मैग्नीशियम आयनों की कंसंट्रेशन के असामान्य होने पर कई तरह के तंत्रिका संबंधी रोग हो सकते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि मैग्नीशियम तंत्रिका संबंधी रोगों में भूमिका निभाता है।
अध्ययन के अनुसार, मैग्नीशियम का तंत्रिका संबंधी विकारों पर प्रभाव पड़ता है, जैसे कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने (सेरेब्रल वैसोस्पाज्म), अल्जाइमर रोग, पार्किंसंस रोग, स्ट्रोक और माइग्रेन में इसका उपयोग।

किसको होता है मैग्नीशियम की कमी का खतरा? - Who Is At Risk Of Magnesium Deficiency?
डॉ. निष्ठा जैन आगे बताती हैं कि "कुछ लोगों को मैग्नीशियम की कमी का ज्यादा खतरा होता है, जिनमें बुजुर्ग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर वाले लोग, डाइयूरेटिक जैसी लंबे समय से दवाएं लेने वाले लोग और खराब डाइट लेने वाले लोग शामिल हैं। मैग्नीशियम की कमी के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर और किसी हेल्थ केयर प्रोफेशनल से सलाह लेकर कॉम्प्लीकेशंस को रोकने और पूरी न्यूरोलॉजिकल सेहत को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।"
मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए क्या करें? - What Can Be Done To Overcome Magnesium Deficiency?
डॉ. निष्ठा जैन के अनुसार, "हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बीज और साबुत अनाज जैसे आसान खाने से मैग्नीशियम का सही लेवल बनाए रखने में मदद मिल सकती है।"
हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं
शरीर में मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए डाइट में पालक और चार्ड जैसी सब्जियों को डाइट में शामिल करें।
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नट्स और सीड्स खाएं
मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए डाइट में बादाम, काजू, मूंगफली, चिया सीड्स, कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीजों को डाइट में शामिल करें। इससे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने और बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है।
साबुत अनाज खाएं
शरीर में मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए डाइट में ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज को डाइट में शामिल किया जा सकता है।
सावधानियां
डॉ. निष्ठा जैन बताती हैं कि "सप्लीमेंट लेने के बारे में सिर्फ मेडिकल देखरेख में ही सोचना चाहिए, क्योंकि ज्यादा मैग्नीशियम लेने से भी कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं। न्यूरोलॉजिकल और पूरी सेहत, दोनों को बचाने के लिए जागरूकता और प्रोएक्टिव मैनेजमेंट जरूरी है।"
निष्कर्ष
मैग्नीशियम नर्वस सिस्टम के कार्यों को बेहतर करने में सहायक होता है। इसकी कमी के कारण लोगों को न्यूरोलॉजिक हेल्थ पर बुरा असर होता है। इसके कारण गंभीर मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इसकी कमी को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह के साथ सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे, तंत्रिका से जुड़ी अधिक समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
मैग्नीशियम की कमी के क्या लक्षण हैं?
व्यक्ति के शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर लोगों को हड्डियों, मांसपेशियों के कमजोर होने, ऐंठन होने, थकान होने, कमजोरी होने, भूख कम लगने, दिल की धड़कन तेज होने, चिंता होने, उल्टी, मतली, मांसपेशियों में ऐंठन और शरीर में एनर्जी की कमी होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके संकेतों को नजरअंदाज न करें।तंत्रिका संबंधी समस्याएं क्या होती हैं?
तंत्रिका संबंधी समस्याएं ऐसी बीमारी हैं, जो आपके ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों को प्रभावित करती हैं, जिससे व्यक्ति के सोचने समझने, महसूस करने, शरीर को बैलेंस करने और मांसपेशियों के कमजोर होने जैसी कई समस्याएं होती हैं। ऐसे में इनसे जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज न करें।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे तंत्रिका तंत्र की समस्या है?
तंत्रिका संबंधी समस्याएं होने पर व्यक्ति को मांसपेशियों के कमजोर होने, हाथों-पैरों में सुन्नपन होने, झुनझुनी होने, याददाश्त के कमजोर होने काम पर फोकस करने में परेशानी होने, चक्कर आने, देखने और सुनने में परेशानी होने, नींद न आने, सिर दर्द होने और पीठ दर्द होने की समस्याएं हो सकती हैं। इनके लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
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Dec 30, 2025 10:05 IST
Published By : Priyanka Sharma
