
डायबिटीज आज सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक ऐसी स्थिति बन चुकी है जिसमें हर निवाला सोच-समझकर खाना पड़ता है। मीठा हो या नमकीन, फल हो या ड्राई फ्रूट, डायबिटीज के मरीज अक्सर यही सोचते रहते हैं कि कहीं इससे ब्लड शुगर तो नहीं बढ़ जाएगी। ऐसे में जब बात आती है पारंपरिक ताकत देने वाले फूड गोंद (Edible Gum) की, तो कन्फ्यूजन और भी बढ़ जाता है। दादी-नानी के नुस्खों में गोंद को सेहत का खजाना बताया गया है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए यही गोंद डर की वजह बन जाती है। अक्सर लोग गोंद को घी और चीनी से बने लड्डू के रूप में देखते हैं और मान लेते हैं कि यह डायबिटीज में पूरी तरह वर्जित है। कई मरीज बिना सही जानकारी के या तो गोंद खाना पूरी तरह छोड़ देते हैं, या फिर यह सोचकर खा लेते हैं कि थोड़ा-सा खाने से क्या होगा लेकिन सच यह है कि डायबिटीज में किसी भी चीज का असर उसकी मात्रा, बनाने के तरीके और खाने के समय पर निर्भर करता है। इस लेख में जयपुर में स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से जानिए, क्या डायबिटीज के मरीज गोंद खा सकते हैं?
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क्या डायबिटीज के मरीज गोंद खा सकते हैं? - Can I eat gum with diabetes
डाइटिशियन अर्चना जैन बताती हैं कि समस्या गोंद में नहीं, बल्कि इसे तैयार करने के तरीके और मात्रा में होती है। गोंद खुद में बहुत मीठी नहीं होती, लेकिन जब इसे चीनी और ज्यादा घी के साथ लिया जाता है, तो यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है। वहीं सीमित मात्रा में और सही संयोजन के साथ ली गई गोंद शरीर को एनर्जी देती है, बिना शुगर स्पाइक किए। अर्चना जैन के अनुसार, गोंद का ग्लाइसेमिक लोड इसकी मात्रा और साथ में खाई जाने वाली चीजों पर निर्भर करता है।
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डाइटिशियन अर्चना जैन के अनुसार, डायबिटीज के मरीज रोज 3 से 5 ग्राम भुनी हुई गोंद सीमित मात्रा में ले सकते हैं। इससे ज्यादा मात्रा लेने की सलाह नहीं दी जाती। बेहतर होगा कि इसे रोज न लेकर हफ्ते में 2-3 बार ही शामिल किया जाए, ताकि ब्लड शुगर पर इसका असर कंट्रोल रहे।
डायबिटीज में गोंद खाने का सही तरीका क्या है?
डायबिटीज में गोंद को लड्डू के रूप में खाना सबसे बड़ी गलती हो सकती है, क्योंकि इनमें चीनी और घी दोनों ज्यादा होते हैं। अर्चना जैन सलाह देती हैं कि गोंद को हल्के घी में भूनकर, बिना चीनी के, गर्म दूध या दलिया में मिलाकर लिया जा सकता है। चाहें तो मिठास के लिए बहुत कम मात्रा में गुड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन चीनी से पूरी तरह बचना बेहतर है।
- सीमित मात्रा में ली गई गोंद कमजोरी और थकान कम करने में मदद कर सकती है।
- यह शरीर को अंदर से गर्म रखती है और मांसपेशियों व जोड़ों को सपोर्ट देती है।
- कुछ मामलों में यह कब्ज की समस्या में भी राहत दे सकती है, जो डायबिटीज मरीजों में आम देखी जाती है।
- हालांकि अर्चना जैन यह स्पष्ट करती हैं कि गोंद कोई डायबिटीज कंट्रोल फूड नहीं है, बल्कि एक सपोर्टिव फूड है।
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डाइटिशियन की सलाह
डाइटिशियन अर्चना जैन के अनुसार, गोंद को कभी भी खाली पेट ज्यादा मात्रा में न लें। इसे हमेशा प्रोटीन या फाइबर युक्त भोजन के साथ शामिल करें, ताकि शुगर का असर धीमा पड़े। साथ ही ब्लड शुगर की नियमित मॉनिटरिंग करते रहें और किसी भी बदलाव पर तुरंत डाइट एडजस्ट करें।
निष्कर्ष
डायबिटीज में गोंद पूरी तरह से मना नहीं है, डाइटिशियन अर्चना जैन के अनुसार, सीमित मात्रा, सही तरीका और सही फ्रीक्वेंसी के साथ गोंद डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित हो सकता है। सबसे जरूरी बात यह है कि इसे कभी भी शुगर कंट्रोल का विकल्प न समझें और किसी भी नए फूड को शामिल करने से पहले अपनी हेल्थ कंडीशन को ध्यान में रखें। सही जानकारी और संतुलन के साथ ही पारंपरिक फूड्स का असली फायदा उठाया जा सकता है।
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FAQ
डायबिटीज के मुख्य लक्षण क्या हैं?
बार-बार प्यास लगना, ज्यादा पेशाब आना, अचानक वजन घटना या बढ़ना, थकान और घाव का देर से भरना इसके आम लक्षण हैं।क्या डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो सकती है?
टाइप-1 डायबिटीज पूरी तरह ठीक नहीं होती, जबकि टाइप-2 डायबिटीज को सही डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा सकता है।डायबिटीज में क्या खाना चाहिए?
फाइबर युक्त सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, प्रोटीन युक्त भोजन और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स डायबिटीज में बेहतर माने जाते हैं।
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Dec 29, 2025 12:18 IST
Published By : Akanksha Tiwari
