
True Story of Diabetes: डायबिटीज गंभीर समस्या बनती जा रही है और करीब हर उम्र के लोग इससे ग्रस्त हो रहे हैं। डायबिटीज रोगी अगर अपने लाइफस्टाइल और रेगुलर दवाइयां लेते रहे, तो डायबिटीज को मैनेज करना आसान हो जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है दिल्ली की रहने वाली 68 साल की सरिता खन्ना की। आज से करीब 13 साल पहले डायबिटीज ने उनकी जिंदगी में दस्तक दी, लेकिन उन्होंने इसे अपने जीवन पर हावी नहीं होने दिया। उम्र के इस पड़ाव पर भी उनका डायबिटीज कंट्रोल में है और वह इसे लेकर काफी ज्यादा जागरूक भी है। वह डायबिटीज को कैसे मैनेज करती हैं, इसे इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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डायबिटीज का कब पता चला?
सरिता खन्ना ने बताया, “दरअसल, साल 2010 में जब मेरे पति का निधन हुआ, तो मैं इमोशनली काफी ज्यादा टूट गई थी। वह समय मेरे लिए काफी ज्यादा परेशानी वाला था। उस दौरान मैं काफी ज्यादा स्ट्रेस से गुजर रही थी और शायद स्ट्रेस के कारण ही मुझे डायबिटीज ट्रिगर हुआ है। हालांकि मुझे कोई खास लक्षण महसूस नहीं हुए थे, लेकिन लगातार कमजोरी और थकान रहने लगी थी। जब थकान और कमजोरी मेरे रोजाना के रूटीन पर असर डालने लगी, तो मैंने डॉक्टर से चेकअप कराने का सोचा। साल 2011 में ब्लड टेस्ट के साथ ब्लड शुगर का टेस्ट भी हुआ और उसमें डायग्नोज हुआ कि मुझे डायबिटीज है।”

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डायबिटीज मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में किए बदलाव
सरिता खन्ना कहती हैं, “जैसे ही मुझे पता चला कि डायबिटीज है, तो मैंने सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करने का फैसला लिया। आज 13 साल बाद मैं गर्व से कह सकती हूं कि मेरी डायबिटीज कंट्रोल में रहने की वजह डिसिप्लिनपिलन है। मैंने एक दिन भी लापरवाही नहीं की और इसलिए आज भी इस उम्र में मेरा डायबिटीज 200 mg/dL से कभी पार नहीं गया। मैंने लाइफस्टाइल में जो बदलाव किए हैं, उसे हर कोई अपनी रोजमर्रा की आदत बना सकता है।”
- मैं रोजाना वॉक करती हूं। कई बार घर में तो कभी बाहर जाती हूं, लेकिन वॉक का रूटीन कभी नहीं छोड़ती। रोजाना 15 से 20 मिनट वॉक से जरूर करें।
- पहले मैं मिठाई की बहुत शौक से खाती थी, लेकिन डायबिटीज के बाद मैंने मीठा बिल्कुल छोड़ दिया है।
- मैं कभी अपनी दवाई मिस नहीं करती। जैसे डॉक्टर ने दी है, ठीक उसी समय रेगुलर दवाई लेती हूं।
- हर दो महीने में फास्टिंग/PP टेस्ट, 6 महीने में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट और साल में एक बार आंखों का टेस्ट जरूर कराती हूं।
- रोजाना रात में मेथी दाना भिगोकर सुबह खाली पेट मेथी दाने का पानी पीती हूं और साथ ही दाने भी चबाकर खाती हूं।

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स्ट्रेस मैनेज करना भी जरूरी
सरिता खन्ना कहती हैं, “जब मुझे लगा कि स्ट्रेस डायबिटीज की वजह हो सकता है, तो मैंने खुद को ओवरथिंकिंग करने से रोका। हालांकि मैं मेडिटेशन नहीं कर पाती हूं, लेकिन खुद को काम में बिजी रखती हूं। एक ही बात को बार-बार नहीं सोचती और इस तरीके से मैंने स्ट्रेस को भी मैनेज करना सीख लिया। जिंदगी में मुश्किलें आती हैं, लेकिन अब मैं बहुत ज्यादा नहीं सोचती और अपना काम करती रहती हूं। इससे भी मेरा स्ट्रेस काफी हद तक कम हुआ है।”
डायबिटीज रोगियों के लिए सलाह
सरिता खन्ना ने कहा, “जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उन्हें सबसे पहले खुद को डिसिप्लिनप्लिन करने की जरूरत है। समय पर दवाइयां, रेगुलर वॉक और समय पर टेस्ट कराना बहुत महत्वपूर्ण है। डायबिटीज का रिस्क आंखों और किडनी पर भी काफी होता है, इसलिए डायबिटीज पैशेंट्स को इन दोनों का टेस्ट रेगुलर कराते रहना चाहिए। मुझे मेरे आसपास के कई लोग हैं, जिन्हें डायबिटीज है, वे कहते हैं कि आज दवाई लेना भूल गई या फिर टेस्ट अगले महीने करा लूंगी। इससे डायबिटीज मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। मैं ऐसा बिल्कुल नहीं करती और शायद यही मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ है।”
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Nov 28, 2025 19:01 IST
Published By : Aneesh Rawat