-1766932244768.webp)
Gond During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, जिससे उनका और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए फायदेमंद हो। कई महिलाएं प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन करती हैं। प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है, पाचन क्षमता बेहतर होती है और एनर्जी भी बूस्ट होती है। कहने की जरूरत नहीं है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं काफी थकान और कमजोरी महसूस करती हैं। ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। ऐसे में गोंद कतीरा का सेवन किया जाना अच्छा होता है। तो क्या गोंद कतीरा की ही तरह गोंद का सेवन भी किया जा सकता है? आखिर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कितनी मात्रा में गोंद का सेवन करना चाहिए और इसे खाने का सही तरीका क्या होता है? आइए, आयुर्वेदिक सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानते हैं इन तमाम जरूरी बातों के बारे में। (kya Pregnancy Mein Gond Kha Sakte Hain)
इस पेज पर:-
प्रेग्नेंसी के दौरान एक दिन में कितना गोंद खाना सेफ होता है?- How Much Gond To Eat During Pregnancy
-1766933015175.jpg)
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार प्रेग्नेंसी में रोजाना महज एक से दो चम्मच गोंद कतीरा खाना सेफ होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है। आपको बता दें कि गोंद और गोंद कतीरा एक नहीं होते हैं। दोनों की तासीर अलग-अलग होती है। गोंद से बने लड्डू गर्म होते हैं। इसलिए, प्रेग्नेंसी में इसका सेवन किया जाना सही नहीं है। खासकर, पहली तिमाही में गोंद का सेवन करना काफी नुकसानदायक हो सकता है। अगर ब्लोटिंग या पेट संबंधी समस्या में कमी के लिए गोंद के लड्डू का सेवन करना है, तो इस बारे में एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी होता है। आमतौर पर गोंद के लड्डू का सेवन डिलीवरी के बाद किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: क्या गर्भावस्था में गोंद के लड्डू का सेवन करना सुरक्षित है? जानें डॉक्टर से
प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन कैसे करें?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन करना सही नहीं है। हां, अगर आपको इसका सेवन करना है, तो बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे-
- रात को सोने से पहले 1-2 चम्मच सूखे गोंद को पानी में भिगोकर रखें।
- सुबह के समय भीगा गोंद जेल जैसा नजर आने लगेगा।
- दूध, स्मूदी या जूस में अच्छी तरह मिक्स करके इसका सेवन करें।
- आप चाहें, तो इसे शहद या दही में मिक्स करके भी खा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या रोजाना गोंद कतीरा का सेवन करना सेफ होता है? बता रहे हैं आयुर्वेदाचार्य
प्रेग्नेंसी में गोंद खाने से पहले बरतें सावधानी
- प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में गोंद का सेवन करना बिल्कुल सही नहीं है।
- डिलीवरी के बाद यानी पोस्टपार्टम पीरियड में गोंद के लड्डू का सेवन कर सकते हैं।
- प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन बहुत सोच-समझकर करें। पाचन संबंधी समस्या से छुटकारा पाने के लिए सिर्फ एक से दो चम्मच गोंद कतीरा पर्याप्त होते हैं।
- प्रेग्नेंसी में गोंद का सेवन करने से तबीयत खराब हो, तो तुरंत इसे खाना छोड़ दें।
इसे भी पढ़ें: गोंद कतीरा खाने के क्या फायदे हैं और इसे कैसे खाना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें ऐसे 6 सवालों के जवाब
निष्कर्ष
विशेषज्ञों का कहना है कि गोंद का सेवन डिलीवरी के बाद रिकवरी के लिए किया जाता है। इसका सेवन करने से एनर्जी गेन होती है, हड्डियों को मजबूती मिलती है और रिकवरी में भी मदद मिलती है। यहां तक कि डिलीवरी के बाद गोंद का सेवन करने से महिलाओं में मिल्क प्रोडक्शन बेहतर होता है, जो शिशु के लिए फायदेमंद होता है। हां, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन करना है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसा न करें और बहुत सावधानीपूर्वक इसका सेवन किया जाना चाहिए।
All Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
FAQ
1 दिन में कितना गोंद कतीरा खाना चाहिए?
एक सामान्य व्यक्ति को 5 से 10 ग्राम प्रतिदिन यानी लगभग 1 से 2 चम्मच भीगा हुआ गोंद कतीरा का सेवन कर सकता है। ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में गोंद कतीरा का सेवन करने से पेट फूलना, गैस या डायरिया की दिक्कत हो सकती है।क्या प्रेग्नेंसी में गोंद खा सकते हैं?
प्रेग्नेंसी में नहीं, प्रेग्नेंसी के बाद महिलाएं रिकवरी के लिए गोंद के लड्डू का सेवन कर सकती हैं। यह पोषक तत्वों से भरपूर है, जो महिलाओं की रिकवरी में मदद करता है और इससे महिलाओं की हड्डियों को भी मजबूती मिलती है।प्रेग्नेंट महिला को 1 दिन में कितने बादाम खाने चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाओं को अपनी डाइट में सभी पोषक तत्व शामिल करने चाहिए। वे रोजाना 20 बादाम तक खा सकती हैं। हालांकि, बादाम का पोर्शन साइज महिलाओं के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 29, 2025 09:07 IST
Published By : Meera Tagore
