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क्या बार-बार यूटीआई होने से यूरिन ब्लैडर कमजोर हो सकता है? जानते हैं डॉक्टर से

अगर किसी को बार-बार यूटीआई इंफेक्शन की समस्या हो रही है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि शरीर पर इसका लंबे समय तक असर हो सकता है। कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से डॉक्टर की राय।
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क्या बार-बार यूटीआई होने से यूरिन ब्लैडर कमजोर हो सकता है? जानते हैं डॉक्टर से


यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) एक गंभीर संक्रमण है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। दरअसल, यूटीआई कई कारणों से होता है जिसमें कि पानी की कमी से लेकर वजाइनल पीएच का बिगड़ जाना आदि शामिल है। इसके अलावा कुछ लोगों को यूटीआई की दिक्कत पाचन तंत्र में बढ़ने वाले ई. कोलाई नामक बैक्टीरिया की वजह से भी होता है। साथ ही जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है उन्हें भी बार-बार यूटीआई की समस्या परेशान कर सकती है। यूटीआई को लेकर ध्यान देने वाली बात ये है कि इस इंफेक्शन का बार-बार होना शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है जैसे कि यूरिन ब्लैडर। तो आइए जानते हैं डॉ. शिवराम सीनियर कंसलटेंट यूरोलॉजी अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर से कि क्या बार-बार यूटीआई होने से यूरिन ब्लैडर कमजोर हो सकता है?

क्या बार-बार यूटीआई होने से यूरिन ब्लैडर कमजोर हो सकता है?

बार-बार होने वाला यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) लंबे समय में ब्लैडर यानी मूत्राशय की सेहत को प्रभावित कर सकता है। हर बार इंफेक्शन होने पर ब्लैडर की अंदरूनी परत में सूजन और जलन होती है, जिससे उसकी मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और ब्लैडर की स्टोरेज कैपेसिटी कम हो सकती है। ऐसे मरीजों में बार-बार पेशाब लगना, अचानक पेशाब की तीव्र इच्छा होना, या पेशाब रोक पाने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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इतना ही नहीं बार-बार यूटीआई होने से शरीर में कई दीर्घकालिक लक्षण नजर आ सकते हैं। जैसे कि अगर यूटीआई इंफेक्शन का सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो ये गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनके कार्य को बाधित कर सकते हैं, जिससे हाई बीपी और संभावित अंतिम चरण की गुर्दे की बीमारी हो सकती है। बार-बार मूत्रमार्ग संक्रमण (यूटीआई) होना एक सामान्य बात हो सकती है, खासकर अगर बच्चों में वेसिकोयूरेटेरल रिफ्लक्स (वीयूआर) जैसी कोई अंतर्निहित समस्या मौजूद हो। बार-बार संक्रमण के कारण मूत्रमार्ग को संकीर्ण हो सकता है जिससे पेशाब करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान यूटीआई से बच्चे के समय से पहले या कम वजन के जन्म का जोखिम बढ़ जाता है।

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समय पर पूरा इलाज है जरूरी

अगर UTI का समय पर और पूरी तरह इलाज न हो तो इंफेक्शन बार-बार लौटकर आ सकता है और यह धीरे-धीरे ब्लैडर को कमजोर बना सकता है। महिलाओं में यह समस्या ज्यादा पाई जाती है क्योंकि उनकी शारीरिक संरचना में संक्रमण का खतरा अधिक होता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि बार-बार UTI होने पर कारणों की पहचान ज़रूरी है, जैसे पानी कम पीना, पेशाब रोककर रखना, या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या।

पर्याप्त पानी पिएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें और डॉक्टर द्वारा दी गई दवा का पूरा कोर्स करें। समय पर इलाज और सही जीवनशैली से ब्लैडर की कमजोरी को रोका जा सकता है और बार-बार UTI होने की संभावना भी घटाई जा सकती है।

FAQ

  • यूटीआई होने पर आपके शरीर का क्या होता है?

    यूटीआई होने पर शरीर की यूरिन पास करने की गति प्रभावित हो जाती है जैसे कि बार-बार पेशाब आना, बुखार और पेल्विक हिस्से में दर्द। बार-बार होने वाले यूटीआई से गुर्दे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है जिससे किडनी की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा यूटीआई के बार आपके मूत्र मार्ग का पीएच भी लंबे समय तक प्रभावित रहता है।
  • पेशाब करते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है?

    पेशाब करते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द होना भी यूटीआई का ही एक लक्षण है। अगर ये लंबे समय तक रहती है और तो ये गुर्दे की पथरी का भी संकेत हो सकती है। इसके अलावा मूत्राशय की सूजन सिस्टिटिस और महिलाओं में कई बार फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। 
  • पेशाब की नली में सूजन के क्या लक्षण हैं?

    यूरेथ्राइटिस पेशाब की नली में सूजन का एक गंभीर कारण है जिसमें पेशाब करते समय मूत्र मार्ग में दर्द या जलन की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान आपको बार-बार पेशाब आना, पेशाब में खून आना या बदबूदार होना शामिल है। इसके अलावा, पुरुषों में पेशाब की नली में सूजन होने पर लिंग से मवाद या तरल पदार्थ जैसा कुछ महसूस हो सकता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Sep 29, 2025 18:02 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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