True Story

गैस स्टोव फटने से गंभीर रूप से जल गई थी मौसुमी , बर्न ट्रॉमा से लेकर 15 से ज्यादा सर्जरी तक की मेडिकल रिकवरी की कहानी

True Story of Burn Survivor: मौसुमी हालदार स्टोव फटने के कारण बुरी तरीके से जल गई थी। इसके बाद उनकी जिंदगी में जो फिजिकल और मेंटल बदलाव आए, उसने मौसुमी को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। इस लेख में मौसुमी हालदार की मेडिकल रिकवरी की कहानी विस्तार से पढ़ें।
  • SHARE
  • FOLLOW
गैस स्टोव फटने से गंभीर रूप से जल गई थी मौसुमी , बर्न ट्रॉमा से लेकर 15 से ज्यादा सर्जरी तक की मेडिकल रिकवरी की कहानी

True Story of Burn Survivor: भारत में हर साल हजारों लोग बर्न इंजरी का शिकार होते हैं, जिसमें काफी लोगों की घर में ही दुर्घटना होती है। बर्न इंजरी न सिर्फ मरीज की स्किन बल्कि उसकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करती है। अगर बर्न इंजरी महिला के साथ हुई हो, तो उसके साथ सोसायटी का भेदभाव और परिवार से अलग होने तक की नौबत आ जाती है। हाल ही में दिल्ली के ग्रीन पार्क में नेस्ट सैलून के उद्घाटन के मौके पर मेरी मुलाकात पश्चिम बंगाल निवासी मौसुमी हालदार से हुई। पहली नजर में मुझे लगा कि वह एसिड बर्न सर्वाइवर है, लेकिन मौसुमी ने बताया कि वह गैस स्टोव फटने से बुरी तरह से जल गई थी। उनकी कहानी में जो दर्द, संघर्ष और सोसायटी की छींटाकशी थी, उसके बारे में जानें उन्हीं की जुबानी। 


इस पेज पर:-


मौसुमी हालदार के साथ हुआ हादसा

जब मैंने मौसुमी से हादसे के बारे में बात की, तो उन्होंने बताया कि मौसुमी बताती हैं, “साल 2019 की बात है, मैं घर में खाना बना रही थी कि अचानक गैस का स्टोव फट गया और मेरा पूरा शरीर जल गया। जब यह हादसा हुआ, उस वक्त मैं सिर्फ 23 साल की थी। हालांकि यह एक घरेलू हादसा था, लेकिन इसके बाद जो मेरे साथ हुआ, वह बहुत ज्यादा दर्दनाक था। मुझे तुरंत इलाज के लिए कोलकाता के आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल (R. G. Kar Medical College) में हुआ। शुरुआती इलाज ने जान तो बचा ली, लेकिन परमानेंट इलाज होना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि वहां बर्न और प्लास्टिक सर्जरी उतनी एडवांस नहीं थी।”

mausomi treatment in AIIMS

यह भी पढ़ें- क्या जलने पर आप भी लगा लेते हैं टूथपेस्ट? एक्सपर्ट से जानें ऐसा करना सही है या गलत

दिल्ली के AIIMS में हुआ इलाज

मैंने मौसुमी से आगे के इलाज के बारे में चर्चा की, तो उन्होंने मुझे बताया, “मैं अपना इलाज कराना चाहती थी और इसी सिलसिले में मैं साल 2020 में छांव फाउंडेशन से जुड़ीं। उनके साथ जुड़कर AIIMS दिल्ली में डॉ. शिवांगी शाह और उनकी टीम ने मेरा बर्न इंजरी का एडवांस इलाज शुरू किया। अब तक मेरी 15 से ज्यादा सर्जरियां हो चुकी हैं। मुझे लगता है कि मैं 80% ठीक हूं। मेरी आंखें खुलती हैं, गर्दन मूव करती है, हाथ-पैर काम करते हैं। इससे ज्यादा और क्या चाहिए? इलाज के कारण ही मैं साल 2021 में पूरी तरह से वेस्ट बंगाल से दिल्ली शिफ्ट कर गई थी। यहां इलाज और जीवन दोनों ने ने रफ्तार पकड़ी।”

परिवार ने साथ छोड़ा

जब मैंने मौसुमी से उनके परिवार के बारे में जानना चाहा, तो उन्होंने इमोशनल होकर कहा, “जब स्टोव फटा था, उस समय मैं शादीशुदा और एक छोटी बेटी की मां भी थीं। एक्सीडेंट के बाद मेरे पति ने साथ छोड़ दिया। रिश्तेदार धीरे-धीरे दूर होते गए। सबको लगने लगा कि अब मैं पैसे मांगूंगी और उन पर बोझ बन जाऊंगी। इसलिए सभी ने मेरा साथ छोड़ दिया और मैं बर्न इंजरी के साथ अकेले अपनी बेटी के साथ थी। उस मोड़ पर शायद कोई और होता, तो टूट जाता लेकिन मैंने हौसला रखा।”

mausomi learned skills in Delhi

यह भी पढ़ें- शो में कुकिंग के दौरान एक्ट्रेस तेजस्वी प्रकाश का जला हाथ, जानें जले हुए घाव को ठीक करने के घरेलू उपाय

NGO के साथ मौसुमी बनी आत्मनिर्भर

मौसुमी से मैंने बेटी की देखभाल के लिए क्या काम करती हैं? इस पर मौसुमी ने कहा,” छांव NGO से जुड़ने के बाद मैं दिल्ली आ गई। यहां आकर इलाज तो चल ही रहा था, लेकिन मैं खाली नहीं बैठना चाहती थी। मुझे आर्ट और क्राफ्ट का शौक था, तो मैंने नेल आर्ट सीखा, कैफे में सर्विस की, स्टोर्स में काम किया और बेकरी की ट्रेनिंग ली। बर्न सर्वाइवर्स जिस भी फील्ड में जाना चाहती है, छांव ने सभी को ट्रेनिंग देता है। इससे सभी आत्मनिर्भर बनती है।”

बर्न इंजरी का इलाज है जारी

मैंने मौसुमी हालदार से जब पूछा कि क्या उनका इलाज पूरा हो गया है? तो इस पर उन्होंने कहा, “नहीं, अभी भी इलाज तो चल ही रहा है। AIIMS और NGO की मदद से अभी मेरा लेजर ट्रीटमेंट चल रहा है। लेजर थेरेपी स्कार की मोटाई कम करने, स्किन इलास्टिसिटी बढ़ाने और फंक्शनल मूवमेंट सुधारने में मदद करती है। यह इलाज मेरा फ्री में हो रहा है और इसलिए मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं।”

मौसुमी का सोसायटी को मैसेज

उनके इलाज और दर्द की कहानी सुनने के बाद मैंने उनसे कहा कि आप लोगों को क्या मैसेज देना चाहेंगी? इस पर मौसुमी कहती हैं, “मेरे कई दोस्त ऐसे हैं जिनकी आंखों की रोशनी चली गई। उन्हें देखकर मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मैं काम कर पा रही हूं लेकिन समाज हम जैसे बर्न इंजरी सर्वाइवर्स को लेकर बहुत पॉजिटिव नहीं रहता। इतने फिजिकल और मेंटल दर्द झेलने के बाद अब मुझे लगता है कि पहले सुंदरता चेहरे में थी, अब आत्मसम्मान में है। मैं खुद को पहले एक्सेप्ट कर चुकी हूं। अब दुनिया करे या न करे, फर्क नहीं पड़ता।”

आज मौसुमी 30 साल की है और वह आज एक मां, एक प्रोफेशनल, एक सर्वाइवर और एक प्रेरणा है। जब मैं उनसे बात कर रही थी, तो उनके चेहरे पर आत्मविश्वास और मुस्कान साफ दिख रही थीं।

यह विडियो भी देखें

FAQ

  • जलने के 4 डिग्री क्या होते हैं?

    चौथी डिग्री का जलना सबसे गंभीर जलन है, जिसमें स्किन की हर परत नष्ट हो जाती है। इसमें मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट जैसे कोमल टिश्यू को भी नुकसान पहुंचता है या नष्ट हो जाता है। यह हड्डियों के टिश्यू को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
  • गंभीर जलने की स्थिति में क्या करना चाहिए?

    जली हुई जगह पर ठंडा पानी डालें। जले हुए स्थान पर ठंडा पानी डालने से ठंडक मिलती है। इसके बाद तुरंत डॉक्टर से जरूर सलाह लें और डॉक्टर की बताई दवाइयां समय पर लें।
  • जले हुए अंग पर ठंडा पानी क्यों देना चाहिए?

    जले हुए स्थान को ठंडा करने से दर्द, सूजन और निशान पड़ने का रिस्क कम हो जाता है। जले हुए स्थान को जितनी जल्दी और लंबे समय तक ठंडे बहते पानी से ठंडा किया जाए, चोट का असर उतना ही कम होता है।

 

 

 

Read Next

सर्दियों में प्यास कम क्यों लगती है? डॉक्टर से जानें इसके असली कारण

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Dec 26, 2025 18:23 IST

    Published By : Aneesh Rawat

TAGS