
Brown Bread vs Multigrain Bread: सुबह की शुरुआत हो या बच्चों का टिफिन, ब्रेड आज हर घर की डाइट का हिस्सा बन चुकी है। हेल्दी खाने की सोच आते ही ज्यादातर लोग व्हाइट ब्रेड को छोड़कर ब्राउन या मल्टीग्रेन ब्रेड की ओर बढ़ जाते हैं। आम धारणा यही है कि ब्राउन रंग की ब्रेड अपने आप में हेल्दी होती है और मल्टीग्रेन ब्रेड तो उससे भी ज्यादा फायदेमंद, लेकिन क्या सच में ऐसा ही है, या फिर हम सिर्फ पैकेजिंग और नाम के जाल में फंस जाते हैं? कम ही लोग यह जानते हैं कि कई ब्राउन ब्रेड्स सिर्फ रिफाइंड आटे में थोड़ा चोकर या कलर मिलाकर बनाई जाती हैं। वहीं कई मल्टीग्रेन ब्रेड्स में अनाज के नाम तो कई होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा नाममात्र की होती है। इस लेख में जयपुर स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से जानिए, ब्राउन ब्रेड या मल्टीग्रेन, कौन सी ब्रेड ज्यादा हेल्दी है?
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ब्राउन ब्रेड या मल्टीग्रेन, कौन सी ब्रेड ज्यादा हेल्दी है? - Multigrain bread or brown bread which is better
डाइटिशियन अर्चना जैन के मुताबिक, हर ब्राउन या मल्टीग्रेन ब्रेड हेल्दी हो, यह जरूरी नहीं है। डाइटिशियन अर्चना जैन इस बात पर खास जोर देती हैं कि ब्रेड खरीदते समय सिर्फ नाम या रंग देखकर फैसला न करें। पैकेट के पीछे लिखे इंग्रीडिएंट्स जरूर पढ़ें। अगर पहले नंबर पर ''Whole Wheat Flour'' या ''Whole Grains'' लिखा हो, तभी वह ब्रेड हेल्दी मानी जा सकती है। इसके अलावा शुगर, हाई सोडियम और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा भी चेक करनी चाहिए।
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ब्राउन ब्रेड क्या होती है? - What is Brown bread
डाइटिशियन अर्चना जैन बताती हैं कि ब्राउन ब्रेड आमतौर पर रिफाइंड आटे में थोड़ी मात्रा में गेहूं का चोकर या कलर मिलाकर बनाई जाती है। इसी वजह से इसका रंग भूरा होता है। कई लोग यह मान लेते हैं कि ब्राउन ब्रेड मतलब होल व्हीट ब्रेड, जबकि ऐसा हमेशा नहीं होता। अगर ब्रेड 100% होल व्हीट आटे से नहीं बनी है, तो उसमें फाइबर की मात्रा सीमित हो सकती है। ऐसी ब्राउन ब्रेड देखने में हेल्दी लगती है, लेकिन न्यूट्रिशन के मामले में यह व्हाइट ब्रेड से बहुत ज्यादा अलग नहीं होती।

मल्टीग्रेन ब्रेड क्या होती है? - What is Multigrain bread
डाइटिशियन अर्चना जैन के अनुसार, मल्टीग्रेन ब्रेड में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की मात्रा ब्राउन ब्रेड के मुकाबले ज्यादा हो सकती है, लेकिन यह तभी संभव है जब इस्तेमाल किए गए अनाज साबुत हों। कई पैकेज्ड मल्टीग्रेन ब्रेड में अनाज की मात्रा बहुत कम और रिफाइंड आटे की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे इसके हेल्थ बेनिफिट्स कम हो जाते हैं।
| ब्राउन ब्रेड | मल्टीग्रेन ब्रेड |
| अक्सर रिफाइंड आटा के साथ चोकर/कलर | एक से ज्यादा अनाज, लेकिन कई बार रिफाइंड आटा ज्यादा |
| फाइबर की मात्रा कम | सही अनाज हों तो ज्यादा फाइबर |
| देखने में हेल्दी, जरूरी नहीं पोषण से भरपूर | साबुत अनाज होने पर ज्यादा पोषक |
| हल्की डाइट के लिए बेहतर विकल्प | डायबिटीज, हार्ट और वजन कंट्रोल के लिए बेहतर (अगर होल ग्रेन हो) |
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डाइटिशियन की सलाह
डाइटिशियन अर्चना जैन कहती हैं कि अगर संभव हो, तो घर पर बनी होल व्हीट या मल्टीग्रेन ब्रेड सबसे अच्छा विकल्प होती है। डाइटिशियन अर्चना जैन के अनुसार, घर की ब्रेड में न तो अनावश्यक केमिकल्स होते हैं और न ही एक्स्ट्रा शुगर या नमक। इससे आप अनाज की क्वालिटी और मात्रा पर पूरा कंट्रोल रख सकते हैं।
निष्कर्ष
ब्राउन ब्रेड और मल्टीग्रेन ब्रेड में से कौन-सी ज्यादा हेल्दी है, इसका जवाब सीधा नहीं है। डाइटिशियन अर्चना जैन के मुताबिक, अगर ब्रेड 100% साबुत अनाज से बनी है, तो मल्टीग्रेन ब्रेड आमतौर पर ज्यादा फायदेमंद होती है। वहीं, सिर्फ रंग के आधार पर चुनी गई ब्राउन ब्रेड जरूरी नहीं कि हेल्दी हो। सही ब्रेड वही है, जो कम प्रोसेस्ड हो, फाइबर से भरपूर हो और आपकी सेहत की जरूरतों के हिसाब से फिट बैठे।
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FAQ
सबसे हेल्दी नाश्ता कौन सा है?
एक हेल्दी नाश्ते में प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट और थोड़े कार्बोहाइड्रेट्स का संतुलन होना चाहिए।सुबह खाली पेट क्या खाना सही रहता है?
सुबह हल्का और पौष्टिक खाना जैसे फल, भिगोए हुए ड्राई फ्रूट्स, दलिया या अंकुरित दालें फायदेमंद रहती हैं।देर से नाश्ता करने से क्या नुकसान होता है?
देर से नाश्ता करने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ सकता है और दिनभर थकान व ज्यादा भूख लग सकती है।
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Dec 16, 2025 14:39 IST
Published By : Akanksha Tiwari