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ब्रेस्टफीडिंग या एक्सप्रेस्ड मिल्क: बच्चे को दूध पिलाने का कौन-सा तरीका है ज्यादा सही? एक्सपर्ट से जानें

Breastfeeding vs Expressed Milk: अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि ब्रेस्टफीडिंग और एक्सप्रेस फीडिंग में से शिशु के लिए क्या ज्यादा फायदेमंद होता है।  
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ब्रेस्टफीडिंग या एक्सप्रेस्ड मिल्क: बच्चे को दूध पिलाने का कौन-सा तरीका है ज्यादा सही? एक्सपर्ट से जानें


बच्चों के पोषण और विकास के लिए दूध बहुत जरूरी होता है। जब बात नवजात शिशुओं की आती है, तो 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही बेस्ट (Breastfeeding Benefits for Babies) माना जाता है। 6 महीने के बाद बच्चे को मां के दूध के साथ ठोस आहार और बोतल से दूध दिया जाता है। लेकिन आज के दौर में मां के वर्किंग होने के कारण जन्म के तुरंत बाद ही बच्चों को बोतल से दूध दिया जाता है। अक्सर वर्किंग महिलाएं मशीनों के जरिए स्तनों से दूध को निकालकर बोतल में स्टोर कर देती हैं और जब बच्चे को भूख लगती है, तो यह दूध पिला देती हैं। मां द्वारा बच्चे को इस तरह से दूध पिलाने की प्रक्रिया का एक्सप्रेस मिल्क फीडिंग (Expressed Milk) कहा जाता है। 

बेटे के जन्म के लगभग 5 महीने के बाद जब मैंने एक्सप्रेस फीडिंग शुरू की थी, तब मेरे मन में यह सवाल होता है कि बच्चे के लिए एक्सप्रेस किया हुआ दूध देना अधिक फायदेमंद है या बच्चे को स्तनपान कराना? तब मेरे डॉक्टर और ऑफिस के सीनियर्स ने इन सवालों का जवाब देकर मुझको टेंशन फ्री कर दिया था। लेकिन हर कोई मेरी तरह लकी नहीं होता है। जो नई मां एक्सप्रेस फीडिंग और स्तनपान में से क्या ज्यादा फायदेमंद है, इस सवाल का जवाब खोज रही हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। इस लेख में हम जानेंगे स्तनपान या एक्सप्रेस मिल्क में बच्चे के लिए दूध का कौन सा ज्यादा बेहतर है (Breastfeeding vs expressed milk which is best for baby in hindi)। 

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ब्रेस्ट मिल्क कैसे फायदेमंद है?- Health Benefits of Breast Milk for adults

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि नवजात शिशुओं के लिए जन्म के 6 माह तक स्तनपान की सुरक्षित होता है। स्तनपान मां और बच्चे दोनों के बीच एक गहरा संबंध बनाता है। स्तनपान कराने का एक बड़ा फायदा यह है कि इसे पचाना नवजात शिशु के लिए बहुत आसान होता है। इतना ही ब्रेस्टफीडिंग करने से बच्चे की इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। डॉ. तरुण आनंद के अनुसार, नवजात शिशु जब सीधे मां के निप्पल से मुंह लगाकर दूध पिता है, तो कई सारे बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, जिसकी मदद से शिशु के शरीर में एंटीबॉडी बनती है और बीमारियों का खतरा कम होता है।

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एक्सप्रेस मिल्क कैसे फायदेमंद है? - Health Benefits of Expressed Milk

जब शिशु स्तनपान नहीं कर रहा हो, तो स्तनों से दूध निकालने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है, उसे एक्सप्रेस मिल्क कहा जाता है। एक्सप्रेस मिल्क के लिए आप हाथ या पंप का सहारा ले सकती हैं। एक्सप्रेसिंग उन महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है, जो काम के कारण लंबे समय तक घर से बाहर रहती हैं और शिशु के समय के अनुसार उसे स्तनपान नहीं करवा सकती हैं। डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि एक्सप्रेसिंग के जरिए बेशक शिशु को मां का दूध मिल रहा हो, लेकिन यह उतना फायदेमंद साबित नहीं होता है। मां द्वारा एक्सप्रेस किए गए मिल्क को जब बोतल में स्टोर किया जाता है, तो उसका फ्लो एक जैसा बन रहा है, जिससे बच्चा समझ नहीं पाता है कि उसे सही मात्रा में दूध मिला या नहीं।

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स्तनपान या एक्सप्रेस्ड मिल्क, बच्चे को कौन सा दूध पिलाना है ज्यादा फायदेमंद? | Breastfeeding vs Expressed Milk which is best for baby in hindi

डॉ. तरुण आनंद की मानें तो बच्चे को हमेशा ब्रेस्ट से जरिए ही दूध पिलाना चाहिए। ब्रेस्ट मिल्क पिलाने से न सिर्फ शिशुओं का विकास तेजी से होता है, बल्कि यह मां के शरीर में ज्यादा दूध के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है।

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वहीं, एक्सप्रेस मिल्क का इस्तेमाल तभी करना चाहिए, जब मां कोई शारीरिक परेशानी या काम में व्यस्त हो। डॉक्टर के अनुसार, एक्सप्रेस मिल्क में शिशुओं को बोतल के जरिए आसपास के बैक्टीरिया भी शरीर में जाते हैं, जो उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

All Image Source: Freepik.com

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