कैंसर दुनियाभर में हाेने वाले मौताें का एक प्रमुख कारण है। महिलाएं, बच्चे हाे या पुरुष सभी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। महिलाएं कई तरह के कैंसराें का शिकार हाे सकती हैं, उन्हीं में से एक है ब्रेस्ट या स्तन कैंसर। स्तन कैंसर महिलाओं में हाेने वाला सबसे सामान्य कैंसर है। स्तन कैंसर के शुरू हाेने पर शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं, अगर इन पर गौर करके इलाज करवाया जाए ताे इस समय रहते ठीक किया जा सकता है। लेकिन देरी हाेने पर मरीज के लिए रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं ब्रेस्ट कैंसर की वजह से महिलाओं में हृदय राेग भी जन्म ले सकता है। अधिकतर स्तन कैंसर वाली मेनाेपॉज महिलाओं में हृदय राेग अधिक देखने काे मिलता है। लेकिन अगर लक्षणाें का पता चलते ही इसका इलाज करवाया जाए, ताे व्यक्ति काे आसानी से ठीक किया जा सकता है। अब आपके मन में यह सवाल जरूरी हाेगा कि आखिर ब्रेस्ट कैंसर हृदय राेग का कारण कैसे बन सकता है? इस बारे में जानने के लिए हमने वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई सेंट्रल की ओन्को सर्जन डॉक्टर मेघल संघवी (Dr. Meghal Sanghvi, Onco Surgeon, Wockhardt Hospital, Mumbai Central) से बातचीत की। चलिए जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर से हृदय राेग हाेने के पीछे क्या कारण है-
ब्रेस्ट कैंसर होने पर क्यों बढ़ जाता है हार्ट की बीमारियों का खतरा (Breast Cancer Increase Heart Disease Risk)
1. डॉक्टर मेघल संघवी बताती हैं कि माेटापा और लॉन्ग टर्म हॉर्माेन थैरेपी लेने से स्तन कैंसर और हृदय राेग का जाेखिम अधिक हाेता है। इन दाेनाें स्थिति में स्तन कैंसर और हृदय राेग दाेनाें हाे सकते हैं।
2. स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए मरीज की कीमाेथैरेपी (Chemotherapy) करवाई जाती है। कीमाेथैरेपी में एक दवाई दी जाती है, जिसका लंबे समय तक उपयाेग करने से दिल से संबंधी राेग या हृदय राेग हाे सकते हैं।
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3. लेफ्ट साइड के स्तन में कैंसर हाेने पर हृदय राेग का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्याेंकि इसमें मरीज काे लेफ्ट साइड काे ही लिटा कर रेडिएशन थैरेपी दी जाती है, जिससे हृदय पर भार बढ़ता है। इसलिए इस स्थिति में यानी रेडिएशन थैरेपी के दौरान हृदय में कुछ साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं।
4. इतना ही नहीं हॉर्माेन थैरेपी के टेबलेट्स लेने से भी हृदय राेग का खतरा बढ़ता है।
स्तन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Breast Cancer)
- स्तन काे दबाने पर दर्द हाेना
- ब्रेस्ट साइज के आकार में बदलाव
- स्तन में गांठ महसूस हाेना
- स्तनाें में सूजन आना
अगर आपकाे इनमें से काेई भी लक्षण दिखे, ताे तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। इन्हें बिल्कुल नजरअंदाज न करें, इससे आपका राेग गंभीर हाे सकता है। कैंसर के शुरुआती लक्षणाें काे कभी इग्नाेर नहीं करना चाहिए।
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ऐसे करें बचाव (Prevention Tips)
- नमक का अधिक मात्रा में सेवन से बचें।
- एक्सरसाइज और याेगा (Exercises and Yoga) का नियमित अभ्यास करें।
- रेड मीट का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
- शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें।
- गर्भनिराेधक गाेलियाें के सेवन से बचें।
- वजन काे कंट्राेल में रखें। वजन काे कम करें।
- हेल्दी डाइट लें। इसमें फैटी फूड्स अवॉयड करें
डॉक्टर मेघल संघवी कहती हैं कि स्तन कैंसर महिलाओं में हाेने वाला एक आम कैंसर है। जिसका समय पर इलाज करना बहुत जरूरी हाेता है, देरी हाेने पर इसका रिस्क बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में अन्य बीमारियां हाेने की भी आशंका रहती है। ऐसे में लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें और अपना उपचार करवाएं।
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