क्या आप भी कैंसर से जुड़ी फैली सारी अफवाहों (Myths Related to Cancer) को सच मानते हैं? अगर हां, तो आपको फैली अफवाहों की सच्चाई के बारे में जरूर जानना चाहिए। आज का यह लेख कैंसर के बारे में फैली अफवाहों और उनकी सच्चाई पर ही आधारित है। दरअसल, कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसलिए इसके बारे में लोगों को हर वक्त सतर्क किया जाता है। लेकिन इसके बारे में लोगों ने अपने मन में कुछ ऐसी धारणाएं बना ली है, जिनमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। इसलिए इन अफवाहों की सच्चाई को जानने के लिए हमने नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिट के कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर किरण तमखाने (Consultant Oncologist Dr Kiran Tamkhane, Nanavati Max Super Speciality Hospital) से बातचीत की। जानें कैंसर के बारे में फैली अफवाहों और उनकी सच्चाई के बारे में-
मिथ 1 : कैंसर सिर्फ धूम्रपान करने से ही होता है। अगर मैं धूम्रपान नहीं करता, तो मुझे कैंसर भी नहीं होगा।
सच्चाई : डॉक्टर किरण तमखाने बताते हैं कि धूम्रपान से कम से कम 15 तरह के कैंसर हो सकते हैं, लेकिन सभी कैंसर की वजह धूम्रपान नहीं होता है। कई अन्य कारण जैसे फैमिली हिस्ट्री, अनुवांशिक प्रवृत्ति, कुछ रसायनों के संपर्क में आना, प्रदूषण और रेडिएशन भी कैंसर के कारण हो सकते हैं। लेकिन धूम्रपान करने से आपको कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
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मिथ 2 : बायोप्सी करने से कैंसर फैल सकता है।
सच्चाई : बायोप्सी कैंसर और गैर-कैंसर वाले ट्यूमर के बीच जांच करने के लिए की जाती है। इसके अलावा बायोप्सी कुछ भी नहीं है। बायोप्सी से रोग के बारे में पता चलता है। इससे कैंसर नहीं फैलता है।
मिथ 3 : कैंसर के दौरान की जाने वाली कीमोथेरेपी एक दर्दनाक इलाज है।
सच्चाई : डॉक्टर किरण तमखाने बताते हैं कि कीमोथेरेपी में दवाइयां नसों के माध्यम से दी जाती है। यह दर्दनाक नहीं होता है। कीमोथेरेपी का उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर के उपचार, नियंत्रण और पुनरावृत्ति को रोकने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी विशेषज्ञों की देखरेख में की जाती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और दर्दनाक नहीं है।
मिथ 4 : चीनी खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
सच्चाई : चीनी खाने से कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है। चीनी के कैंसर कारक होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, इसलिए यह कहना गलत होगा कि चीनी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
मिथ 5 : हर्बल उत्पाद से भी कैंसर का इलाज हो सकता है।
सच्चाई : डॉक्टर किरण बताते हैं कि अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण या परीक्षण नहीं है, जो कैंसर के उपचार मंच हर्बल दवा की प्रभावकारिता को साबित करता है। इसके विपरीत कीमोथेरेपी और इम्यूनो-थेरेपी को परीक्षणों के बाद ही उपयोग में लाया गया है।
मिथ 6 : कैंसर छूने से भी फैलता है।
सच्चाई : नहीं, कैंसर स्पर्श से नहीं फैलता है। किसी भी प्रकार का कैंसर संक्रामक नहीं है। यह स्पर्श या निकट संपर्क से बिल्कुल नहीं फैलता है।
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मिथ 7 : कैंसर होने के बाद मौत तय है।
सच्चाई : सन् 1990 से कैंसर के उपचार प्रोटोकॉल में काफी प्रगति हुई है। इसके बाद से कैंसर की मृत्यु दर में लगातार गिरावट आई है। ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, कोलन, लिम्फोमा जैसे कई प्रकार के कैंसर की पांच साल की जीवित रहने की दर 90% से अधिक हो गई है। अगर प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का इलाज और उपचार किया जाए, तो कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
मिथ 8 : अगर आपके परिवार के बुजुर्गों में कैंसर का पता चला है, तो इसका मतलब है कि आपको भी यह बीमारी होगी।
सच्चाई : लगभग 5 से 10 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर कुछ जीनों में परिवर्तन (म्यूटेशन) से जुड़े होते हैं और सभी कैंसर अनुवांशिक नहीं होते हैं। परिवार के किसी सदस्य को कैंसर होने का मतलब यह नहीं है कि आपको कैंसर हो जाएगा।
मिथ 9 : कैंसर के मरीज सामान्य जीवन नहीं जी सकते हैं।
सच्चाई : कैंसर के मरीज भी सभी लोगों की तरह सामान्य जीवन जी सकते हैं। वे भी अपनी सारी जिम्मेदारियों को निभा सकते हैं। समय पर निदान और उपचार प्राप्त करने वाले कैंसर रोगी बिना किसी बाधा के सामान्य जीवन जी सकते हैं।
मिथ 10 : कैंसर बिना लक्षणों के आता है।
सच्चाई : सभी कैंसर लक्षण रहित नहीं होते हैं। कई तरह के कैंसर जैसे मुंह, स्तन, कोलन और कई अन्य कैंसर लक्षणों के साथ ही आते हैं। छह महीने में 10% से अधिक वजन कम होना, बार-बार बुखार आना, आंतरिक और बाहरी रक्तस्राव, शरीर में कहीं भी दर्दनाक या दर्द रहित गांठ, गैर-उपचार अल्सर और घाव कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
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