दुनियाभर की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है। यही वजह कि डॉक्टर महिलाओं को समय-समय पर ब्रेस्ट की जांच करने की सलाह देते हैं। लेकिन, महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के साथ ही हृदय से जुड़ी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। कैंसर के मुकाबले ज्यादातर लोगों की जान हृदय रोगों की वजह से जाती है। महिलाओं में हृदय रोग होने के पीछे हार्मोनल प्रभाव, जीवनशैली में बदलाव, शराब, धूम्रपान आदि को मुख्य कारण माना जा सकता है। दरअसल, समय के समय महिलाओं की लाइफस्टाइल में बदलाव आया है। आज शहरी माहौल में महिलाएं भी शराब और धूम्रपान करने लगी हैं। ऐसे में उनको पुरुषों की तरह ही हृदय रोग का जोखिम बढ़ गया है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनोक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि महिलाओं को हृदय रोग जोखिम अधिक क्यों होता है।
महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से ज्यादा हृदय रोग का खतरा क्यों होता है? - Why Women Are More Prone To Get Heart Disease Risk Than Breast Cancer in Hindi
हार्मोनल प्रभाव
महिलाओं में हृदय रोग के बढ़ते मामलों में एस्ट्रोजन को शामिल किया जा सकता है। जबकि, फर्टिलिटी ठीक होने तक महिलाओं को हृदय रोग का जोखिम कम होता है। ऐसा एस्ट्रोजन के प्रभाव के चलते होता है। एस्ट्रोजन नसों के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करता है और स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा देता है। हालांकि, जैसे-जैसे महिलाएं मेनोपॉज के करीब पहुंचती हैं, एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से कम होता जाता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
जीवनशैली में बदलाव और मोटापा
आधुनिक जीवनशैली में लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती है। इससे मोटापा बढ़ सकता है और यह हृदय रोग का एक बड़ा जोखिम कारक हो सकता है। ऐसे में महिलाओं का मोटापा अधिक देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं के पेट के हिस्से में वजन बढ़ने लगता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम और बढ़ जाता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान हृदय रोग के लिए एक मुख्य जोखिम कारक है। वहीं, शहरी इलाकों में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में पुरुषों की तरह ही हृदय रोग होने की संभावना अधिक होती है। इसी तरह, अत्यधिक शराब का सेवन हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियोमायोपैथी का कारण बन सकता है, जो महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
तनाव
महिलाएं कई तरह के रोल को बखूबी निभाती हैं, जिससे उन्हें लगातार तनाव हो सकता है। लगातार तनाव, अवसाद और चिंता जैसी संबंधित स्थितियां हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ी होती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस तरह मानसिक समस्या होने की संभावना अधिक होती है, आगे चलकर यह शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती हैं।
लक्षणों को अनदेखा करना
महिलाएं अक्सर स्वास्थ्य संबंधी सस्याओंं को अनदेखा कर देती हैं। हृदय रोग से जुड़े लक्षण जैसे सांस लेने में तकलीफ होना, हृदय गति तेज होना, हृदय दर अनियमित होना आदि लक्षणों को नजरअंदाज करने से गंभीर समस्याएं हो सकती है।
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लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर महिलाएं कैंसर और हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को तेजी से कम कर सकती हैं। इसके अलावा नियमित एक्सरसाइज करने से भी हृदय स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।
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