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मेनोपॉज के बाद हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को कम करने के लिए अनपाएं ये उपाय, मिलेगा फायदा

महिलाओं को मेनोपॉज के बाद हृदय से जुड़ी समस्याएं होना का जोखिम अधिक होता है। आगे जानते हैं इस जोखिम से बचाव के कुछ उपाय
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मेनोपॉज के बाद हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को कम करने के लिए अनपाएं ये उपाय, मिलेगा फायदा


एक निश्चित उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में बदलाव होते हैं और यह बदलाव उनके पीरियड्स से संबंधित होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को मेनोपॉज की स्थिति से गुजरना पड़ता है। यह महिलाओं के जीवन में प्रजनन क्षमता के समाप्त होने का संकेत होता है। इस समय होने वाले हार्मोनल बदलाव (विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के बदलाव) की वजह महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। जानकारों की मानें तो एस्ट्रोजन का सीधा संबंध कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण से होता है। ऐसे में महिलाओं के शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी हो सकती है, जो हृदय संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण बन सकती हैं। इससे बचाव के लिए महिलाओं को सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। आगे द्वारका स्थित बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर की गायनेकोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर शिल्पा सिंघल से जानते हैं कि मेनोपॉज में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए किन उपायों (Prevention Tips For Reduce Heart Disease In Postmenopausal) को अपनाना चाहिए। 

मेनोपॉज के बाद हृदय संबंधी रोगों को जोखिम को कम करने के लिए अपनाएं ये उपाय - Postmenopausal Heart Disease Risk Prevention Tips in Hindi

डाइट में आवश्यक बदलाव करें - Diet Changes 

मेनोपॉज के बाद हार्ट हेल्थ को बनाए रखने के लिए डाइट में आवश्यक बदलाव करना बेहद जरूरी होता है। जैसे-जैसे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, महिलाओं को मेटाबॉलिज्म में बदलाव का अनुभव हो सकता है। ऐसे में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, बीज और एवोकाडो को शामिल करना चाहिए। 

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नियमित व्यायाम करें - Regular Exercise

मेनोपॉज के दौरान हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और वजन को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। मांसपेशियों और कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ के लिए आप एरोबिक एक्सरसाइज कर सकते हैं। इसमें आप रोजाना साइकिल चलाना, स्वीमिंग करना, तेज गति से टहलना या जॉगिंग कर सकते हैं। 

तनाव को कम करें - Reduce Anxiety And Stress

मेनोपॉज कई महिलाओं के लिए तनावपूर्ण समय हो सकता है। इस दौरान हार्मोन में बदलाव के साथ अक्सर मूड में बदलाव, चिंता और नींद में खलल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय तक तनाव के कारण हृदय पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर और सूजन की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। 

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें - Control Your Blood Pressure 

हार्ट डिजीज के जोखिम कारकों को शीघ्र पता लगाने के लिए नियमित जांच की आवश्यकता होती है। इसलिए डॉक्टर मेनोपॉज के बाद महिलाओं को समय-समय पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच की सलाह देते हैं। कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। 

शराब और धूम्रपान का सेवन कम करें - Avoid Smoking And Alchol 

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हृदय रोग के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारक माना जाता है। अधिक उम्र में धूम्रपान करने से महिलाओं की नसों को नुकसान हो सकता है। साथ ही, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है, जबकि ज्यादा शराब  पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। यह हृदय कार्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे हृदय संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। 

इसे भी पढ़ें: मेनोपॉज के बाद महिलाओं की हार्ट हेल्थ कैसे प्रभावित होती है? डॉक्टर से जानें

मेनोपॉज में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए महिलाओं को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। इससे स्ट्रेस और तनाव तेजी से कम होता है। साथ ही, हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आपको दिल में दर्द या सांस लेने में समस्या हो तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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