Why are Cancer Patients More Prone to Oral Infections : दुनिया भर में कैंसर के मामलों में इजाफा हो रहा है। अगर इस बीमारी का सही समय और सही तरह से इलाज न किया जाए, तो यह सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।अगर कैंसर को समझने की कोशिश करें, तो शरीर की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि की स्थिति को कैंसर कहा जाता है। ये सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ते हैं और ट्यूमर का रूप ले लेते हैं। बता दें कि कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। इससे व्यक्ति को कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं में से एक ओरल इंफेक्शन की भी स्थिति है। आज के इस आर्टिकल में हम डॉ. आशु यादव, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, वरिष्ठ सलाहकार और एचओडी, एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल, सोनीपत (Dr. Ashu Yadav, Radiation Oncologist, Senior Consultant & HOD, Andromeda Cancer Hospital, Sonipat) से जानेंगे कि कैंसर के मरीजों को ओरल इन्फेक्शन की समस्या होने का खतरा ज्यादा क्यों होता है?
कैंसर रोगियों में क्यों होता है ओरल इंफेक्शन?- Why do Cancer Patients have Oral Infections
कैंसर रोगियों खासकर जो कीमोथेरेपी, रेडिएशन या इम्यूनोथेरेपी से गुजर रहे होते हैं, उनमें ओरल इंफेक्शन विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। यह बढ़ी हुई संवेदनशीलता रोग और उसके उपचार से संबंधित कई कारकों के कारण होती है। आइए इन कारणों के बारे में जानते हैं:
1. कमजोर इम्यून सिस्टम
जैस हमने आपको बताया कि कैंसर उपचार, खासकर कीमोथेरेपी, तेजी से डिवाइड होने वाले सेल्स को लक्षित करते हैं। इससे कैंसर और स्वस्थ इम्यून सेल्स दोनों के बढ़ने पर रोक लग सकती है। इम्यून सिस्टम (न्यूट्रोपेनिया) की यह कमजोरी शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम करती है। इससे ओरल कैविटी बैक्टीरिया, वायरल और फंगल ओवरग्रोथ होने लगती है।
2. ओरल म्यूकोसा को नुकसान
सिर और गर्दन पर रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी करने से मुंह की म्यूकोसल परत (Mucosal Layer) को नुकसान पहुंचता है। इससे ओरल म्यूकोसाइटिस हो सकता है। ऐसे में दर्दनाक सूजन और अल्सरेशन, जो कैंडिडा (ओरल थ्रश) और बैक्टीरियल संक्रमण सहित कई संक्रमणों का कारण बन सकते हैं।
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3. ड्राई माउथ (जेरोस्टोमिया)
कैंसर उपचार, खासकर लार ग्रंथियों (Salivary Gland) पर विकिरण थेरेपी (Radiation), लार के उत्पादन को कम कर सकती है। लार बैक्टीरिया को बेअसर करने और मौखिक स्वच्छता बनाए रखने में जरूरी भूमिका निभाती है। ड्राई माउथ की स्थिति में मुंह के अंदर हानिकारक रोगाणु पनप सकते हैं, जिससे कैविटी, मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण हो सकते हैं। कई मामलों में कुछ दवाइयों के कारण मुंह सूख सकता है।
4. ओरल माइक्रोबायोम में बदलाव
कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी की वजह से मुंह में बैक्टीरिया का संतुलन बदल सकता है। इससे लाभकारी बैक्टीरिया कम हो जाते हैं और रोगजनकों (Pathogens) को पनपने का मौका मिलता है। इस असंतुलन से ओरल थ्रश, बैक्टीरियल इंफेक्शन और यहां तक कि हर्पीज सिम्प्लेक्स जैसी वायरल रिएक्टिवेशन जैसी स्थितियों का जोखिम बढ़ता है।
5. पोषण से जुड़ी कमियां
कैंसर के रोगियों को अक्सर मतली, स्वाद में बदलाव और मुंह के छालों की वजह से खाने में कठिनाई हो सकती है। खराब पोषण इम्यून रिस्पांस और मौखिक ऊतक की (Tissue Repair) मरम्मत को कमजोर करता है, जिससे संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
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ऊपर बताए कारणों की वजह से कैंसर के मरीजों को ओरल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। इस स्थिति से बचाव के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। बता दें कि कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के दौरान इस तरह के कई अन्य साइड इफेक्ट्स का भी सामना व्यक्ति को करना पड़ सकता है।