बीपीडी या बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर (borderline personality disorder) को गंभीर मानसिक बीमारी की श्रेणी में रखा जाता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति खुद को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। वैसे तो ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है पर युवा या टीनएर्जर की अच्छी तादाद भी इस बीमारी का हिस्सा बन चुकी है। अगर घर में किसी को बीपीडी डिसऑर्डर है तो ये संभव है कि आपको भी ये डिसऑर्डर हो सकता है क्योंकि इस बीमारी के पीछे अनुवांशिक कारण भी होते हैं। इस लेख में हम बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर यानी बीपीडी के लक्षण, कारण और उपायों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है? (Borderline Personality Disorder)
अगर आपके मूड, व्यवहार या बर्ताव करने के तरीकों में तेजी से बदलाव आ रहा है और उसके कारण दिक्कतें हो रही हैं तो ये बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं। इस डिसऑर्डर से पीड़ित मरीज बहुत सेंसिटिव यानी संवेदनशील होते हैं। ऐसे मरीजों का इलाज जल्दी न किया जाए तो मानसिक समस्याएं बढ़ने लगती हैं जिसका बुरा असर स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति की भावनाएं अचानक बढ़ जाती हैं, छोटी सी परेशानी उनके लिए बड़ी होती है और वे लोग खुद को अलग पाते हैं, ये लक्षण शुरूआत में सामान्य ही लगते हैं पर धीरे-धीरे व्यक्ति मानसिक रोगी की तरह नजर आ सकता है।
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कैसे पता चलेगा कि व्यक्ति को बीपीडी डिसऑर्डर है? (Symptoms of borderline personality disorder)
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अगर व्यक्ति में ये लक्षण आपको दिखने लगें तो समझ जाइए उस व्यक्ति को बीपीडी डिसऑर्डर है-
- बीपीडी डिसऑर्डर से पीड़ित मरीज हमेशा डर महसूस करता है।
- इस डिसऑर्डर से पीड़ित मरीज को गुस्सा बहुत ज्यादा आता है या स्वभाव में चिड़चिड़ापन नजर आता है।
- बीपीडी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति किसी से बहुत ज्यादा प्यार करता है या हद से ज्यादा नफरत कर सकता है।
- बीपीडी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति के व्यवहार में जल्दी-जल्दी बदलाव आता है।
- इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति रिश्तों को लेकर असहज महसूस करते हैं इसलिए रिश्तों को जल्दी तोड़ना या बनाना शुरू कर देते हैं।
क्यों होता है बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर? (Causes of BPD disorder)
बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-
- हार्मोन्स का असंतुलन- अगर आपके शरीर में हार्मोन का असंतुलन है तो ये संभव है कि आपको बीपीडी हो सकता है।
- अनुवांशिक कारण- अगर आपके घर में किसी को बीपीडी डिसऑर्डर है तो ये संभव है कि आपको भी बीपीडी डिसऑर्डर हो सकता है।
- हादसा- अगर आप मृत्यु या किसी बड़े शोक के कारण परेशान है तो भी आप बीपीडी डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं।
क्या आपको बीपीडी डिसऑर्डर है?
अगर आपको बीपीडी डिसऑर्डर है तो आप डर या चिंता से घिरे रहेंगे, आपको हर समय गुस्सा आ रहा हो या आप खुद की भावनाओं को कंट्रोल न कर पा रहे हों तो हो सकता है आपको बीपीडी डिसऑर्डर हो सकता है। हालांकि ये किसी अन्य बीमारी के संकेत भी हो सकते हैं। बीपीडी डिसऑर्डर से बचना जरूरी है क्योंकि ऐसे व्यक्ति आत्महत्या के प्रयास भी कर सकते हैं, अगर आपके पहचान में अवसाद से घिरा कोई व्यक्ति हो तो उसे तुरंत मेडिकल हेल्प दिलाएं। अगर आप बीपीडी जैसे डिसऑर्डर से पीड़ित हैं तो आपको रिजेक्ट होने का डर हमेशा सताएगा और ये आपके काम या जॉब पर बुरा असर डाल सकता है। वहीं अचानक से बदलता व्यवहार आपके परिवार के साथ-साथ आपके औपचारिक रिश्तों को भी खराब कर सकता है।
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बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से कैसे बचें? (How to prevent borderline personality disorder)
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बीपीडी डिसऑर्डर से बचने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो करें-
- बीपीडी डिसऑर्डर से बचने के लिए आप तनावपूर्ण माहौल से बचें, अगर आप ज्यादा नेगेटिव वातावरण में रहेंगे तो ये संभव है कि आपको बीपीडी डिसऑर्डर हो सकता है।
- बीपीडी से बचने के लिए आप अपने परिजन, दोस्त के करीब रहें जो लोग अकेलेपन का शिकार होते हैं उन्हें भी बीपीडी डिसऑर्डर होने की संभावना रहती है।
- बुरे विचारों से दूर रहें और खुद के साथ समय निकालने का प्रयास करें, अगर आप किसी हॉबी को समय दें तो बेहतर है।
बीपीडी डिसऑर्डर के नुकसान (Risks involved with BPD disorder)
- बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति को ड्रग, एल्कोहॉल की लत भी लग सकती है इसलिए आपके जानने में कोई ऐसा व्यक्ति है तो उसे अकेला बिल्कुल भी न छोड़ें।
- बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति को रिश्ते निभाने, कमिटमेंट पूरे करने या जॉब के दौरान भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्हें आत्महत्या के भी विचार आ सकते हैं इसलिए बीमारी का इलाज समय पर होना जरूरी है।
- बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति पर फाइनेंनशियल और लीगल समस्याएं जुड़ सकती हैं क्योंकि ऐसे व्यक्ति अक्सर किसी समस्या के शिकार हो जाते हैं।
बीपीडी डिसऑर्डर के उपाय (Treatment of BPD disorder)
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- बीपीडी डिसऑर्डर से पीड़ित हैं तो सबसे पहले चिकित्सा सहायता लें, मनोरोग विशेषज्ञ मरीज के लक्षणों को समझकर सही इलाज बता सकेंगे इसलिए उनकी मदद जरूर लें।
- बीपीडी डिसऑर्डर जैसी बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपको दवाएं भी दे सकते हैं जिसे थैरेपी का हिस्सा माना जाता है।
- बीपीडी डिसऑर्डर का इलाज करवाने के लिए आपको कुछ सेशन लेने की जरूरत पड़ सकती है।
- बीपीडी के इलाज के दौरान दी जाने वाली दवा बीपीडी डिसऑर्डर के लिए नहीं बल्कि इस डिसऑर्डर के कारण होने वाले डिप्रेशन को कम करने के लिए दी जाती है ताकि मरीज बेहतर महसूस करे।
- बीपीडी डिसऑर्डर का इलाज करवाने के लिए आपको कुछ सेशन लेने की जरूरत पड़ सकती है।
- बीपीडी डिसऑर्डर की थैरेपी के दौरान डॉक्टर आपके लक्षण, रिश्ते, व्यवहार, आपके पास्ट से जुड़े सवाल कर सकते हैं।
- काउंसलिंग और दवा के अलावा डॉक्टर डीबीटी थैरेपी भी दे सकते हैं जिसे हम डायलेक्टिकल बिहेवियर थैरेपी के नाम से जानते हैं।
- डीबीटी थैरेपी में फोन पर सलाह, व्यक्तिगत चिकित्सा और माइंडफुलनेस को शामिल किया जाता है।
बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से बचने के लिए आपको सही समय पर इलाज करवाना चाहिए, इस बीमारी के लक्षणों को पहचानकर आप बीमारी की पुष्टि नहीं कर सकते इसलिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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