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पाचन को मजबूत बनाने के लिए करें नाड़ी शोधन प्राणायाम, जानें फायदे

आजकल की लाइफस्टाइल के साथ लोगों में पाचन की समस्याएं आम हो गई हैं। यहां जानिए, पाचन को मजबूत बनाने के लिए नाड़ी शोधन प्राणायाम कैसे करें और इसके क्या फायदे हैं?
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पाचन को मजबूत बनाने के लिए करें नाड़ी शोधन प्राणायाम, जानें फायदे


आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान के चलते पाचन संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं। दरअसल, लोग आजकल रात में देर तक जागना पसंद करते हैं और गलत समय पर भोजन करते हैं, इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी की कमी जैसे कारण पाचन तंत्र पर बुरा असर डालते हैं। यही वजह है कि वर्तमान समय में कब्ज, एसिडिटी, अपच और गैस जैसी समस्याएं हर दूसरे व्यक्ति को परेशान कर रही हैं। खराब पाचन का असर पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर पड़ता है, जब पाचन क्रिया सही तरीके से काम नहीं करती, तो शरीर में पोषक तत्वों का सही तरीके से अवशोषण नहीं हो पाता, जिससे कमजोरी, थकान और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में योग और प्राणायाम पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में सहायक हो सकते हैं। खासकर, नाड़ी शोधन प्राणायाम जैसे योग अभ्यास पाचन तंत्र को सुधारने और शरीर को संतुलित करने में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। इस लेख में योगा एक्सपर्ट ग्रीषा ढींगरा से जानिए, नाड़ी शोधन प्राणायाम कैसे करें और इसके क्या-क्या फायदे होते हैं।

नाड़ी शोधन प्राणायाम क्या है?

नाड़ी शोधन प्राणायाम एक प्रकार की सांस को कंट्रोल करने की तकनीक है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सफाई में मदद करती है। यह प्राणायाम न केवल सांस की गति को कंट्रोल करता है, बल्कि शरीर की आंतरिक ऊर्जा को संतुलित करने में भी सहायक होता है। इसका अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक शांति, शुद्धता और ध्यान की स्थिति का अनुभव होता है। खासकर, यह पाचन तंत्र को सक्रिय यानी एक्टिव और सशक्त करने में मदद करता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह प्राचीन योग अभ्यास शरीर की तीन मुख्य वायुओं - प्राण वायु, समान वायु और अपान वायु को संतुलित करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है।

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नाड़ी शोधन प्राणायाम से वायुओं को एक्टिव करना

नाड़ी शोधन प्राणायाम का नियमित अभ्यास इन तीन वायुओं को सक्रिय यानी एक्टिव करता है, जिससे पाचन तंत्र में सुधार होता है। इसमें नासिका के दोनों नथुनों से श्वास को कंट्रोल तरीके से लेना और छोड़ना शामिल है। जब आप नाड़ी शोधन प्राणायाम करते हैं, तो यह प्राण, समान और अपान वायुओं को सही तरीके से सक्रिय करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है।

nadi shodhan Pranayama

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नाड़ी शोधन प्राणायाम करने का तरीका

  • सबसे पहले, अर्ध सिद्धासन में बैठें, जिसमें आपके हिप्स के नीचे एक तकिया हो और आपकी रीढ़ सीधी हो।
  • अब, शरीर से पूरी तरह से सांस छोड़ें।
  • दाएं नथुने को अंगूठे से बंद करें और बाएं नथुने से सांस लें, 1 से 6 तक गिनती करें। फिर, सांस को 6 सेकंड तक रोकें।
  • अब, बाएं नथुने को बंद कर दाएं नथुने से सांस छोड़ें, 6 से 1 तक गिनती करें।
  • अब दाएं नथुने से सांस लें, फिर सांस को रोकें और बाएं नथुने से सांस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को 15 मिनट तक दोहराएं। आप हर 5 मिनट के बाद थोड़ा ब्रेक ले सकते हैं।
  • यह प्राणायाम पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए एक बेहतरीन तरीका है, खासकर अगर आप कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं से परेशान हैं।
  • फेफड़ों और दिल से संबंधित रोगों वाले व्यक्तियों को नाड़ी शोधन प्राणायाम से बचना चाहिए या एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।

निष्कर्ष

नाड़ी शोधन प्राणायाम एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है, जिससे आप अपने पाचन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से न केवल आपका पाचन सुधरेगा, बल्कि आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

 

 

 

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All Images Credit- Freepik

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