Pranayama Benefits for Uterus in Hindi: आजकल की खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से महिलाओं को तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याएं भी परेशान कर रही हैं। दुनियाभर में महिलाओं में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोई पीसीओएस, कोई पीसीओडी तो कोई बच्चेदानी में होने वाली परेशानियों का सामना कर रही हैं। आपको बता दें कि बच्चेदानी महिलाओं के शरीर का एक अहम अंग है, जो भ्रूण गर्भाधारण के बाद भ्रूण को रहने और सुरक्षित रखने में मदद करता है। बच्चेदानी यानी गर्भाशय (Uterus in Hindi) में ही भ्रूण का विकास होता है। हालांकि, बच्चेदानी से जुड़ी समस्याएं होने की वजह से कई महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती हैं। खासकर, फाइब्रॉयड और एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर समस्याएं महिलाओं में इनफर्टिलिटी को बढ़ाते हैं। ऐसे में हर महिला को अपनी बच्चेदानी को मजबूत बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। बच्चेदानी को मजबूत बनाने के लिए अच्छी डाइट के साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप योग, एक्सरसाइज या प्राणायाम आदि का सहारा ले सकती हैं। आइए, हठ योग एक्सपर्ट, प्रियंका सिंह से जानते हैं बच्चेदानी मजबूत बनाने के लिए प्राणायाम (Bachedani ko Majboot Banane ke Liye Pranayama)-
बच्चेदानी मजबूत करने के लिए कौन-सा प्रायाणाम करें?- Which Pranayama is Best for Uterus Health in Hindi
बच्चेदानी मजबूत बनाने के लिए आप योगासन के साथ ही प्राणायाम का सहारा भी ले सकते हैं। अगर आप कपालभाती और मूलबंधासन का नियमित अभ्यास करेंगे, तो इससे बच्चेदानी मजबूत होगी। साथ ही, बच्चेदानी में होने वाली समस्याओं से भी बचाव होगा।
1. कपालभाति- Kapalbhati for Healthy Uterus in Hindi
बच्चेदानी को मजबूत बनाने के लिए आप नियमित रूप से कपालभाति का अभ्यास (Kapalbhati Pranayama for Uterus) कर सकती हैं। कपालभाति करने से गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है। इस प्राणायाम को करने के लिए आप किसी शांत वातावरण में एक योग मैट बिछा लें। इसमें पद्मासन में बैठ जाएं और अपने हाथों को घुटनों पर रखें। इसके बाद लंबी गहरी सांस लेते हुए पेट को बाहर की तरफ निकालें। फिर सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर ले जाएं। रोजाना 15-20 मिनट कपालभाति करने से आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। कपालभाति करने से बच्चेदानी और फर्टिलिटी मजबूत बनेगी। इसलिए आपको नियमित रूप से कपालभाति प्रायाणाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
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2. मूलबंधासन- Mulabandhasana for Healthy uterus In Hindi
बच्चेदानी को मजबूत बनाने के लिए आप मूलबंधासन (Mulabandhasana Pranayama for Uterus) भी कर सकती हैं। इस आसन को रोजाना करने से आपको काफी लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि मूलबंधासन एक हठ योग पोज है, जो मूल, बंध और आसन से मिलकर बना है। इसमें मूल मतलब जड़, बंध मतलब ताला और आसन मतलब मुद्रा है। मूलबंधासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर बैठ जाएं। इस पर घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। अब अपने घुटनों को धीरे-धीरे शरीर के दोनों तरफ फैलाएं। अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए हाथों को घुटनों पर रखें। इसके बाद पेल्विक मसल्स पर ध्यान दें और उन्हें सिकोड़ें। फिर सांस लें और छोड़ें। इस आसन या मुद्रा में आप 3-4 मिनट तक बने रह सकते हैं। अगर आप रोजाना इस मुद्रा का अभ्यास करेंगे, तो इससे बच्चेदानी मजबूत बनेगी। साथ ही, कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाव होगा।
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आप भी बच्चेदानी को मजबूत बनाने के लिए इन 2 प्राणायाम का अभ्यास कर सकती हैं। लेकिन शुरुआत में इन प्रायाणाम को योग गुरु की देखरेख में ही करें।