आज की तेज रफ्तार जिंदगी में ज्यादातर लोग अपना अधिकतर समय ऑफिस में बिताते हैं, जहां उन्हें कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल स्क्रीन के सामने घंटों बैठकर काम करना पड़ता है। इस लंबे समय तक बैठने और लगातार स्क्रीन देखने की आदत का सीधा असर शरीर के कुछ खास हिस्सों पर पड़ता है, जैसे गर्दन, कंधे और आंखें। नतीजतन, बहुत से लोगों को अक्सर सिरदर्द, आंखों में जलन, गर्दन की अकड़न और कंधों में भारीपन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग अक्सर यह सवाल करते हैं कि ऑफिस वर्कर्स के लिए सबसे सही योग अभ्यास कौन सा है? कौन-से योग आसन हैं जो न केवल शरीर के तनाव को दूर करें, बल्कि मानसिक थकावट और एनर्जी की कमी को भी कम करें?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के मौके पर यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि योग के जरिए इन आम समस्याओं को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। योग न सिर्फ शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को संतुलित करता है। इस लेख में हम उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से जानेंगे, ऑफिस वर्कर्स के लिए बेस्ट योग।
ऑफिस वर्कर्स के लिए बेस्ट योगासन - Best yoga poses for office workers
1. त्राटक - Trataka
त्राटक एक ऐसा योग अभ्यास है जो आंखों की थकान को कम करने में बेहद कारगर है। कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार देखने से आंखों में जलन, ड्राईनेस और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। त्राटक इन समस्याओं को कम करने में मदद करता है। वैसे तो इसका अभ्यास दीया जलाकर या मोमबत्ती से किया जाता है लेकिन आप ऑफिस में बैठकर किसी काली बिंदू को देखकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं। आप बिंदू की सीध में 2-3 फीट दूर बैठें और फिर बिना पलक झपकाए 1-2 मिनट तक उसे एकटक देखें। जब आंखें थकने लगे तो बंद कर लें और कुछ देर आंखें बंद करके विश्राम करें।
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- त्राटक अभ्यास आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ाता है।
- आंखों की थकान और ड्राईनेस को कम करता है।
2. ग्रीवा संचालन - Neck Rotation
ऑफिस में लगातार एक ही पोजीशन में बैठने से गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव और अकड़न हो जाती है। ग्रीवा संचालन यानी गर्दन को घुमाने का सरल अभ्यास इस समस्या का समाधान है। इसके अलिए सीधे बैठ जाएं और गर्दन को धीरे-धीरे दाएं, फिर बाएं घुमाएं। फिर ऊपर की ओर देखें और नीचे की ओर झुकाएं, ऐसा हर दिशा में 5-5 बार दोहराएं।
- गर्दन की जकड़न दूर होती है।
- ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
- स्पाइन के ऊपरी हिस्से को राहत मिलती है।
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3. अर्ध चक्रासन -Ardha Chakrasana
अर्ध चक्रासन यानी हाफ मून पोज पीठ और कंधों के तनाव को दूर करने में मदद करता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और शरीर को ताजगी देता है। इसका अभ्यास करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, हाथ कमर पर रखें और फिर धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए कमर को पीछे की ओर झुकाएं। इसके साथ ही सिर को भी पीछे झुकाएं और 10-15 सेकंड इसी स्थिति में रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- कंधों, पीठ और रीढ़ की हड्डी का तनाव दूर होता है।
- शरीर में एनर्जी का संचार होता है।
- लंबी बैठकों के बाद शरीर को रिलेक्स करता है।
4. भुजंगासन - Bhujangasana
भुजंगासन या कोबरा पोज ऑफिस वर्कर्स के लिए बेहद फायदेमंद है, खासकर उनके लिए जो लंबे समय तक झुककर बैठते हैं। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और निचली कमर के दर्द को कम करता है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें। फिर धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं और नाभि तक शरीर को उठाएं और 15-30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।
- भुजंगासन का अभ्यास रीढ़ करने से रीढ़ का लचीलापन बढ़ता है।
- पीठ और गर्दन की जकड़न कम होती है।
- मानसिक थकान दूर होती है।
5. वज्रासन में प्राणायाम
वज्रासन में बैठकर किया गया प्राणायाम मन को शांत करता है और काम के प्रेशर को संभालने की शक्ति बढ़ाता है। यह आसन पाचन में भी सहायक है, जो ऑफिस वर्कर्स के लिए बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिकतर लोग असमय खाना खाते हैं। इसके लिए वज्रासन में बैठ जाएं और फिर गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। 5-10 मिनट तक ऐसा करें।
- मानसिक संतुलन बढ़ता है।
- तनाव और चिंता में कमी आती है।
- ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है।
निष्कर्ष
ऑफिस में काम करते हुए शरीर और मन पर जो नकारात्मक असर पड़ता है, उसे योग के माध्यम से कम किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक बेहतरीन अवसर है अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने का संकल्प लेने का। ऊपर बताए गए योग आसन बहुत आसान हैं और इन्हें रोजाना 15-20 मिनट देने से आप न केवल शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि मानसिक रूप से भी शांत और एनर्जेटिक रह सकते हैं।
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FAQ
गर्दन के पिछले हिस्से में अकड़न का क्या कारण है?
गर्दन के पिछले हिस्से में अकड़न आमतौर पर गलत बैठने के पॉश्चर, लंबे समय तक एक ही पोजीशन में काम करने, ज्यादा मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन देखने, तनाव या झटके लगने के कारण हो सकती है। जब गर्दन की मांसपेशियों पर बार-बार दबाव पड़ता है, तो उनमें सूजन या जकड़न आ सकती है। इसके अलावा तकिया ठीक न होना, सोने का गलत तरीका या हल्की चोट भी इसका कारण हो सकते हैं। गर्दन में खिंचाव से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे अकड़न बढ़ सकती है। हल्के योग, स्ट्रेचिंग और गर्म पानी की सिकाई से आराम मिल सकता है।आंख कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?
आंखों के कमजोर होने के कई सामान्य लक्षण होते हैं, जिन्हें पहचानकर समय रहते इलाज कराया जा सकता है। इनमें धुंधला दिखाई देना, दूर या पास की चीजों को साफ न देख पाना, लगातार सिरदर्द होना, आंखों में जलन या सूखापन महसूस होना, आंखों का जल्दी थक जाना, पढ़ते समय या स्क्रीन देखने पर आंखें मिचमिचाना, और रात में देखने में कठिनाई होना शामिल है। ऐसे लक्षण दिखें तो नेत्र चिकित्सक से जांच कराना जरूरी है।आंख कमजोर क्यों होती है?
आंखें कमजोर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारणों में आनुवांशिक प्रभाव, बढ़ती उम्र, पोषण की कमी और आंखों पर ज्यादा दबाव शामिल हैं। लगातार मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने से आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं और नजर कमजोर हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी दृष्टि यानी नजर पर असर डाल सकती हैं। सही दिनचर्या और खानपान से इस कमजोरी को रोका जा सकता है।