
Timings of BP Medicine: आजकल हर उम्र के लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगी है और इसलिए कई बार लोग बीपी की इस परेशानी को इग्नोर भी कर देते है या फिर थोड़ा भी बेहतर लगने पर दवाई बंद कर देते हैं। कई बार तो बीपी के मरीजों के लिए यह भी देखा गया है कि डॉक्टर ने जिस समय दवाई लेने को कहा है, उस समय वह दवाई नहीं लेते। इस वजह से भी मरीजों को हार्ट, स्ट्रोक या किडनी की समस्याएं अचानक देखने को मिल जाती है। इसलिए तो बीपी को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण तुरंत सामने नजर नहीं आते। इसलिए डॉक्टर हमेशा बीपी के मरीजों को समय पर दवाई लेने की सलाह देते हैं। इसके साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि ब्लड प्रेशर की दवाई सुबह या शाम किस समय लेनी चाहिए? यह जानने के लिए हमने दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के इंटरनल मेडिसिन एंड इनफेक्शन डिजीज के डायरेक्टर डॉ. अरविंद अग्रवाल (Dr. Arvind K. Agarwal, Director, Internal Medicine, Sri Balaji Action Medical Institute, Delhi) से बात की।
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बीपी की दवाई का समय क्यों महत्वपूर्ण है?
डॉ. अरविंद कहते हैं, “दरअसल, शरीर एक नेचुरल सर्केडियन रिद्म पर चलता है यानी कि दिन-रात के हिसाब से हार्मोन, ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट में भी बदलाव होता है। जब आप सुबह उठते है, तो ब्लड प्रेशर थोड़ा बढ़ा होता क्योंकि शरीर दिनभर की एक्टिविटीज के लिए तैयार होता है और रात को बीपी नेचुरली कम होता है ताकि शरीर आराम कर सके। इसलिए ब्लड प्रेशर की दवाई का समय तय करना जरूरी होता है।”

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ब्लड प्रेशर की दवाई कब लेनी चाहिए?
डॉ. अरविंद कहते हैं, “अगर आप ब्लड प्रेशर की दवाइयों की बात करते हैं, तो ये कई तरह की होती हैं। इसमें कुछ दवाइयां तो तुरंत असर करती है, तो कुछ लंबे समय के लिए होती है, जिनका असर करीब 24 घंटे तक रहता है। इसलिए मरीज की कंडीशन देखकर ही डॉक्टर तय करते हैं कि दवाई कब लेनी चाहिए। वैसे आमतौर पर अगर मरीज का बीपी सुबह बहुत ज्यादा बढ़ता है, तो उसे सुबह की दवाई दी जाती है और किसी का रात को बढ़ता है, तो उसे नींद में बैचेनी हो सकती है, इसलिए उसे रात को बीपी की दवाई दी जाती है। कुछ ऐसे भी केस आते हैं, जो नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, उनका बॉडी क्लॉक अलग हो सकता है। इसलिए उनके लिए बीपी की दवाई का शैड्यूल अलग होता है।”
गलत समय पर दवाई लेने के नुकसान
डॉ. अरविंद ने बताया कि बीपी की दवाई रेगुलर समय पर न ली जाए, तो इससे शरीर का बैलेंस बिगड़ सकता है और इससे दवाई का असर भी कम हो सकता है। इससे मरीज का बीपी अचानक कम या ज्यादा भी हो सकता है। जिन मरीजों को ये समस्या होती है, उन्हें स्ट्रोक, हार्ट अटैक या किडनी डैमेज होने का रिस्क बढ़ सकता है। कई रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग रोजाना समय पर बीपी की दवाई लेते हैं, उनमें हार्ट से जुड़ी बीमारियों का रिस्क करीब 30 फीसदी तक कम हो सकता है। जो लोग अपने मन से दवाई का समय बदलते रहते हैं, उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं रहता और इससे दवाई का असर भी कम हो सकता है। इसलिए डॉक्टर मरीज की उम्र, लाइफस्टाइल बीमारियों को चेक करके ही दवाई का समय तय करते हैं।
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ब्लड प्रेशर के मरीज को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
डॉ. अरविंद ने ब्लड प्रेशर के मरीजों को जरूरी बातें ध्यान में रखने की सलाह दी है।
- बीपी के मरीज दवाई रोजाना एक ही समय पर लें।
- जिस समय डॉक्टर ने दवाई का समय बताया है, उसी समय लेनी चाहिए।
- दवाई कभी भी अचानक से बंद न करें, इससे बीपी अचानक बढ़ सकता है।
- बीपी के मरीज नमक कम से कम लें।
- स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए मेडिटेशन और योगा करें।
- पर्याप्त नींद लें।
- दवाई लेने के लिए अलार्म जरूर लगाएं।
निष्कर्ष
डॉ. अरविंद कहते हैं कि हर किसी के लिए एक ही समय सही नहीं हो सकता। सही समय डॉक्टर ही मरीज की स्थिति देखकर बता सकते हैं, लेकिन दवाई को समय पर लेना ही इलाज का आधा हिस्सा है। यह हमेशा याद रखें कि ब्लड प्रेशर की दवाई सिर्फ बीपी मैनेज करने के लिए नहीं होती, बल्कि यह हार्ट और शरीर के दूसरे अंगों को सेहतमंद रखने का काम करती है। समय पर दवाई लेने से हार्ट और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
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Nov 12, 2025 16:00 IST
Published By : Aneesh Rawat