
आज के समय में पीठ दर्द, कमर दर्द और पैरों में दर्द होना काफी आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या बुजुर्गों के साथ-साथ कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर रही है। लंबे समय तक ऑफिस में बैठने, भारी सामान उठाने, गलत पोस्चर में बैठने या खराब लाइफस्टाइल के कारण ये समस्याएं अक्सर बढ़ जाती हैं। अक्सर लोग पैरों की नस दबने की समस्या को साइटिका से जोड़ते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। पैरों की नस दबने के पीछे का कारण सिर्फ साइटिका नहीं बल्कि अन्य कई कारण हो सकते हैं। आइए आज के इस लेख में हम कानपुर के पारस हेल्त के निदेशक- न्यूरो सर्जन, डॉ. गोपाल शुक्ला (Dr. Gopal Shukla, Director, Neurosurgery - Paras Health, Kanpur) से जानते हैं इसके बारे में।
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साइटिका के अलावा पैरों की नस दबने के कारण
डॉ. गोपाल शुक्ला का कहना है कि, साइटिका के कारण पैरों की नस दबना आम बात है, लेकिन इसके अलावा इस समस्या के ये कारण भी हो सकते हैं, जिसमें-
1. स्लिप डिस्क
रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क के खिसकने या बाहर निकलने से नस पर दबाव पड़ता है, जिससे पैर में दर्द, झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना आम समस्या है।
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2. स्पाइनल स्टेनोसिस
स्पाइनल स्टेनोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी की नलिका सिकुड़ जाती है और रीढ़ की हड्डी और नसों पर दबाव पड़ता है और पीठ, गर्दन, हाथ या पैरों में दर्द, सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी की समस्या बढ़ जाती है, जो आमतौर पर उम्र बढ़ने के कारण होती है। इस समस्या के होने पर आपको चलने पर दर्द या कमजोरी महसूस हो सकती है।
3. स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस
यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी स्थिति है, जिसमें रीढ़ की एक हड्डी दूसरी पर फिसल जाती है या पीछे की ओर खिसक जाती है, जिससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द, सुन्नपन या कमजोरी बढ़ जाती है। इसका दर्द रीढ़ की हड्डी से होते हुए पैरों तक फैल सकता है।
4. मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन
पिरिफॉर्मिस जैसी मांसपेशियों में खिंचाव या सूजन की समस्या भी अक्सर पैरों में दर्द का कारण बन सकता है। इस समस्या में आपके पैरों की नस दब सकती है, जिससे पैर में दर्द या जलन होने लगता है।
5. चोट या ट्रॉमा
किसी दुर्घटना, गिरने या खेल के दौरान चोट लगने या किसी ट्रॉमा के कारण भी पैरों की नस दब सकती है या उसमें सूजन की समस्या आ सकती है, जो पैरों में दर्द का कारण बन सकता है।
6. लंबे समय तक गलत पोस्चर
कई लोगों के उठने-बैठने, चलने आदि के दौरान शरीर और पैरों का पोस्चर गलत होता है या कई बार भारी वजन उठाने के कारण भी ये पोस्चर बिगड़ सकता है, जो पैरों की नसों पर दबाव को बढ़ा सकता है, जिससे पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है।
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7. डायबिटिक न्यूरोपैथी
डायबिटीज मरीजों के पैरों की नसें दबना भी एक आम समस्या है। डायबिटीज के मरीजों में नसों को नुकसान पहुंचने के कारण पैर में दर्द, झनझनाहट या सुन्नपन की समस्या हो सकती है।
8. गांठ या सूजन
कभी-कभी हड्डी, मांसपेशी या पैरों के आसपास के टिशू में गांठ या सूजन जैसे कारणों से भी नसें दबने लगती है, जो पैरों में दर्द का कारण बनता है।
डॉक्टर की राय
अगर आपके पैरों में लगातार दर्द, सुन्नपन, कमजोरी या चलने में परेशानी होती है तो इस समस्या को नजरअंदाज करने के स्थान पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। सही जांच और समय पर इलाज की मदद से इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है।
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FAQ
पैर की दबी हुई नस का इलाज क्या है?
पैर की दबी हुई नस के इलाज के लिए जरूरी है कि पर्याप्त तरीके से आराम करें, स्ट्रेचिंग करें, दर्द की दवा, फिजियोथेरेपी, गर्म या ठंडी सेंक और गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह पर सर्जरी करवाएं।दबी हुई नस के क्या लक्षण हैं?
नस दबने पर आपके शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसमें तेज दर्द, प्रभावित हिस्से में झुनझुनी, सुन्नपन, जलन या सुई जैसी चुभन जैसा महसूस हो सकता है। इसके साथ ही मांसपेशियों में कमजोरी की समस्या भी हो सकती है, जिसके कारण आपको चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है।नस दबने पर कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
नस दबने पर हल्की स्ट्रेचिंग और कम प्रभावशाली एक्सरसाइज जैसे पैदल चलना, तैरना, साइकिल चलाना फायदेमंद हो सकता है, जो नसों पर दबाव कम करने और ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करता है।
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Dec 20, 2025 17:14 IST
Published By : Katyayani Tiwari