
जिंक एक तरह का माइक्रो न्यूट्रिएंट है, जो इंसुलिन को बनाने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज में जिंक की भूमिका अहम होती है। अगर डायबिटिक मरीज के शरीर में जिंक की कमी है, तो ग्लूकोज का संतुलन बिगड़ सकता है। जिंक शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और सेल्स को फ्री रेडिकल्स से भी बचाता है। जिंक, इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है और शरीर में घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है, जो कि डायबिटिक मरीजों के लिए जरूरी है। नियमित रूप से सही मात्रा में जिंक का सेवन करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है और हार्ट का स्वास्थ्य बेहतर होता है, साथ ही इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है। इस लेख में हम जानेंगे डायबिटिक मरीजों के लिए जिंक के फायदे, स्रोत और सेवन का सही तरीका। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ, विकास नगर स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
ब्लड शुगर कंट्रोल करता है जिंक- Zinc Controls Blood Sugar Level

- जिंक इंसुलिन बनाने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है।
- जिंक की कमी से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है।
- नियमित जिंक सेवन से ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
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जिंक से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है- Zinc Boosts Immunity
- डायबिटिक मरीजों में इम्यूनिटी कमजोर होती है।
- जिंक, इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है।
- घाव जल्दी भरने और स्किन इंफेक्शन कम करने के लिए जिंक फायदेमंद होता है।
जिंक से एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मिलते हैं- Zinc Gives Antioxidant Benefits
- जिंक, फ्री रेडिकल्स से सेल्स को नुकसान होने से बचाता है।
- जिंक, हृदय रोग और आंखों से संबंधित समस्याओं के खतरे को कम करता है।
- जिंक, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को घटाने में भी मदद करता है।
न्यूरोपैथी और नेफ्रोपैथी से बचाव करता है जिंक- Zinc Prevents Neuropathy And Nephropathy
- जिंक से न्यूरोपैथी और नेफ्रोपैथी जैसी समस्याओं के जोखिम कम हो सकते हैं।
- आंखों और किडनी की बीमारी से बचने के लिए भी जिंक जरूरी है।
- जिंक के नियमित सेवन से डायबिटिक अल्सर और घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।
जिंक के स्रोत- Sources of Zinc
- प्राकृतिक स्रोत- कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, काजू, बादाम।
- नॉनवेज- चिकन, मछली, सीफूड जैसे शेलफिश।
- अनाज और दालें- राजमा, छोले, मसूर।
जिंक का सेवन करने का सही तरीका- How To Consume Zinc
- वयस्क रोज 8 से 11 एमजी जिंक का सेवन कर सकते हैं।
- जिंक सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- जिंक को भोजन के साथ लेना चाहिए, जिंक को खाली पेट लेने से एसिडिटी या उल्टी हो सकती है।
- ज्यादा जिंक लेने से विटामिन और मिनरल्स का संतुलन बिगड़ सकता है।
- ज्यादा जिंक लेने से उल्टी, पेट दर्द या दस्त हो सकते हैं।
- सप्लीमेंट का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही करें।
निष्कर्ष:
डायबिटिक मरीजों के लिए जिंक जरूरी है क्योंकि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। सही मात्रा और स्रोत से जिंक लेने से डायबिटीज से संबंधित समस्याओं का खतरा कम होता है।
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FAQ
जिंक की कमी से कौन सी बीमारी होती है?
जिंक की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे बार-बार इंफेक्शन, घाव न भरना, बाल झड़ना और बच्चों में ग्रोथ रुकना जैसी समस्याएं होती हैं। लंबे समय में त्वचा रोग और स्वाद की कमी भी हो सकती है।जिंक की कमी के क्या लक्षण हैं?
जिंक की कमी के लक्षणों में बाल झड़ना, नाखून कमजोर होना, बार-बार सर्दी-जुकाम होना, घाव देर से भरना, स्वाद और गंध की क्षमता कम होना, थकान और त्वचा में रैशेज शामिल हैं।जिंक कब लेना चाहिए?
जिंक को भोजन के साथ लेना सबसे अच्छा है, ताकि पेट पर असर न हो। डॉक्टर की सलाह से सुबह या रात को डोज लिया जा सकता है। खाली पेट लेने से एसिडिटी या मितली हो सकती है।
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Nov 10, 2025 07:05 IST
Published By : Anurag Gupta